पारिवारिक शांति एवं तनाव मुक्ति हेतु राजयोग अनुभुति शिविर समारोह का विधान सभा अध्यक्ष ने किया शुभारम्भ!
श्रीनगर 3 अक्टूबर (हि.डिस्कवर)
प्रजापति ब्र्रह्याकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आयोजित कार्यक्रम में विश्वविख्यात राजयोगिनी ब्र्रह्याकुमारी ऊषा बहन ने तनाव
मुक्त रहकर बीमारियों से निपटने के गुर सिखाते हुए कहा कि एक छोटी सी लड़ाई से हम प्यार करते हैं इससे तो अच्छा हैं की प्यार से हम अपनी लड़ाई खत्म करे। व्यर्थ कार्य जीवन को थका देता हैं, रचनात्मक कार्य सुख और तेज बढ़ा देता हैं। उन्होंने कहा कि खुश रहने के लिये हमें किसी वजह की जरूरत नहीं होनी चाहिए क्योंकि हमसे हमारी खुशी की वजह किसी भी वक्त छीन ली जा
सकती हैं। दूसरों की नजरों में अच्छा बनने से पहले खुद के नजरों में अच्छा बनो।
आलौकिक महोत्सव पर प्रेम चन्द अग्रवाल जी ने अपनी अभिव्यक्ति में कहा कि मानव जीवन में परोपकार का लक्ष्य निर्धारित करके निस्काम भाव से सेवा करने की जरूरत है। हम सभी को अपने कल्याण के लिए सेवाभाव में लीन होकर सार्थक कार्य करने चाहिए। श्री अग्रवाल ने ज्ञान, समर्पण, भाव, आनंद, सुख-दुख इत्यादि विषयों पर जनता के सामने अपने विचार रखे।
इस अवसर पर गढ़वाल मण्डल विकास निगम, श्रीनगर में औपचारिक वार्ता के दौरान अग्रवाल ने कहा कि सरकार प्रदेश हित में अच्छा कार्य कर रही है एवं जिस उत्तराखण्ड की हम सब लोगों ने कल्पना की है उस ओर प्रदेश सरकार अग्रसर है। उन्होंने कहा कि अभी तक विधान सभा में हमने संस्कृत को लेकर उचित कदम उठाये है अब आगे हम प्रदेश की संस्कृति को लेकर कार्य कर रहे है। जिसके अनुरूप हम विधान सभा में गढ़वाली, कुमाऊनी एवं जौनसारी संस्कृति को बढ़ावा देगें। अग्रवाल ने कहा कि विधान सभा परिसर में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपनी लोक संस्कृति की झलक देखने को मिले
इस अवसर पर ब्र्रह्याकुमारी ऊषा बहन, नीलम बहन, मेहेर चन्द असन्द, राकेश ध्यानी, अनुप बहुगुणा, जितेन्द्र रावत, अनिता बूडाकोटी, रश्मि रतुड़ी, प्रमिला भण्डारी, सूरज घिल्डियाल इत्यादि मौजूद रहे.