दुनिया के सबसे खूबसूरत मैरिन ड्राइव में शामिल किया जा सकता है वीरभद्र बैराज का गंगाभोगपुर क्षेत्र!
दुनिया के सबसे खूबसूरत मैरिन ड्राइव में शामिल किया जा सकता है वीरभद्र बैराज का गंगाभोगपुर क्षेत्र!
(मनोज इष्टवाल)
एक कहावत जो सर्वार्थ चरितार्थ है और वो है “कस्तूरी कुंडली बसे मृग ढूंढें वन माहि, ऐसे घटि-घटि राम हैं जिय दुःख जाने नाहिं!” धर्म-पर्यटन के हिसाब से हम यकीनन विश्व के शीर्ष देशों में शुमार हैं लेकिन सब कुछ होते हुए भी हम उन प्राकृतिक संसाधनों का उपभोग, उपयोग करने में जाने क्यों पिछड़ जाते हैं! शायद उसका एकमात्र कारण है कि हमारे पास वह थिंक टैंक है ही नहीं जो प्रदेश हित में कुछ नया कर गुजरे!
दुनिया भर में भारत के लोग समुद्री मैरिन ड्राइव पर घूमने निकलते हैं लेकिन हमारे पास पवित्र गंगा का सबसे खूबसूरत मैरिन ड्राइव होने के बाबजूद भी हमारा ध्यान कभी उस और गया ही नहीं! जहाँ गंगा की फाट के दोनों सिरे अपनी कहानी अपनी जुबानी सुनाये! जिसका अकूत सौन्दर्य आँखें महसूस करें और दिल शुकून से उस सौन्दर्य की प्रकाष्ठा को निहारे जुबान में सिर्फ और सिर्फ एक ही शब्द हो – वाह…..वाह ! तो क्या आप उत्तराखंड के सबसे सुलभ स्थल में विचरण करना पसंद नहीं करेंगे! यह वह स्थल है जहाँ आप धर्म की नगरी में गंगा आरती, योग ध्यान केंद्र, रिवर राफ्टिंग, कीर्तन-भजन, ज्ञान-ध्यान केन्द्रों के साथ माँ गंगा के हर स्पर्श से अपने तन मन को पावन पवित्र रख सकते हैं! और अगर तब भी शुकून नहीं मिले तो बस वीरभद्र बैराज पहुँचिये वहां से राजा जी नेशनल पार्क में घुसने के लिए पुल पार कर या तो नीलकंठ पहुँच जाइए जहाँ लगभग 60 लाख पर्यटक हर साल दर्शन के लिए आते हैं! लेकिन वीरभद्र बैराज से अगर आप गंग नहर के साथ साथ चीला के लिए निकलते हैं तो बांयी और गंगा जी हंसती खिलखिलाती आपको एक खूबसूरत 8 से 10 किमी. के मैरिन ड्राइव पर ले जाती है! जिसकी अनुभूति मात्र से आप गदगद हो जाते हैं!
जाने अभी तक पर्यटन विभाग या प्रदेश के मंत्री-संतरी व उन आईएएस, आईएफएस अधिकारियों की इस मैरिन ड्राइव पर नजरें इनायत क्यों नहीं हुई जो बीसियों बार इस मार्ग से गुजरे होंगे! गंग नहर के साथ साथ यह खूबसूरत सडक (जिसमें अभी बड़े बड़े गड्डे पड़े हैं) आपको सौंणी स्रोत से लेकर तल्ला मल्ला गंगा भोगपुर तक अल्हाहित आनन्दित कर देता है! अक्सर शाम को 4 बजे बाद जब हाथी, हिरण, जड़ाऊ, बारासिंघा, बाघ, चीता इत्यादि प्यास बुझाने के लिए राजा जी नेशनल पार्क के घुप्प जंगल से निकलकर गंगनहर में सौणी स्रोत (जो वीरभद्र से तल्ला-मल्ला गंगा भोगपुर) के आस-पास उतरते हैं तब यह दृश्य बेहद मनोहारी होते हैं! लेकिन अफ़सोस कि इस मैरिन ड्राइव को आय का स्रोत बनाना तो दूर सिंचाई विभाग के करोड़ों रूपये यूँहीं खर्च हो जाते हैं लेकिन यह सडक कभी भी इमानदारी के साथ हॉट-मिक्स नहीं होती!
सच कहें तो इस 10 किमी. लम्बे मैरिन ड्राइव से न सिर्फ उत्तराखंड का पर्यटन विभाग बल्कि सिंचाई विभाग भी हर बर्ष करोड़ों की आय अर्जित कर सकता है! सिंचाई विभाग जितने भी सालाना पर्यटक नीलकंठ जाकर वापस लौटते हैं उन्हें इस मैरिन ड्राइव पर समय ब्यतीत करने के लिए रिझा सकता है, बशर्ते वह इस मैरिन ड्राइव पर जरूरत के सामान के खूबसूरत पहाड़ी मकानों के डिजाईन किये हुए खोमचे बनाए, सड़क खूबसूरत के साथ हॉट-मिक्स हो और पर्यटक को हर वह संसाधन सुलभता के साथ इस मैरिन ड्राइव पर मिल जाय ताकि वह शुकून से अपने परिवार के साथ, दोस्तों के साथ इस मैरिन ड्राइव का लुत्फ़ उठा सकें! मुझे उम्मीद है कि यह मैरिन ड्राइव अगर सुव्यवस्थित हो गया तो देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश से रोजाना शाम को दो घंटे खर्च शुकून की सांस लेने मध्यम व उच्च वर्ग के लोग यहाँ आना चाहेंगे! जिन्हें प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ वन्य जीव दर्शन इत्यादि हो सकेंगे! भोग-विलासिता के इस दौर में यह क्षेत्र पर्यटन के लिहाज से बेहद मुफीद है लेकिन इसके साथ सबसे जरुरी होगा कि इस क्षेत्र के तल्ला-मल्ला गंगा भोगपुर, तल्ला मल्ला बनास से लेकर किमसार, धारकोट तक छोटी बिलायत के दर्जनों ग्रामीणों व कुनाऊ के ग्रामीणों व नीलकंठ के आस-पास के ग्रामीणों को ही यहाँ रोजगार के संसाधन उपलब्ध करवाए जाएँ नकि गंदगी फैलाने वाले मैदानी भू-भाग के ऐसे बनिये, हाथ-ठेली वालों को जिनका सिर्फ एक ही मकसद होता है पैंसा कमाओं सफाई गयी भाड में ! क्योंकि पीड़ा उसे ही होगी जिसका वह क्षेत्र है अत: इसे विकसित करने के साथ स्थानीय रोजगार व ग्रामीण रोजगार के हजारों अवसर खुलेंगे! बस चाहिए तो एक ईमानदार पहल जो इस मैरिन ड्राइव को दुनिया के सबसे खूबसूरत मैरिन ड्राइव में शामिल करने के लिए पूरी ईमानदारी से इस पर कार्य कर सके! उम्मीद है कि दुनिया भर में अपनी धर्म संस्कृति के प्रचार हेतु हर बर्ष जाने वाले उत्तराखंड के पर्यटन,सिंचाई, धर्म-संस्कृति मंत्री अगर इस ओर ध्यान दें तो वे इसे दुनिया के खूबसूरत मैरिन ड्राइव में शामिल करवा सकते हैं! बशर्ते यहाँ मुख्यमंत्री, वनमंत्री व पर्यटन मंत्री की कैमिस्ट्री आपस में बेहतर तालमेल के साथ कार्य करे!