नव नर्ष पर राज्य सरकार द्वारा समस्त शहरी स्थानीय निकायों को तोहफा!
देहरादून 31 दिसम्बर, 2018 (हि. डिस्कवर)
नव वर्ष पर राज्य सरकार की ओर से समस्त शहरी स्थानीय निकायों को तोहफा दिया गया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि स्थानीय निकायों के लिए धन की कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। नगर निकायों को सुदृ़़ढ़ करने के लिए सरकार द्वारा हर सम्भव प्रयास किया जायेगा। इस कड़ी में वित्तीय वर्ष 2018-19 की चैथी त्रैमासिक किश्त (अन्तिम किश्त) हेतु कुल 186 करोड़ 32 लाख 84 हजार की धनराशि अवमुक्त की गई है।
चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों पर सरकार द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में समस्त शहरी स्थानीय निकायों (नगर निगम, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत) को वित्तीय वर्ष 2018-19 की चौथी त्रैमासिक किश्त (अन्तिम किश्त) हेतु कुल 186 करोड़ 32 लाख 84 हजार की धनराशि अवमुक्त करने हेतु वित्त सचिव अमित नेगी द्वारा शासनादेश जारी किया जा चुका है। इसके तहत 08 नगर निगमों जिसमें 02 नगर निगम ऋषिकेश व कोटद्वार भी सम्मिलित हैं के लिए कुल 65 करोड़ 66 लाख 60 हजार रूपये की राशि अवमुक्त की गई है।

नगर पालिका परिषदों के लिए कुल 65 करोड़ 32 लाख 35 हजार रूपये की धनराशि अवमुक्त की गई है। जबकि नगर पंचायतों को कुल 11 करोड़ 25 लाख 35 हजार रूपये की धनराशि अवमुक्त की गई है। प्रदेश की सभी 13 जिला पंचायतों को कुल 42 करोड़ 64 लाख 86 हजार रूपये की धनराशि अवमुक्त की गई है।
नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों को अवमुक्त धनराशि से पथ प्रकाश, जल संस्थान के देयको का भुगतान, कर्मचारियों के वेतन एवं भत्ते, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के दावों का भुगतान व विकास कार्यों पर किया जायेगा। जबकि जिला पंचायतों को अवमुक्त धनराशि से सीवरेज तथा ठोस अपशिष्ठ प्रबन्धन, सैप्टेज प्रबंधन, जल निकासी एवं स्वच्छता, सामुदायिक परिसम्पत्तियों के रख-रखाव, स्ट्रीट लाईट, आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण, अतिरिक्त कक्षा-कक्षों को निर्माण, वेतन भत्तों व विकास कार्यों पर किया जायेगा।
वहीँ दूसरी ओर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर विभागीय योजनाओं का जनता को शत-प्रतिशत लाभ दिलाने के लिए जिला योजना की अवशेष 200 करोड़ रूपये की धनराशि सभी 13 जनपदों को जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने सचिव वित्त को निर्देश दिये कि योजनाओं को पूरा करने के लिए धन की कमी न आड़े आये। उन्होंने वित्त सचिव को विभागीय योजनाओं का निरन्तर अनुश्रवण करने के भी निर्देश दिये।
जिला नियोजन समिति द्वारा विभागवार/कार्यवार अनुमोदित परिव्यय सीमा के अधीन वित्तीय वर्ष 2018-19 की अवशेष 200 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त करने हेतु सचिव वित्त श्री अमित सिंह नेगी द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। यह धनराशि सामान्य अनुदान हेतु 158 करोड़ 20 लाख रूपये, स्पेशल कम्पोनेंट प्लान (एस.सी.पी) हेतु 35 करोड़ 58 लाख रूपये तथा ट्राईवल सब प्लान (टी.एस.पी.) हेतु 06 करोड़ 22 लाख 02 हजार रूपये की धनराशि सभी जनपदों को अवमुक्त की गई है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दी प्रदेशवासियों को नववर्ष की शुभकामना।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को नववर्ष 2019 की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी है। नववर्ष की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों के सुख, शांति व समृद्धि की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा जब से मुझे राज्य की सेवा करने का मौका मिला तब से मन, वचन व कर्म से सेवा के इस धर्म को निभाने का प्रयास कर रहा हूं। वर्ष 2018 में हमारी सरकार ने प्रदेश के समग्र विकास व आम आदमी तक जनकल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए इस वर्ष राज्य सरकार ने कुछ प्रमुख फैसले लिए। प्रदेश में हर व्यक्ति तक सहजता से स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचे। कोई भी व्यक्ति धन के अभाव में ईलाज से वंचित न रहे। इसके लिए प्रदेश में अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत प्रदेश के सभी 23 लाख परिवारों को पांच लाख रूपये तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा रही है। उत्तराखण्ड में औद्योगिक निवेशों को बढ़ावा देने के के लिए उद्योगों के लिए सरल पाॅलिसी बनाई गई है। निवेश के प्रस्तावों के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस दी जा रही है। 7-8 अक्टूबर 2018 को उत्तराखण्ड में पहली बार इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया गया। इस समिट के दौरान 01 लाख 24 हजार करोड़ रूपये के प्रस्तावों पर एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। पर्वतीय क्षेत्रों में लघु उद्योगों के लिए 40 हजार करोड़ रूपये के एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि कि उत्तराखण्ड को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए पर्यटन महत्वपूर्ण क्षेत्र है। पर्यटन के जरिये हमने प्रदेश की तस्वीर बदलने का प्रयास किया है। राज्य के 13 जिलों में 13 नये पर्यटन स्थल विकसित किये जा रहे हैं। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। उत्त्राखण्ड में नेचर, एडवेंचर, योग-आध्यात्म और वाईल्ड लाइफ टूरिज्म पर विशेष फोकस किया जा रहा है। ग्रामीण पर्यटन को संवारने के लिए 5 हजार नये होम स्टे बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
विकास की दृष्टि से उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो इसके लिये राज्यहित में अनेक नीतिगत निर्णय लिये गये है। हमारा प्रयास योजनाओं के धरातलीय क्रियान्वयन का है। समाज के अन्तिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित हो, इसके लिये समेकित प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि लोक सेवकों के स्थानांतरण में पारदर्शिता लाने और सरकारी मशीनरी को सुदृढ़ करने के लिये ट्रान्सफर एक्ट बनाया गया है। पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरों टालरेंस नीति अपनाई गई। आज आर्थिक अनुशासन के चलते खनन, ऊर्जा, परिवहन जैसे कई विभाग घाटे से उभर रहे हैं। देहरादून में मोहकमपुर फ्लाईओवर डाटकाली टनल का निर्माण न सिर्फ समय से पहले पूरा किया गया बल्कि इसमें धन की बचत भी की गई।
मुख्यमंत्री ने नए साल के अवसर पर प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि नई आशा एवं दृढ़ विश्वास के साथ आने वाली चुनौतियों के लिए खुद को सक्षम बनाना होगा। अटल निश्चय और दृढ़ विश्वास के साथ कदम से कदम मिलाकर समृद्धि और तरक्की के लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना होगा।