प्रदेश में एनसीआरटी की पुस्तकों के लिए जिलाधिकारियों को आदेश!

देहरादून 8 अप्रैल 2018 (हि. डिस्कवर)
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं कि सभी छात्रों एवं अभिभावकों को बुक सेलरों एवं रीटेलर के माध्यम से एनसीईआरटी की पुस्तकें उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी बुक सेलरों को निर्देशित किया जाए कि रिटेलरों को उनकी आवश्यकतानुसार एनसीईआरटी की पुस्तकें उपलब्ध कराई जाए। यदि कोई पाठ्य पुस्तक विक्रेता कम मात्रा में पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए मना करता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। एनसीईआरटी की पुस्तकों को छोटे बुक सेलरों को उनकी आवश्यकतानुसार उपलब्ध न कराने एवं जबर्दस्ती स्टाॅक रखने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री  से कुछ बुक सेलरों ने शिकायत की थी कि बड़े बुक सेलर कम मात्रा में पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए मना कर रहे हैं। इस शिकायत को मुख्यमंत्री  ने गम्भीरतापूर्वक लेते हुए ऐसे प्रकरणों पर सम्बन्धितों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश जिलाधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि छात्रों एवं अभिभावकों को प्रमाणिक पुस्तकें उपलब्ध कराई जाए।

मुख्यमंत्री का यह फैसला स्वागत योग्य कहा जा सकता है लेकिन क्या मुख्यमंत्री या जिलाधिकारी देहरादून एक ऐसे बुकसेलर  घोसी गली काम्प्लेक्स  में जिसकी तीन तीन दुकानें हैं, पर लगाम लगा सकती है जो कापी किताब का बिल नहीं देता है और अगर मांगों तो बेहद अभद्रता के साथ पेश आता है! इस सम्बन्ध में कई बार इसकी शिकायत भी हुई है लेकिन जाने इस बुकसेलर ने ऐसा क्या जादुई चिराग रखा हुआ है कि वह चाहे वह कोई अधिकारी हो या कर्मचारी सबको हड्काकर कहता है बिल नहीं दूंगा तुझे जो करना है कर ले! कोई मेरा बाल भी नहीं उखाड़ सकता! काश…मुख्यमंत्री ऐसे बुकसेलर पर कठोरतम कार्यवाही करते और ग्राहक लुटने से बचते! क्योंकि जितनी भी इंग्लिश मीडियम के बड़े स्कूल हैं वहां के सारे विद्यालयों में इसी के यहाँ से किताबे जाती हैं व यहीं से कापियां भी! इसलिए आम ग्राहक की यह मजबूरी होती है कि यहीं से पुस्तकें खरीदे!
 

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