प्रदेश की भाजपा सरकार! "टीआरपी" के साथ कहीं विकेट ही न गिर जाए!

प्रदेश की भाजपा सरकार! “टीआरपी” के साथ कहीं विकेट ही न गिर जाए!
(पत्रकार प्रदीप रावत “रंवाल्टा” की कलम से)
प्रकाश पांडे को गए कुछ ही दिन हुए हैं। सरकार पर एक और ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है। यह किसी की मौत का नहीं। सबके महाराज सतपाल महाराज की नाराजगी का है। सवाल केवल सतपाल महाराज का ही नहीं। जिन बागियों के दम पर कांग्रेस सरकार पर ग्रहण लगा था। वही ग्रहण अब भाजपा पर भी लगने जा रहा है। भाजपा के लिए राहत की बात यह है कि इनकी नाराजगी से सरकार तो नहीं हिलने वाली, त्रिवेंद्र सिंह रावत का विकेट जरूर गिर सकता है। ऐसा हुआ तो भाजपा अपना इतिहास दोहराएगी और इस अभागे उत्तराखंड पर थोपा जाएगा एक और मुख्यमंत्री। पिछले कुछ दिनों से इस तरह की चर्चाओं का बाजार भी गर्म है। सुना तो यह भी है कि केंद्र में जा चुके एक पूर्व मुख्यमंत्री भी फिर वनवास समाप्त कर वापस लौटना चाहते हैं। इधर त्रिवेंद्र सरकार की सुस्ती भी लोगों को अखरने लगी है। लोगों की मानें तो सीएम साहब को पूर्व सीएम हरीश रावत ने भांग पिला दी है। इसीलिए उनकी राह चल रहे हैं। चुनाव में भाजपा के अजय भले ही विजय हासिल नहीं कर पाए, लेकिन अध्यक्ष की कुर्सी जीत गए। गैरसैंण पर चुनाव से पहले और बाद के बयानों पर घिरे तो बयान बदल डाले। कांग्रेस राज में आवंटित खनन पट्टों को जारी रखने पर अजय भट्ट ने सीएम की खिलाफत की। यह भी सीएम टीएसआर के लिए अच्छा नहीं माना जा रहा। दूसरा यह कि प्रदेश के छोटे नेता बड़ा बनने की रेस में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। छोटे होने का मतलब आप अपने हिसाब से लगा सकते हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत को यह सोचना चाहिए कि अगर सतपाल महाराज एक सामान्य कार्यकर्ता भी होते, तभ भी उनकी जगह मंच पर ना सही पहली पंक्ती में तो बनती ही है। इसी तरह चलता रहा तो सीएम साहब को उनका “आप जानते ही हैं मेरी आदत” वाला डायलॉग, मुफ्त और सरकारी खजाने से पल रहे सलाहकार डुबो कर ही छोड़ेंगे। केवल सतपाल ही नहीं हरक सिंह रावत की नाराजगी सीएम से जगजाहिर है। पार्टी कार्यकर्ता भी नाराज चल रहे हैं। कुछ बड़े नेता ही कोपभवन में बताए जा रहे हैं। हद हो गई बेचारे सतपाल महाराज की ऐसी गत पहले कभी नहीं हुई। भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में कार्यकर्ताओं के पीछे आखिरी लाइन की आखिरी कुर्सी। सोच रहे होंगे। इससे बढ़िया तो कांग्रेस ही थी। रुतबा था महाराज का….।….राधे-राधे…।

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