नौकुचिया ताल यानि नौ कोनों वाला ऐसा दुर्लभ ताल जिसके नौ कोने कोई एक साथ देख ले तो समझो राजा या फिर मौत…!

नौकुचिया ताल यानि नौ कोनों वाला ऐसा दुर्लभ ताल जिसके नौ कोने कोई एक साथ देख ले तो समझो राजा या फिर मौत…!
 (मनोज इष्टवाल)
पद्म पुराण के अध्याय 18 में नौकुचियाताल की जानकारी आपको मिल सकती है। कहा जाता है कि इस ताल का पानी हरिद्वार स्थित हर की पैडी की गंगा से भूमिगत यहाँ आता है।  यहाँ के सुप्रसिद्ध विद्वान शिव प्रसाद शर्मा बताते हैं कि इस ताल का पहले नाम शरत ताल था लेकिन अंग्रेजों ने इसका नाम नौकुचियाताल इसलिए रख दिया क्योंकि इसके नौ कोने हैं।

हरिद्वार में गंगा पर स्थित पवित्र हर की पैडी की भाँति इस ताल के एक छोर पर हर की पैडी है जिसका स्नान हरिद्वार की हर की पैड़ी में स्नान करने के समकक्ष माना जाना है. शिव प्रसाद शर्मा जी का कहना है कि हाल ही में वैज्ञानिकों के एक दल ने प्रयोग के तौर पर इस ताल में एक रासायनिक पदार्थ डाला जो वास्तव में हरिद्वार हर-की-पैड़ी पर दिखाई दिया। यह सचमुच बेहद आश्चर्यजनक है कि गंगा से मीलों दूर होने के बाद भी मानसखंड का जल केदार खंड के जल का ही अंश है।

जिला नैनीताल का यह नौकुचियाताल जोकि कि हिन्दू धर्म ग्रन्थों में शरत ताल के नाम से जाना जाता है उसी से जुड़ा एक छोटा सा कमल ताल में खिलने वाले कमलों को कैलाश मानसरोवर में खिले कमलों के तौर पर देखा जाता है। यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि इसके अलावा इस प्रकार के कमल कहीं और दिखाई नहीं देते। वहीँ लोगों का कहना है  कि पूर्व में  पूरा तालाब कमलों से भरा रहता था लेकिन किसी ने इस तालाब में ग्रास कार्फ नामक मछलियां डाल दी जिसने कमलों की जड खाकर सारे कमल ख़त्म कर डाले। उत्तराखंड सरकार ने लाखों रुपये खर्च कर इस तालाब से वे सब मछलियां निकलवाई अब जाकर इसमें कमल फिर से खिलने लगे हैं।
नौकुचियाताल के बारे में कई भ्रांतियां भी हैं तो कई रोमांच व रहस्य से भर देने वाली बातें भी। किंवदन्तियाँ हैं  कि जिस किसी ने भी इस ताल की नौ कूचिया यानि नौ कोने देख लिया समझो उसका राज योग है या फिर उसकी मृत्यु निश्चित है। मीलों फैला यह ताल और इस के आलम में फैली दूर-दूर तक की पहाड़ियां इसके बैभव की गाथा गुनगुनाती सुनाती नजर आती हैं। यह ताल यहाँ पहुँचने वाले पर्यटकों की रास्ते की थकान कुछ ही पलों में मिटाने के लिए सक्षम है। बस यहाँ पहुंचना ही एक शुकून और रोमांच भरा होगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *