ब्लैक मनी जमा करने वालों ने लगाई देश पर 16 हजार करोड़ से अधिक की चपत्त..!
देहरादून/नई दिल्ली (हि. डिस्कवर)
यकीनन देश के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले से जहाँ महीनों तक देश के लोग अर्थ-ब्यवस्था से जूझते रहे वहीँ उनका यह निर्णय अब आईने की तरह साफ़ दिखाई देने लगा है क्योंकि ब्लैक मनी या राष्ट्रद्रोही कार्यो में होने वाली मनी लांड्रिंग पर प्रचलित मुद्रा लगभग 16 हजार करोड़ के हजार व पांच सौ के नोट आज भी रिजर्व बैंक में जमा नहीं हुए जिस से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि देश को अराजकता के मुहाने पर ले जाने के लिए कितनी ताकतें व कितने ऐसे चोर बैठे थे !
500 व 1000 के नोट छिपाकर रखने वाले इन लोगों के लिए अब ये नोट सिर्फ कागज़ के टुकड़ों के समान हैं क्योंकि सरकार ने अब इन्हें पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है जो कि आम जनता के लिए एक अच्छा सन्देश है. ये नोट आज भी काली कमाई वालों की तिजोरियों या बोरों में इस आशय से ठुंसे पड़े हैं कि आज नहीं तो कल सरकार इन्हें वापस ले ही लेंगी लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सालाना रिपोर्ट में नोटबंदी के बाद वापस आये प्रतिबंधित नोटों के आंकड़े का एलान करते हुए बताया है कि नोटबंदी लागू होने के दिन 500 रूपये के 1,716.6 करोड़ रुपये बाजार में थे जबकि 1000 के 685.8 करोड़ नोट !
आंकड़ों में बताया गया कि आर बी आई में 15.28 लाख करोड़ नोट हि वापस आये जबकि 16.050 करोड़ वापस नहीं आये इस से साफ़ तौर पर जाहिर है कि ये नोट अब उन कालेधन वालों की तिजौरियों में सड रहे हैं जिनके पास इनके आने का कोई प्रूफ नहीं है.
ज्ञात होकी 28 नवम्बर 2016 में मोदी सरकार द्वारा 500 व 1000 के नोटों को प्रचलन में लाने के बंद के एलान के समय 500 व 1000 के कुल 15.44 लाख हजार करोड़ रूपये के नोट प्रचालन में थे जो समय जो निर्धारित समय सीमा यानि 30 जून 2016 नोटबंदी तक 15.28 लाख करोड़ ही वापस आ पाए थे. वहीँ एक अनुमान है कि नोटबंदी के दौर में जमा नोटों में लगभग3 लाख नोट ऐसे आये हैं जो जाली नोट हैं.