बेवड़धार -लुहन बैंड 'मोटर मार्ग 'सिर्फ सपनों में…!

बेवड़धार -लुहन बैंड ‘मोटर मार्ग ‘सिर्फ सपनों में…!
(उषा नेगी)
सड़क स्वीकृत होने के बाद भी 21 वीं सदी में प्रदेश की राजधानी से सटा कालसी ब्लॉक का कई क्षेत्र आज भी सड़क विहीन ही है! सबसे बड़ा दुर्भाग्य तो यह है कि सरकारें सर्वेक्षण में तो लाखों खर्च कर देती हैं लेकिन उन्हें अमल में लेन का प्रयास नहीं करती हैं| यही स्थिति है देहरादून से सटे कालसी ब्लॉक की जहाँ के लोग आज भी डंडी -कंडी पर मरीज को लेकर 30 किलोमीटर का पैदल सफर कर अस्पताल पहुंच रहे हैं | फाइलों में स्वीकृत बेवड़धार -लुहन बैंड मोटर मार्ग ,जिसका सर्वेक्षण वर्ष 1975 में हुआ था लेकिन अफ़सोस के साथ कसना पड़ता है कि आज 42 साल बीतने के बाद भी यह सड़क क्षेत्र के सात हजार ग्रामीणों के सपनों को पूरा नहीं कर पाई है |सर्वेक्षण के बाद 13 गांवों के लोगों को लगने लगा था की उनका सड़क से जुड़ने का सपना साकार होने वाला है लेकिन अफ़सोस के साथ कहना पड़ता है कि सरकारें इन गांवों सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए ईमानदार प्रयास करती नजर नहीं आ रहीं हैं|

सड़क को विकास का सबसे बड़ा पैमाना मन जाता है लेकिन उत्तराखण्ड में आज भी कई गाँव सड़कविहीन हैं |कालसी तहसील क्षेत्र का बेवडाधार -लुहन बैंड मोटर मार्ग इसका एक उदाहरण है जहाँ शासन से स्वीकृति के बाद वर्ष 1975 में मोटर मार्ग के लिए सर्वेक्षण किया गया था लेकिन सड़क सर्वे से आगे नहीं बढ़ पायी |इसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र के 13 गाँव आज भी सड़क सुविधा के लिए
तरस रहे हैं | भालनू भातली खेडा ,असायता ,भोड़ा ,काहा ,नेहरा ,पुनाहा,कम्हरोड़ा  आदि घंवों में सड़क सुविधा नहीं होने से लोगों को रोजाना मुसीबतों का सामना करना पड़ता है |मरीजों को आज भी यहाँ डंडी -कंडी के सहारे 20 से 30 किलोमीटर तक लाया जाता है और फिर गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया जाता है |काश्तकारों को अपनी नकदी फसल मंदी तक लेन के लिए घोड़े एवम खच्चरों का सहारा लेना पड़ता है जिसके लिए उन्हें अतिरिक्त भाडा देना पड़ता है | एसडीएम ,कालसी बीकेतिवारी का कहना है कि सड़क का निर्माण कार्य किन कारणों से अभी तक शुरू नहीं हो पाया ,इसकी जाँच कराकर सम्बन्धित विभाग को उचित कार्यवाही के निर्देश दिए जायेंगे और प्रयास किया जाएगा
जल्द से जल्द सड़क निर्माण का कार्य शुरू कराया जाएगा |स्थानीय लोंगों की उम्मीदें धूमिल हो चुकी हैं |गांवों के बुजुर्ग हो चुके लोगों में सरकार के प्रति निराशा का भाव है |स्थानीय निवासी दीवान सिंह भंडारी ,प्रेम दत्त भट्ट ,मोहनलाल भट्ट और कुँवरसिंह चौहान बताते हैं कि 42 वर्षों में सड़क के नाम पर विभाग ने एक पत्थर तक नहीं रखा |भविष्य में उम्मीद की जाती है कि सरकार इस ओर भी ध्यान देगी और उनकी समस्याओं के निवारण का प्रयास करेगी

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