तो राज्य स्थापना दिवस पर कटोरा पकड़कर भीख मांगेगे उत्तराखंड के पत्रकार!

देहरादून 4 नवम्बर 2019 (हि.डिस्कवर)

मात्र उत्तराखंड के 39 पत्रकारों का मामला होता तो शायद यह मामला थम भी जाता! यहाँ मामला उस हठधर्मिता का है जिसने सरकारी तंत्र की सभी व्यवस्थाओं को तार-तार कर मन माफिक फैसले लेने शुरू कर दिए हैं! किसी भी प्रदेश का आइना कहे जाने वाले लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ की जो गत वर्तमान में प्रदेश में दिखने को मिल रही है उससे तो यही लगता है कि निश्चित ही पत्रकारों के हाथ में आगामी 9 नवम्बर को सरकार भीख का कटोरा थमाएगी या फिर खुद ही पत्रकार आपको राज्य स्थापना दिवस पर भीख मांगते दिखाई देंगे!

सिर्फ चार प्रिंट मीडिया के बड़े अखबारों व चुनिन्दा कुछ न्यूज़ चैनल्स के अलावा कुछ मनमाफिक न्यूज़ पोर्टलों में रेवड़ी बाँटकर प्रदेश से बाहर के दो ऐसे संस्थानों को डेढ़-डेढ़ करोड़ के विज्ञापन जारी कर बाकी पत्रकारों को ठेंगा दिखाने वाली सूचना विभाग की इस नीति से मुखर होकर आज प्रिंट मीडिया के तीन व वेब मीडिया एसोसिएशन के दो संगठनों ने एक बैनर के नीचे आकर सूचना भवन पर अपने हक़ अधिकार के लिए धरना प्रदर्शन किया साथ ही सूचना महानिदेशक मेहरबान सिंह बिष्ट के विरुद्ध नारेबाजी की!

करीब डेढ़ घंटे के बाद पत्रकार संगठनों ने एक संयुक्त ज्ञापन सूचना विभाग को सौंपा जिसमें साफ़ तौर पर चेतावनी दी गयी कि अगर विज्ञापन नीति पर पत्रकारों के हित व अधिकारों का ध्यान नहीं रखा गया तब पत्रकार आन्दोलन की राह पकड़ेंगे व राज्य स्थापना दिवस पर भीख मांगकर अपना विरोध दर्ज करेंगे!

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