पिरूल बनेगा कमाई का जरिया- मुख्यमंत्री

रुद्रपुर/देहरादून 15 मई 2018 (हि. डिस्कवर)

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ओएनजीसी सभागार से उत्तराखण्ड के प्रथम सीजीडी (सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन) रूद्रपुर, उधमसिंहनगर का शुभारम्भ किया। यह उत्तराखण्ड का पहला तथा देश का आठवाॅं सीजीडी है। 500 किलोमीटर की यह पाइप लाइन 2020 तक पूरी हो जाएगी। इसके द्वारा 2000 लोगो को रोजगार मिलेगा इस पाइप लाइन के अन्र्तगत जसपुर में एक, काशीपुर में दो, बाजपुर में एक, रूद्रपुर में तीन, किच्छा में एक, खटीमा में एक तथा कुल मिलाकर 10 स्थानों को सीएनजी स्टेशन के लिए चिहनित किया गया है। लगभग 250 करोड़ रूपये  की इस परियोजना से उत्तराखण्ड में काशीपुर से रूद्रपुर/पन्तनगर तक क्षेत्र   आच्छादित करेगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने पेट्रोलियम एवं नेचुरल रेग्यूलेट्री बोर्ड द्वारा आयोजित 9वें सीजीडी  बिडिंग राउन्ड रोड शो में प्रतिभाग किया।
 
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रूद्रपुर वासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पेट्रोलियम एवं नेचुरल रेग्यूलेट्री बोर्ड तथा  अदानी गु्रप के संयुक्त प्रयासो से आज रूद्रपुर में घरेलू गैस की आपूर्ति गैस पाइप लाइन द्वारा आरम्भ हो गई है। राज्य सरकार के छः माह पूरे होने पर हमने वादा किया था कि दून वैली को भी सीएनजी, पीएनजी पर निर्भर बनाएगे। आज हम इस दिशा में आगे बढे है, आशा है कि 2019 तक देहरादून में भी सीएनजी, पीएनजी की सुविधा उपलब्ध होगी। देहरादून एवं दून वैली पर्यावरण की दृष्टि से सवेंदनशील है। उत्तराखण्ड पुरे देश को प्राणवायु देता है। यह महत्वपूर्ण पहल है।  हिमालय तथा उत्तराखण्ड के जंगल, नदियाॅ तथा पर्यावरण देश के लिए वरदान है। राज्य सरकार द्वारा पिरूल से बिजली बनाने का निर्णय लिया है। हमारे जंगलों में लगभग लाख मीट्रिक टन है।  पिरूल को आय का जरिया बनाया जाएगा, तारपीन बायोफयूल आदि का उत्पादन किया जाएगा। इस योजना से 60000 लोगो को रोजगार मिलेगा तथा 150 मेगावाॅट बिजली पैदा होगी। बायोफयूल उत्पादन के लिए देहरादून के भूमि आवंटित की जा रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि पर्यावरण संरक्षण के साथ ही पलायन पर प्रभावी अकुंश लगाया जा सके।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निवेशकों से अपील की किसी भी परियोजना या योजना पर काम करते हुए हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि इसके माध्यम से कितने लोगो को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण सरंक्षण के साथ ही पलायन राज्य की गम्भीर समस्या है। शासन के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि योजनाओं के निमार्ण समय इस बात का विशेष ध्यान रखे कि योजनाओं के माध्यम से अधिकाधिक रोजगार के अवसर पैदा हो। रोजगार का मतलब स्वरोजगार है ना कि सरकारी नौकरी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वरोजगार से ही पलायन पर प्रभावी अकुंश लग सकता है।
पेट्रोलियम एवं नेचुरल रेग्यूलेट्री बोर्ड के अध्यक्ष  जी के श्राफ  ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सीजीडी के लिए अच्छा सहयोग दिया जा रहा है। उत्तराखण्ड में हरिद्वार तथा उधम सिंह नगर इस पर कार्य किया जा रहा है। देहरादून के लिए निवेशकों को आमत्रिंत किया जा रहा है। गेल द्वारा 2019 तक हरिद्वार में गैस पाइप लाइन पर कार्य पूरा कर लिया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहयोग दिया जा रहा है। इस सम्बन्ध में सभी प्रकार के अनुमोदन शीघ््रा प्राप्त हो रहे है। देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र, ऋषिकेश के औद्योगिक क्षेत्र में शीघ््रा ही सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन आरम्भ किया जाएगा।
कार्यक्रम को पेट्रोलियम एवं नेचुरल रेग्यूलेट्री बोर्ड के सदस्य श्री एस पी गर्ग, अतिरिक्त सलाहकार पीएनजीआरबी श्री अरविन्द कुमार आदि ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर पीएनजीआरबी की अधिकारी, अदानी गु्रप के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या मंे निवेशक भी उपस्थित थे।

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