बेटियों की बेकद्री में एक बेटी का सुसाइड नोट!

नैनीताल 28 मार्च (हि.डिस्कवर)
सातवीं की छात्रा ज्योति ने शुक्रवार को जहर पीकर आत्महत्या कर ली। उसने यह सुसाइड नोट परिवारजनों के नाम लिखा है। वह उच्च न्यायालय में तैनात एलआइयू के दरोगा सतनाम कंबोज की बेटी थी। उनका परिवार काठगोदाम क्षेत्र के पॉलीशीट में किराये पर रहता है।

ज्योति आये दिन उन तानों से परेशान थी जो वह उस हर बेटी के बारे में सुना करती थी जो उसके ही जैसे थी. सिर्फ सातवीं कक्षा में पढने वाली इस बेटी के मन में ऐसा बिषाक्त भरा कि उसने जीवन ही त्याग दिया.
उसके सुसाइड नोट में लिखा था कि -हमारी दुनिया बहुत अलग है। जब लड़की कुछ गलत करती है तो सब लोग उस पर उंगली उठाते हैं। शायद मैंने भी कोई गलत करा होगा, जो मुझे लड़की के रूप में जन्म मिला। तुम लड़की हो, लड़कों से अच्छा नहीं कर सकती, समाज यही कहता है। बहुत खुशनसीब होंगी वो लड़कियां, जो खुद समाज में अपनी नई पहचान बनाती हैं। कुछ को तो घर से बाहर कदम रखते ही बहुत बड़ी सजा मिलती है। कभी किसी लड़के से मत बोलो, वो तुम्हें बिगाड़ देगा, तुम हमारी नाक कटा दोगी, लड़कियों को हमेशा ऐसा ही समझा जाता है और वो चुपचाप सब सहन कर लेती है। मैं आपको अपने बारे में कुछ बताना चाहती हूं, मैं बहुत परेशान हूं। पता नहीं मैं गलत हूं या मेरे जीने का तरीका…।
सचमुच बेटियों पर बढ़ते ऐसे दबाब से आज कई मासूम ऐसे निर्णय ले लेती हैं जो आम कल्पना से बहुत दूर के होते हैं. ज्योति हमारे परिवेश की वह हर लड़की है जिसकी भावनाएं हम नहीं समझ पाते और वह यूँ रुखसत हो जाती है.

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