तीन साल के कार्यकाल में ही मुख्यमंत्री ने थपथपाई पीठ।

देहरादून 26 अगस्त, 2019(हि.डिस्कवर)

खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर के पीछे। खुदा बन्दे से आकर पूछे …बता तेरी रजा क्या है। ऐसा ही एक चर्चित अध्यापक उत्तरकाशी में अपने मात्र तीन साल के कार्यकाल के बाद इतना चर्चाओं में आया कि सोशल साइट ही नहीं वह प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का चर्चित चेहरा बन गया। बात प्रदेश के मुख्यमंत्री के कानों तक पहुंची और जब उन्हें बताया गया कि यह शख्स है कौन तो उन्होंने आशीष डंगवाल नामक अध्यापक को बुलाया भेजा व उसकी पीठ थपथपाई।

यकीनन यह बड़ी बात है कि एक नवयुवक अपनी कार्यशैली के बूते पर ऐसे सीमांत क्षेत्र में अपनी अतुलनीय सेवाओं के बदौलत चर्चा में आया जहां मूलतः प्रदेश के कई शिक्षक जाने से ही कतराते हैं। इस शिक्षक ने उन शिक्षकों के लिए मशाल कायम की जो हर साल लाखों रुपये का लिफाफा लिए अपना स्थानांतरण दुर्गम से सुगम और सुगम से देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर इत्यादि मैदानी भागों में करवाने की जुगत में रहते हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में राजकीय इण्टर कॉलेज गरखेत, टिहरी गढ़वाल में तैनात राजनीतिक विज्ञान के प्रवक्ता आशीष डंगवाल को सम्मानित किया एवं उन्हें पुस्तक भेंट की।

मुख्यमंत्री ने डंगवाल के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि इसी तरह से अपनी शैक्षणिक गतिविधियों व व्यवहार के साथ बच्चों का मार्गदर्शन करते रहें। समाज में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि ऐसे ऊर्जावान शिक्षकों से मिलकर बहुत खुशी होती है। उत्तराखण्ड में बहुत से ऐसे शिक्षक हैं, जो तमाम मुश्किलों के बाबजूद भी समाज को नई दिशा दे रहे हैं। ज्ञातव्य है कि आशीष डंगवाल इससे पूर्व राजकीय इण्टर कॉलेज भंकोली में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे।

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