" प्रकृति ने स्वर्ग से बरसाए फूल"..! बद्रीनाथ के कपाट बंद होने से पूर्व बर्फ के फाहों से सुशोभित हुई बदरी पुरी।
“””” प्रकृति ने भी स्वर्ग से फूल बिखेरे “”
बदरीनाथ के कपाट बंद होने से पूर्व बर्फ की फाहों से सुशोभित हुयी बदरी पुरी ।
साभार वरिष्ठ पत्रकार क्रान्ति भट्ट एवं कमलनयन बहुगुणा की कलम से-
** सचमुच आस्था है , विस्वास है , श्रद्धा है तो आसमान से देवताओं को भी जमीन पर उतरना ही पडेगा ।बदरीनाथ में जहां ” श्री हरि ” लोक कल्याण के लिये तप मुद्रा में हैं । मंदिर के कपाट कल रविवार को सांय बंद होने होने हैं । पर भगवान के दर्शन के लिए और कपाट बंद पर जिस तरह से मंदिर और भगवान को पुष्पों के श्रृंगार से मानव श्रृंगारित करता है । आसमान से देवताओं ने भी कपाट बंद होने से पूर्व सफेद फूल ” बर्फ ” के रुप में बदरी नाथ में बिखेर दिये हैं ।
शुक्रवार की रात्रि से ही बदरी नाथ खूब बर्फ गिर रही है । अभी भी जारी है । एक ओर बदरीनाथ जी का मंदिर फूलों से मानव सजा रहे हैं उसी वक्त आसमान ने भी भगवान के कपाट बंदी से पूर्व आसमान से अपने हिस्से के फूल बर्फ के रुप में बदरी पुरी और मंदिर के प्रांगण में बिखेर दियें हैं भगवान के चरणों में बिखेरे हैं । रूई की फाहों की तरह गिरती बर्फ और कुदरत का यह अदभुत नजारा देखते ही बन रहा है । ”
भगवान के दर्शन और प्रकृति के इस अदभुत सौंदर्य को देख यहां आये यात्री अभिभूत हैं । नीलकंठ जी विराट स्वरूप , दिब्य सिंहद्वार , बदरीनाथ जी मंदिर का स्वर्ण छत्र और चारों ओर चांदी की तरह बिखरी बर्फ । अदभुत सौंदर्य उत्पन्न कर रहा है ।