दानवीरों में डा. हरक सिंह रावत का जबाब नही. दिव्यांगों के लिए दिए पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था को अपनी जेब से 5 लाख!

देहरादून 27 जून (हि. डिस्कवर)
विगत दिनों हंस फाउंडेशन के सौजन्य से पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था दिल्ली द्वारा राजधानी देहरादून के नगर निगम प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम “जीना इसी का नाम है” में प्रदेश के काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की बार बार आँखें छळछला रही थी. इसका महज कारण यह था कि संगीतकार राजेन्द्र चौहान व उनकी पत्नी सुप्रसिद्ध गायिका कल्पना चौहान की संस्था द्वारा प्रदेश भर के दिव्यांगों के हुनर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिन्हें तराशकर ये लोग मंच तक लायें थे.
मंच पर जब भी इन दिव्यांगों की प्रस्तुती होती या वे अपने बारे में बताते तब तब डॉ. हरक सिंह रावत की आँखें छळछला जाती.
डॉ. हरक सिंह रावत ने मंच से घोषणा की कि वे इन दिव्यांगों के लिए अपनी जेब से 5 लाख रुपये की राशि देंगे.
ज्ञात हो कि इस तीन माह की सरकार में काबीना मंत्री हरक सिंह रावत अभी तक अपनी विधान सभा कोटद्वार की 12 निर्धन बेटियों की शादी में 25-25 हजार की धनराशी अपने निजी वेतन से दे चुके हैं. यह अपने आप में उत्तराखंड के मंत्रिमंडल के ऐसे पहले बिरले मंत्री हैं जो यह कार्य निरंतर करते आ रहे हैं.
सिर्फ काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ही नहीं बल्कि उनके ओएसडी विनोद रावत भी उन्ही के तरह बेहद भावुक इंसान और आम लोगों के मददगार हैं. दो दिन पूर्व ही कोटद्वार से गंभीर हालत में कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती एक ब्यक्ति की पत्नी पुत्र व बेटी जब अस्पताल के बढ़ते खर्चे पर मदद की गुहार लेकर आये तब विनोद रावत ने फ़ौरन अपनी जेब से 10 हजार नगद हाथ में रखते हुए उनके आवेदन को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष के लिए संदर्भित करवाने के साथ साथ कहा कि आप निश्चिन्त रहें हमसे जितना बन पायेगा हम हर हाल में करेंगे.
शायद यही एक कारण भी है कि डॉ. हरक सिंह रावत कहीं से भी चुनाव लडें वे हारते नहीं है क्योंकि वे आम जन के इतने करीब जो हैं.

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