त्रैमासिक पत्रिका ‘केदारमानस’ के दोबारा प्रकाशन प्रारम्भ होगा!
देहरादून 9 अगस्त (हि. डिस्कवर)
डाॅ.पीताम्बर दत्त बध्थ्वाल हिन्दी अकादमी उत्तराखंड , देहरादून की प्रबंधकारिणी एवं साधारण सभा का आयोजन अकादमी सभागार में किया गया। बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश के भाषा मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि अकादमी द्वारा उत्तराखंड के दिवंगत हिंदी साहित्यकारों के साहित्यिक कार्याें का संकलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अकादमी द्वारा जिन किताबों को प्रकाशन के लिए चुना जाएगा उनके लेखकों को 15 हजार रुपये तक का पारिश्रमिक भी किया जाएगा। अकादमी अगले माह हिंदी पखवाड़े के तहत प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन करेगी। जिसमें हिंदी, उर्दू और पंजाबी के उन 100 से अधिक छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने बोर्ड की मेरिट में स्थान हासिल किया है।

तीन साल के अंतराल पर हुई इस बैठक में अकादमी की कार्ययोजनाओं के अन्तर्गत अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका ‘केदारमानस’ के दोबारा प्रकाशन की अनुमति प्रदान की गई। साथ ही, इस वर्ष प्रदेश में तीन बड़े साहित्यिक आयोजनों का निर्णय लिया गया। इनमें पहला आयोजन आगामी सिंतबर में देहरादून में होगा। जबकि, इसके बाद के दो आयोजनों में से एक-एक क्रमशः गढ़वाल और कुमाउं में होगा। भाषा मंत्री ने कहा कि अकादमी की प्रकाशन योजना के तहत जिन किताबों का चयन किया जाएगा, उनका निर्धारण विशेषज्ञ-मंडल द्वारा किया जाएगा। किताबों के प्रकाशन का जिम्मा हिंदी अकादमी स्वयं उठाएगी। भाषा मंत्री ने बैठक में मौजूद विशेषज्ञों से वार्षिक साहित्यिक-कैलेंडर के निर्धारण के लिए एक सप्ताह में सुझाव मांगे। इन सुझावों के आधार पर वर्ष भर के कार्यक्रमों का निर्धारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वार्षिक साहित्यिक कैलेंडर अकादमी की पहचान बनना चाहिए। इस दौरान दो शोध परियोजनों को भी स्वीकृति प्रदान की गई। पहली शोध परियोजनाओं में ऐसे साहित्य को संकलित किया जाएगा जो 100 वर्ष पुरानी हिंदी पत्रिकाओं में उत्तराखंड के बारे में है। इनमें उत्तराखंड पर लिखे गए लेखों एवं उत्तराखंड से संबंधित सभी सामग्री को संकलित कर प्रकाशित कराया जाएगा। दूसरी परियोजना के तहत प्रदेश के ऐतिहासिक मेलों, आयोजनों में एवं रीति-रिवाजों का संदर्भ साहित्य ग्रंथ तैयार किया जाएगा। दोनों योजनाओं के लिए पांच-पांच लाख की स्वीकृति प्रदान की गई। सभी योजनाओं को मिलाकर करीब 25 लाख के बजट को स्वीकृति प्रदान की गई।
भाषा मंत्री ने अकादमी द्वारा प्रयोजनमूलक हिंदी, हिंदी शोध प्रविधि और रचनात्मक लेखन विषयों पर शाॅर्ट टर्म कोर्स संचालित करने की भी अनुमति प्रदान की। उन्होंने अकादमी की गतिविधियों के साथ युवाओं को जोड़ने पर जोर दिया। बैठक में मौलिक ग्रन्थ प्रकाशन योजना, हिन्दी सम्मेलन के आयोजन, एक से 15 सितंबर तक हिंदी पखवाडे़ के आयोजन और पुस्तकालय के लिए किताबों की खरीद की योजना को भी स्वीकृति प्रदान की गई। भाषा मंत्री द्वारा 14 अक्टूबर, 2017 को उपन्यासकार डाॅ. शैलेश मटियानी की जयन्ती पर शोध संगोष्ठी एवं कवि सम्मेलन आदि का आयोजन किए जाने के निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर मैथिली एवं भोजपुरी अकादमी, नई दिल्ली के सचिव डाॅ. हरिसुमन बिष्ट, महादेवी सृजन पीठ के निदेशक प्रो.देवसिह पोखरिया, अल्मोड़ा, निदेशक संस्कृति विभाग डाॅ. बीना भट्ट, प्रो. योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’, डाॅ. प्रकाश थपलियाल, डाॅ. प्रभा पंत, जनकवि अतुल शर्मा, डाॅ. रामविनय सिंह, डाॅ. राखी उपाध्याय, भाषा विभाग के अपर सचिव बी.आर. टम्टा, अकादमी के वरिष्ठ वित्त अधिकारी सुनील कुमार रतूड़ी, उप सचिव डाॅ. सुशील उपाध्याय, भाषा विभाग के उप सचिव डी.एस. पुंडीर तथा शासन के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। बैठक के आरम्भ अकादमी की सचिव श्रीमती उषा शुक्ला द्वारा माननीय भाषा मंत्री जी एवं सभी सम्मानित सदस्यों का स्वागत किया।