भारत के गुस्से से बिलबिलाया पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में लगा रहा है गुहार!
(मनोज इष्टवाल / सम्पादकीय)
बकरे की माँ आखिर कब तक खैर मनाएगी वाली कहावत अब उस देश पर चरितार्थ हो रही है जिसकी फ़ौज ने सिर्फ और सिर्फ आतंकी तैयार किये पूरे विश्व को अशांत करने के लिए! उसके लिए सबसे बड़ा सरदर्द तो हिन्दुस्तान है जिसे वह बुत्तपरस्त देश मानता है और कहता है कि जब तक बुत्तपरस्त रहेंगे पूरे विश्व में मुसलमान का राज कायम नहीं हो सकता! ऐसे में हाल ही में पुलवामा के अवन्तिपुरा का आत्मघाती हमला हो या फिर पुलवामा पिंगलिन में सुरक्षा बलों की कार्यवाही के बाद जैश-ए.मोहम्मद के कमांडर के ढेर होने की कार्यवाही! हमने अपने 50 से ज्यादा जवान सिर्फ और सिर्फ एक ऐसे युद्ध में गँवा डाले जो कायरों की कायरता का प्रतीक है! छुपकर वार करना और बचने के लिए बच्चों युवाओं को पत्थरों के साथ आगे कर देना क्या यह कश्मीर के आम कश्मीरी की भाषा हो सकती है? लेकिन यह सब घट रहा है!

यूएन महासचिव एंतोनियो गुतेरेस
इस कार्यवाही में उत्तराखंड के दो मेजर पुलवामा आक्रमण के बाद शहीद हुए हैं पहले मेजर चित्रेश बिष्ट हुए जो बम डिस्पोज करने के एक्सपर्ट थे और राजौरी में आईईडी के शिकार हुए दूसरे मेजर विभूति ढौंडियाल हुए जो आतंकियों से लोहा लेते हुए तब शहीद हुए जब वे पत्थरबाजों को समझा रहे थे कि उनकी जिन्दगी देश के लिए कीमती है! दोनों ही बेहद युवा! मेजर चित्रेश बिष्ट की शादी के कार्ड बंट रहे थे जबकि मेजर विभूति ढौंडियाल की शादी विगत अप्रैल में एक कश्मीरी युवती से सम्पन्न हुई थी जो दिल्ली में सर्विस करती हैं!
पाकिस्तान परस्त इन कायराना घटनाओं ने जहाँ पूरे देश में उबाल ला दिया है! टेलीविजन व अखबारी मीडिया में सभी दल अपने को देश के साथ होना बता रहे हैं जोकि इस देश की अखंडता के स्वरूप को दर्शाता है वहीँ सर्वदलीय बैठक में कश्मीर से 370 हटाने पर अपने समर्थन न देने वाली कांग्रेस, वामपंथी व टीएमसी पर अंगुलियाँ जरुर उठ रही हैं! यह सब देश के आम नागरिक से छुपा नहीं है कि आये दिन पत्थरबाजों को अपना रक्षा कवच बनाने वाले इन आतंकियों के गीदड़ की खाल में छुपे सरपरस्त न सिर्फ पाकिस्तान व कश्मीर में ही हैं बल्कि दिल्ली से भी ये इन्हें संचालित कर रहे हैं!
यह सबसे आश्चर्यजनक है कि उत्तराखंड जैसे शांत प्रदेश में भी कश्मीरी ऐसे युवा व युवतियां विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में हैं जो खुलेमन से पाकिस्तान जिंदाबाद और हाउ इज जैश..! जैसे नारे बुलंद कर रहे हैं! यही हाल हिमाचल प्रदेश का भी है जहाँ कई कश्मीरियों को ऐसी ही गतिविधियों में गिरफ्तार भी किया गया है! राजस्थान के बीकानेर जिले के जिलाधिकारी ने इस से उपर उठकर कार्यवाही करते हुए कश्मीरियों को 48 घंटे में जिला छोड़ने की चेतावनी दे डाली है! वहीँ अजमेर शरीफ के मौलवी ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी पाकिस्तानी को यहाँ आने की इजाजत न दी जाय क्योंकि वे अपने साथ आतंकियों को लेकर आते हैं!
इन सब घटनाओं के दृष्टिगत रखते हुए जहाँ देश के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट चेतावनी दे दी है कि पडोसी मुल्क परिणाम भुगतने को तैयार रहे वहीँ ईरान ने तो अपना बदला पाकिस्तान से चुकता कर ही दिया है ! ईरान के फिदायनी हमले में पाकिस्तान के 9 सैनिक मारे गए व 12 गंभीर रूप से घायल बताये जा रहे हैं! यह संख्या ज्यादा भी हो सकती है! इधर समस्त यूरोप द्वारा पकिस्तान को ब्लैक लिस्ट किये जाने की खबर ने पाकिस्तान को और डरा दिया है! भारत द्वारा लगभग 20 देशों के राजदूतों के साथ मंत्रणा व ईरान के राष्ट्रपति का भारत दौरा जहाँ पाकिस्तान पर सीढ़ी सीढ़ी कूटनीतिक जीत है वहीँ चीन द्वारा भी इस मामले में भारत की पैरोकारी करने के बाद अब पाकिस्तान बुरी तरह से डर गया है!

पाकिस्तान के दूसरे प्रधानमंत्री कहे जाने वाले शाहिद खाकान अब्बासी के इस बयान के बाद इमरान सरकार और बुरी तरह से डरी हुई महसूस कर रही है कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री मात्र एक मोहरा है सब कुछ पाक फ़ौज करती है! क्योंकि पाक फ़ौज में आतंकी भरे पड़े हैं ऐसे में ये बात साफ़ है कि पाकिस्तान आतंकी समर्थक देश है और वह आतंकवाद को पालता पोसता है लेकिन इस बार उसे ऐसा जवाब मिलेगा कि उसकी रूह काँप उठेगी! तड़प तड़प के मरेगा पाकिस्तान!
वहीँ पाक मीडिया ने भी विगत दिनों यह स्पष्ट कर दिया था कि ऐसी घटना के बाद पाकिस्तान को कहीं बड़ी कीमत न चुकानी पड़े क्योंकि पाकिस्तान की अर्थब्यवस्था कंगाली के दौर से गुजर रही है! ऐसे में पाकिस्तान एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र (UN) की शरण में पहुंच गया है! पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने फिर वही पुरानी परिपाठी अपनाते हुए यूएन महासचिव एंतोनियो गुतेरेस को चिट्ठी लिख भारत की शिकायत की है कि “पुलवामा हमले के बाद से ही भारत सरकार ने तनाव बढ़ाना शुरू कर दिया है.उन्होंने कहा कि अगर पुलवामा हमले में पाकिस्तान का कोई संबंध है, तो भारत को इसके सबूत देने चाहिए! हम अपनी निष्पक्ष जांच कराएंगे! उन्होंने लिखा कि यूएन को कार्यवाही करते हुए भारत को कहना चाहिए कि ऐसे तनाव को रोका जाए!”
बहरहाल यह बात साफ़ हो गयी है कि पाकिस्तान समझ गया है कि इस बार उसका बचना मुश्किल है, क्योंकि भारत द्वारा एमएफएन का दर्जा छीन लेना और कस्टम ड्यूटी 200% बढ़ा देना तो कुछ भी नहीं है ये तो सिर्फ शुरुआत है! लेकिन विश्व स्तर पर उसे ब्लैकलिस्ट किया जाना! अमेरिका, रूस, इजराइल, ब्रिटेन, ईरान सहित लगभग तीन दर्जन शक्तिशाली देशों भारत के पक्ष में खड़ा हो जाने से उसकी हालत बेहद पतली है! सिर्फ चीन ही एक ऐसा अविश्वनीय देश है जिस पर रति भर भी भरोंसा नहीं किया जा सकता क्योंकि उसने जो कोरिडोर चीन व पाकिस्तान के बीच बनाया है और जिस तरह वह पूर्व में हिन्दू चीनी भाई भाई के नारे लगाता हुआ अरुणाचल व उत्तराखंड तक घुस आया था वह साबित करता है कि यह भरोंसे के काबिल देश नहीं है!
यह हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान हर बार सबूत मांगता रहता है लेकिन जब उसको सबूत सौंपे जाते हैं तब वह सबूत पर कभी कोई एक्शन नहीं लेता! 26 /11 मुंबई आतंकी हमले का सबूत दिया, खुद नवाज़ शरीफ ने मान लिया कि हाँ आतंकी पाकिस्तान के ही थे,फिर भी कोई एक्शन नहीं हुआ. पठानकोट, उरी सबके सबूत दिए कोई एक्शन नहीं हुआ! इसके बावजूद हाफिज सईद खुलेआम घूमता है भारत और मोदी के खिलाफ ज़हर उगलता है चुनाव भी लड़ता है! इसलिए अब भारत सबूत नहीं देगा सिर्फ मुहतोड़ जवाब देगा! यहाँ बस देश के लिए सभी पार्टियों को एकजुट खड़े होने की जरूरत है नकि राजनीतिक लाभ हानि देखने की!