पर्यटकों के लिए सजने लगी है नयार घाटी! मुख्यमंत्री व पर्यटन विभाग की जुगलबंदी से उड़ने लगे पावर पैराग्लाइडर्स!
(मनोज इष्टवाल)

विगत दो दिनों से पूर्वी व पश्चिमी नयार घाटी के लोग हवा में लहराते अटखेली खाते बड़ी-बड़ी पतंगों के पतंगबाजों को आसमान में झूलते अपनी गति से कभी उत्तर वाहिनी नारद गंगा में देखते तो कभी पूर्वी नयार की सरहदों पर बसे गाँव की ओर तो कभी पश्चिमी नयार के ऊपर से तैरते इन मतवालों को देखने के लिए घरों से बाहर आँगन या फिर छत्तों से बेहद कौतुहल से देखते हाथ हिलाते, ख़ुशी जाहिर करते जनमानस के लिए यह एकदम नया व अलग नजारा था! सब के दिली-दिमाग में बस एक ही प्रश्न था कि आखिर यह हो क्या रहा है?
उन्हें शायद यह भान तक नहीं है कि अब नयार घाटी के दिन फिर से बहुरने लगे हैं क्योंकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की सपनों की झील व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की परिकल्पना की उड़ान दोनों ने ही यहाँ पाँव पसारने शुरू कर दिए हैं!

जानकारी दे दें कि लैंसडाउन में हर साल अनियंत्रित होते पर्यटकों की भीड़ का ध्यान नयार घाटी की ओर खींचने के लिए जिलाधिकारी पौड़ी धिराज गर्ब्याल ने एक मास्टर प्लान बनाया है जिसमें नयार घाटी में पर्यटन की सम्भावनाओं को तलाश करने के लिए विभिन्न जलक्रीडाएं, पैराग्लाइडिंग सहित पौड़ी शहर में ठंडी सडक या माल रोड बनाए जाने पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है! जिसमें पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के दिशा निर्देश पर पर्यटन विभाग व जिला योजना के तहत जिलाधिकारी पूरे पौड़ी जिले को पर्यटन मैप पर लाने के लिए तेजी से कार्य कर रहे हैं जिसकी मोनिटरिंग स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कर रहे हैं!

विश्व रिकॉर्डधारी हासा (हिमालयन ऐरो स्पोर्ट्स एसोसिएशन) वायस प्रेजिडेंट मनीष जोशी जानकारी देते हुए कहते हैं कि जिलाधिकारी के प्रोपोजल पर व पर्यटन विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार मुझे ऐसी जगह चिन्हित करने का कार्य सौंपा गया था जो पैराग्लाइडर या पैरामोटर चालित ग्लाइडर्स उड़ाने के लिए मुफीद हों ! इसके लिए एक टीम तैयार की गयी जिसमें हासा द्वारा पैरामोटर पायलट विनय कुमार व हर्ष सचान तथा पैराग्लाइडर पायलट विक्रम सिंह नेगी के अनुभवों का लाभ लेने के लिए हिमालयन ऐरो स्पोर्ट्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सुभांग रतूड़ी की पहल पर इसे विस्तार दिया गया!

ज्ञात हो कि हाल ही में देहरादून में आयोजित मालदेवता पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल में भारत भर के 75 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। बीएसएफ कमांडेंट राजकुमार नेगी (मूल रूप से पौड़ी) इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण कारक थे। उत्तराखंड में ही नहीं शायद सम्पैपूर्राण देश में पौड़ी ग्लाइडर्स व पैरामोटर्स हवाई अड्डों की माँ कही जाती रही है। स्थानीय पौड़ी के युवा मनीष जोशी परीक्षण के साथ इस प्रयोगात्मक माइक्रोफ्लाइट विमान के साथ विगत सदी में अस्सी के दशक में कंडोलिया और कंड़ारा गाँव में उड़ते हुए दिखाई देते थे, जो कि 1983 की शुरुआत में था! सन 1984-85 में उन्होंने सबसे लम्बे समय तक हवा में एयरक्राफ्ट पकड़े रखने का विश्व रिकॉर्ड बनाया जो अंततः जॉलीग्रांट एयरफ़ील्ड को लैंडिंग करता है। इसके बाद मनीष जोशी द्वारा 1996 में कंडारा ग्लाइडिंग साइट (हिमालयन पैराग्लाइडिंग इंस्टीट्यूट) में अपना पहला पैरा ग्लाइडिंग ट्रेनिंग स्कूल शुरू किया गया।
जिलाधिकारी पौड़ी धिराज गर्ब्याल से हुई दूरभाष में बातचीत के दौरान उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के दिशानिर्देशों के आधार पर उन्होंने नयार घाटी के लिए पर्यटन विभाग की योजना को अमलीजामा पहनाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं! इसके लिए उन्होंने स्वयं पौड़ी गढ़वाल के विभिन्न स्थलों का निरिक्षण किया व अंत में पाया कि लैंसडाउन में पौड़ी गढ़वाल का सबसे अधिक पर्यटक आता है!

दिल्ली से लैंसडौन और जिला पौड़ी गढ़वाल के स्थानीय लोगों के प्रवास के लिए पर्यटकों की बड़ी आमद को देखते हुए उन्होंने सतपुली के बंजर खेतों को बदलने की योजना तैयार की, जिलाधिकारी ने कहा कि बेतहासा रूप से पलायन कर चुके या पलायन को तैयार बैठे लोगों के बंजर खेतों और धरोहरों को खेल के शौकीन पर्यटकों के लिए एक योजना के तहत इस्तेमाल करने का तरीका ईजाद किया जिससे आगामी समय में पलायन पर अंकुश तो लगेगा ही साथ ही पलायन कर चुके लोग पुनः अपनी जड़ों में वापसी को मजबूर होंगे! उन्होंने कहा कि इस सब पर इनपुट देने के लिए उन्होंने विश्व रिकॉर्डधारी मनीष जोशी को आमंत्रित किया।

जिलाधिकारी के इस दृष्टिकोण पर पर्यटन विभाग योजना भी साकार साबित हुई! परिणामस्वरूप इस क्षेत्र को उत्तर भारत में सबसे बड़े फ्लाइंग हब में परिवर्तित करने की एक बड़ी संभावना है।इस क्षेत्र में डीएम पौड़ी द्वारा प्रस्तावित कई अन्य गतिविधियां हैं, जिनमें सतपुली-बांघाट क्षेत्र को एक नए हिल स्टेशन में बदलने की क्षमता है और पानी की हवा और भूमि आधारित साहसिक गतिविधियों की क्षमता वाला एक सच्चा साहसिक गंतव्य है, जो न केवल बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है बल्कि बड़े पैमाने पर पर्यटन की क्षमता के साथ मैत्रीपूर्ण गतिविधियों को संचालित करने का एक केंद्र भी बनेगा।

पैराग्लाइडर्स व पैरामोटर्स सिर्फ साहसिक खेलों के लिए ही इस्तेमाल में लायें जायेंगे यह कहकर इतिश्री कर देना ठीक नहीं होगा क्योंकि ये अवैध शिकारियों और जंगल की आग की खोज और बचाव मिशन के स्थान, जंगलों के बंजर क्षेत्रों में आपदा के दौरान बचाव मिशन, बड़ी भीड़ के दौरान निगरानी और यातायात की निगरानी और नियंत्रण आदि की क्षमता भी रखते हैं। यह सचमुच आश्चर्यजनक सच है कि भारत में पहला पैरामोटर भी मनीष जोशी और उनकी टीम द्वारा निर्मित किया गया था जिसका निर्माण वर्ष 2000 में निर्माण किया गया था जिसका नाम “यंत्र” रखा गया। इस मशीन के निर्माण पर इंडिया टुडे पत्रिका ने एक खूबसूरत लेख लिखा था उसके बाद यह लेख विदेशों में भी कई अखबारों में छपा है।

ज्ञात होकि विगत दो दिनों में हासा के पायलटों द्वारा पैरामोटर पायलट विनय कुमार व हर्ष सचान तथा पैराग्लाइडर पायलट विक्रम सिंह नेगी ने नयार घाटी के चमोलीसैण-बयाली, बयाली-सतपुली-दुधारखाल, बरालीगाँव-मोलखंडी में टेक ऑफ़ और लैंडिंग की! वहीँ मनीष जोशी से मिली जानकारी के अनुसार हासा के पायलट विनय सिंह व हर्ष सचान आज सतपुली से देहरादून मालदेवता तक लगभग 75-80 किमी. की हवाई उड़ान भरेंगे जो बमुश्किल डेढ़ घंटे में पूरी हो जायेगी! इस पर लगने वाला फ्यूल लभग 10 से 15 लीटर होगा! सीधी सी बात कही जा सकती है कि जहाँ पौड़ी से देहरादून टैक्सी द्वारा कम से कम 6 घंटे में पहुंचा जाता है वहीँ आपातकाल में यह सफर बहुत कम खर्चे पर मात्र एक से सवा घंटे में पूरा हो जाएगा!
जिलाधिकारी धिराज गर्ब्याल का कहना है कि उन्होंने पौड़ी जिले के लिए दो मोटरचालित पैराग्लाइडर्स की मांग अपनी जिला योजना में शामिल कर ली है जो न सिर्फ पर्यटन के बढावे के लिए सार्थक होंगे बल्कि आपदा नियन्त्रण में तत्काल प्रभावी कार्यवाही के लिए भी उपलब्ध रहेंगे ताकि हर तरह का बचाव कार्य युद्ध स्तर पर देखा जा सके! उन्होंने बताया कि नयार घाटी जल्दी ही सरसब्ज होगी व मुख्यमंत्री तथा पर्यटन मंत्री का पर्यटन दृष्टिकोण व विभागीय मेहनत जल्दी ही रंग लाएगी!
Hats off to Shubhang Rathuri, Manish Joshi & Team HASA, very good work for community.
Hats off the HASA team …gr8 initiative sir ,,,harsh n vinay really a proud initiative …