नौसेना फाउंडेशन देहरादून अध्याय (एन.एफ.डी.एन.सी) की उत्तराखण्ड में स्थापना एवं यात्रा प्रारम्भ।

देहरादून 24 सितम्बर 2019 (हि. डिस्कवर)

नौसेना फाउंडेशन, भारत भर में वयोवृद्ध भारतीय नौसेना अधिकारियों का एक संघ, जिसके संरक्षक भारत के माननीय राष्ट्रपति जी हैंैै, कोे उत्तराखण्ड में स्थापित करयात्रा प्रारम्भकी गयी है। नौसेना फाउंडेशन देहरादून अध्याय (एन.एफ.डी.एन.सी) ने राजपुर रोड, देहरादून में भारतीय नौसेना के राष्ट्रीय जलसर्वेक्षण  कार्यालय (एन.एच.ओ) में अपनी पहली वार्षिक आम बैठक (ए.जी.एम) आयोजित की। नौसेना फाउंडेशन वर्ष 1988 में बनाया गया था। इस संगठन के अध्यक्ष नौसेना के स्टाफ प्रमुख (चीफ आॅफ नेवल स्टाफ), आई.एच.क्यू (नौसेना), नई दिल्लीहैं तथा पूरे देश में नौसेना अधिकारियों एवं वीर नारियों के कल्याणकारी कार्यों कोपूर्व-सैनिक मामलों के निदेशालय (डी.ई.एस.ए) मार्फतआई.एच.क्यू (नौसेना), नई दिल्ली द्वारा किया जाता है। भारतीय नौसेना,डी.ई.एस.ए के द्वारा अपने पूर्व नाविकों और उनकी वीर नारियोंके कल्याण के लिए भी इसी प्रकार की एक ईकाई की स्थापना की गई है।

नौसेना फाउंडेशन सेवानिवृत्त बिरादरी के हितों की देखभाल करने के अलावा धर्मार्थ, सामाजिक, परोपकारी, सांस्कृतिक, शैक्षिक और अन्य गतिविधियों को पूर्ण करता है। नौसेना फाउंडेशन देहरादून अध्याय का गठन उत्तराखंड में वयोवृद्ध नौसेना अधिकारियों के बीच सद्भाव और सौहार्द की भावना विकसित करने के साथ-साथ उनके कल्याण हेतु एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। एन.एफ.डी.एन.सी उत्तराखंड के जल क्रीड़ा, पर्यटन विकास एवं अन्य मुख्य मुद्दों के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय नौसेना अधिकारियों के विशाल अनुभव और विशेषज्ञता का रचनात्मक उपयोग फाउंडेशन के प्रस्तावित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किया जाएगा। उत्तराखंड के वरिष्ठ नौसेना अधिकारी रविवार दिनांक 22 सितंबर 2019 को अपनी पहली वार्षिक आम बैठक (ए.जी.एम)में शामिल हुए और उनके द्वारा नौसेना फाउंडेशन देहरादून अध्याय (एन.एफ.डी.एन.सी) की प्रबंधन समिति का विधिवत रूप से निर्वाचन किया गया। वार्षिक आम बैठक (ए.जी.एम)में उत्तराखंड के वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों ने एन.एफ.डी.एन.सी के सदस्य और श्रीमती सोनल डोभाल नेएन.एफ.डी.एन.सीमानद सदस्य के रूप में भाग लिया। नई प्रबंधन समिति को सर्वसम्मति से सभी एन.एफ.डी.एन.सीसदस्यों द्वारा चुना गया। विधिवत निर्वाचित एन.एफ.डी.एन.सी प्रबंधन समिति में वाइस एडमिरल एच.सी.एस बिष्ट, पीवीएसएम, एवीएसएम को अध्यक्ष,  कमांडर रविशंकर जुयाल को वाइस-प्रेसिडेंट, लेफ्टिनेंट कमांडर दीपक खंडूड़ी को सचिव और लेफ्टिनेंट कमांडर योगराज सिंह नेगी को कोषाध्यक्ष बनाया गया है।

इस अवसर पर देहरादून में संयुक्त मुख्यजलसर्वेक्षक (ज्वाइंट चीफ हाइड्रोग्राफर)और नौसेना के स्टेशन कमांडर रियर एडमिरल अधीर अरोड़ा, एनएम ने एन.एफ.डी.एन.सी को समाज के विकास में योगदान देने के लिए इस पहल पर बधाई दी। भारतीय नौसेना रक्षा सेवाओं की एक मजबूत तीन आयामी शाखा है और इसे अपनी उन्नत प्रौद्योगिकी, नेटवर्किंग क्षमता और स्वदेशीकरण के लिए  अद्वितीय माना जाता है।भारतीय नौसेना युद्ध और लड़ाकू भूमिका के अलावा, कूटनीतिक भूमिका में भी अपना योगदान देती है। देहरादून में स्थित भारतीय नौसेना का राष्ट्रीय जलसर्वेक्षण कार्यालय (एन.एच.ओ) न केवल भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक को नौटिकल पब्लिकेशन्स और नेवीगेशनल चार्ट (पेपर/इलेक्ट्रोनिक)उपलब्ध कराता हैबल्कि जलसर्वेक्षण हेतु बड़ी संख्या में मित्र देशों को अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रदान करके भारतीय राजनयिक प्रयासों को बल भी प्रदान करता है। भारतीय नौसेना जलसर्वेक्षण विभाग (आई.एन.एच.डी) भारत सरकार के मुख्यजलसर्वेक्षक (चीफ हाइड्रोग्राफर) के अंतर्गत कार्य करता है और दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए तत्पर  है। वहउपमहाद्वीप औरअफ्रीका केकुछ देशों के कर्मियों को प्रशिक्षण भी प्रदान करता है। .  

85 वर्षीय वाइस एडमिरल वी.एल कोप्पिकर, पीवीएसएम,एवीएसएम देहरादून अध्याय के संरक्षक और एक ऑक्टोजनेरियन ने 80 के दशक के अंत में नौसेना फाउंडेशन की स्थापना संबंधी अपनी यादों को सभी उपस्थित सदस्यों के साथ साझा किया, जब वह आई.एच.क्यू (नौसेना), नई दिल्ली में कार्मिक (सी.ओ.पी) के प्रमुख थे। उन्होंने नौसेना फाउंडेशन के बारे में जागरूकता लाने और समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए सभीवयोवृद्ध भारतीय नौसेना अधिकारियों को प्रेरित किया। नौसेना में अपनी दो पीढ़ियों के होने का गौरव प्राप्त करने वाले एक अन्य वरिष्ठ लेफ्टिनेंट कमांडर शरण नेगी को वाइस एडमिरल वी.एल कोप्पिकर के द्वारा 80 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर ऑक्टोजेनेरियन ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।

एन.एफ.डी.एन.सी के नवनिर्वाचित वाइस एडमिरल एच.सी.एस बिष्ट, पीवीएसएम, एवीएसएम ने भारतीय नौसेना में अपने अनुभवों और भारतीय नौसेना के नवीनतम विकास कार्यों सेवयोवृद्ध भारतीय नौसेना अधिकारियों के साथ साझा किया और उन्हें उत्तराखंड में नौसेना फाउंडेशन देहरादून अध्याय के मुख्य उद्देश्यों को पूरा करने का आग्रह किया। . बातचीत के दौरान समुद्री मुद्दों पर उत्तराखड में एक थिंक टैंक की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई।

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