झूठी अफवाह पर रो पड़ा उत्तराखंड..! बिलखते स्वरों से पूछते रहे हाल..!
झूठी अफवाह पर रो पड़ा उत्तराखंड..! बिलखते स्वरों से पूछते रहे हाल..!
(मनोज इष्टवाल)
- व्ह्ट्सअप्प में अभी भी गलत बयानी!
- कर्णप्रयाग में जन नायक नेगी के आरोग्य के लिए संस्कृतिकर्मियों, प्रशंसकों ने किया हवन पूजा पाठ!
- विदेशों से लगातार भ्रामक ख़बरों के चलते घनघना रहे हैं फोन.
- परिवार का हाल बेहाल, छोटे भाई परु के लिए भारी पड़ी पिछली रात!
- प्रदेश का लगभग पूरा मंत्रिमंडल व कांग्रेस अध्यक्ष पहुंचे मैक्स हॉस्पिटल
- बदहवाश सी पहुंची लोकगायिका अनुराधा निराला नहीं रोक पाई अपने आंसू!
- प्रशंसकों ने मांगी मुरादें, पूरा मैक्स हॉस्पिटल लोक गायक नेगी मय हुआ!
तारीख 28 जून साल 2017 भला उत्तराखंड का कौन ऐसा शख्स होगा जो चैन से सो पाया होगा. पूरी रात जिस तरह असमान रोता रहा ठेठ उसी तरह जाने कितने लाखों दिल देश दुनिया में रो रहे थे. पूरी सोशल साइट्स, आज के अखबार व टीवी चैनल पर बस यही खबर थी- “लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को पड़ा दिल का दौरा’…..!
ऐसे में अगर कुछ सामाजिक प्रतिष्ठित व्यक्ति अपने को सबसे आगे सबसे तेज समझने के चक्कर में नासमझी में लिख देते हैं कि- लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी हमारे बीच नहीं रहे ! तब आप ही बताईये कितने दिन पिछली बरसात की डरावनी रात के साथ रोते बिलखते रहे होंगे. उनके परिजनों का क्या हाल रहा होगा और तो और उस एक मात्र पुत्र की मनोदशा क्या रही होगी जो हर की दून ट्रेकिंग पर गया था?
हद तो तब है जब लोग एक बार भी ऐसी अफवाह फैलाने से पूर्व सोचते नहीं हैं कि इस से कितने दिल, घर और लोक समाज से जुड़े मूल्यों का कत्ल होगा. आखिर क्या सोशल मीडिया इसीलिए है कि जिसका जो मन आये चलाये. व्ह्ट्सअप्प में अभी भी विश्व भर में यही भ्रामक सन्देश चल रहा है जहाँ से मेरे पास दर्जनों फोन मेसेज आ रहे हैं ! उनकी आत्मा की शान्ति की प्रार्थना की बातें हो रही हैं.
नेपाल से पूर्वा सिंह पूछती हैं मनोज जी….यह कैसे हो गया इस तरह भला कोई जननायक हमें छोड़ कर जा सकता है. वहीँ दुबई से मदन सिंह कहते हैं – भाई आप कह रहे हैं उनका स्वास्थ्य ठीक है और इधर व्ह्ट्सअप्प में ये ख़बरें चल रही हैं मन अशांत है! ह्यूसटन अमेरिका से जगदीश शाह कहते है- मनोज ये क्या खबर है यार अचानक ऐसा क्या हो गया! यह तो पूरी संस्कृति के लिए बड़ा नुकसान है. फ्रांस से केदार दत्त का कहना है ये नहीं हो सकता, भला ऐसा कभी हो सकता है आत्मा गवाही नहीं देती.न्यूयार्क से सोहन सिंह कहते हैं – सर ये सचमुच पूरे देश की लोक संस्कृति के लिए बड़ा नुक्सान है!
इलाहाबाद से रेणु घिल्डियाल कहती हैं – मनोज जी सच बताएं यहाँ पूरे उत्तराखंडी बेहद परेशान हैं. न्यू जर्सी अमेरिका से मारुती ढौंडियाल कहती है- यह सचमुच स्तब्ध कर देने वाली खबर है. शुक्र है आपने जल्दी खंडन कर दिया . कनाड़ा से सुखदेव सिंह कहते हैं- यह अचानक बज्रपात कैसे हो गया. हम शून्य हो गए हैं! जर्मनी से सुरेन्द्र रावत कहते है – सर सच बताना आखिर सच है क्या..? और न जाने कहाँ कहाँ से फोन मेसेज आते रहे और मैं पागलों की तरह सबको जवाब देता रहा कि ऐसा कुछ नहीं है आप खामख्वाह परेशान हो रहे हैं!
लखनऊ से श्रीमती सुधा चंदोला, श्रीमती कुसुमलता थपलियाल, अमृतसर से श्रीमती रीना जोशी शर्मा, अहमदाबाद से श्रीमती लक्ष्मी चौहान, दार्जिलिंग से श्रीमती ढौंडियाल, अल्मोड़ा से श्रीमती शोभा जोशी, अंजली शाह, नैनीताल से श्रीमती कविता शाह गंगोला, श्रीमती कविता जोशी सहित जाने कितनी महिलाओं के पूरे देश के विभिन्न शहरों से रात भर मेसेज व फोन पर मुझसे जानकारियाँ जुटाते रहे और तसल्ली हो जाने पर उन्हें जी भर के गालियाँ दे रहे थे जो ऐसी अफवाह फैला रहे थे.
कांग्रेस नेत्री इशिता सेढा, विधान सभा में कार्यरत पंकज सिंह महर, उत्तरकाशी की अध्यापिका सावित्री सकलानी उनियाल, जागर गायिका हेमा नेगी करासी, उत्तराखंड जर्नलिस्ट फॉर्म के अध्यक्ष सुनील नेगी, उत्तम सिंह रावत, कर्णप्रयाग से सोबन सिंह बिष्ट, कलाकार अरुण हिमेश, श्रीनगर गढ़वाल से कलाकार नौटी, पत्रकार मनु भट्ट, हिमांशु अग्रवाल, कोटद्वार से संजय थपलियाल, दिल्ली से प्रदीप भंडारी, पौड़ी से योगम्बर पौली, हरिद्वार से रेखा पंचभय्या, दिल्ली से मयंक आर्य दुबई से गीता चंदोला सहित जाने कितने ऐसे लोग थे जो रात भर मुझसे सम्पर्क बनाए रहे.
दिल्ली से संजय नौडियाल, चन्द्रमोहन ज्योति, विवेक मलासी सहित ऐसे कई नाम है जो रात को ही रास्ते लग गए कि जाने क्या होता है. लोगों के फोन रात भर नहीं बल्कि सुबह के 10 बजे तक लगातार आते रहे. उधर कर्णप्रयाग में जन-नायक नरेंद्र सिंह नेगी की दीर्घायु के लिए वहां के जनमानस व संस्कृतिकर्मियों ने हवन व पूजा पाठ किया. पलायान एक चिन्तन के प्रेणत़ा रतन सिंह असवाल ने कहा है कि – ईश्वर का शुक्रगुजार हूँ कि लोक संस्कृति के महानायक नरेंद्र सिंह नेगी अब तेजी से स्वास्थ्य रिकवर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि ऐसी अफवाहें पूर्व में भी फैलती रही हैं. बिना प्रमाणिकता के कोई यूँहीं अफवाह उड़ा दे वह दुर्भाग्यपूर्ण है.
अब क्या इस सबका जवाब उन महापुरुषों के पास है जिन्होंने ऐसी अफवाह फैलाकर गरजते लरजते आसमां के साथ पूरे उत्तराखंडी समाज को रुलाया जो जननायक नरेंद्र सिंह नेगी से बेइन्तहाँ प्यार करते हैं? क्या हम लिखने से पूर्व एक बार भी उन मानवी गुणों की ओर अपनी सोच विकसित नहीं करते कि हमारे शब्दों से जाने किसी घर परिवार में कैसे तूफ़ान कैसा जलजला आएगा.
अगर नहीं सोचते तो मैक्स हॉस्पिटल जाकर लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी की बहनों के बदहवास चेहरे देखो, उनके छोटे भाई पदमेंद्र नेगी परु की उन रक्तिम आँखों को देखो जो रात भर रोटी बिलखती रही और बरसात बंद होने का पौड़ी में इन्तजार करती रही कि जाने कब खुलेगी यह काली रात..! लोक गायिका अनुराधा निराला की उस बदहवास शक्ल को देखने ही पहुँच जाते जब वह मैक्स हॉस्पिटल में मदन डुकलान के साथ दाखिल हुई. वह कितनी पहले रोई होगी और कितनी तब रोई जब वह मैक्स में पहुंची!
देहरादून के ऊँ सब लोककलाकारों के ही चेहरे देख लेते जो बेटियाँ उनके मंचों की शान बनती हैं. उन कलाकारों बेटों को ही देख लेते जो रात भर नरेंद्र सिंह नेगी के स्वास्थ्य होने की कामना में मैक्स हॉस्पिटल कम्पाउंड के इस छोर से उस छोर दौड़ लगा रहे थे. मानो यह रात खुलने का नाम न ले रही हो.
(कर्णप्रयाग में हवन पूजा)
और तो और लोकगायक के इकलौते बेटे कविलाश का तो ख्याल कर लेते जो भंयकर बरसात के बाद नैटवाड से रात को चलकर रात भर नैनबाग में रास्ता खुलने का इन्तजार करते रहे! शायद हम सबकी कहीं न कहीं मैं पहले मैं पहले के चक्कर में मानवीय संवेदनाएं मर चुकी हैं!
कल रात मुझे अचानक वे शब्द याद आ गए थे जब अक्सर नरेंद्र सिंह नेगी जी मजाक में कहा करते थे – देखना एक दिन मेरी मौत की भी झूठी खबर फैलेगी! और जब भाबी जी कहा करती थी- इष्टवाल जी, फोटो तो आप खींचते हैं लेकिन कभी हमें भी दे दिया करो ! तब नेगी जी हंसते हुए कहते थे- अरे इष्टवाल है ये…ये मेरे मरने के बाद ही उन फोटो पर बड़े बड़े कैप्शन लिखेगा देख लेना! तब भाबी जी अक्सर उन्हें डांट लिया करती थी कि आप शुभ शुभ बोला करो!
अब ऐसी घनघोर बरसाती रात में आपको ये सारे इत्तेफाक मुंह बाये खड़े दिखेंगे तो आपकी मनोदशा क्या हुई होगी! आप मेरी मनोदशा का आंकलन इसी बात से कर सकते हैं?
लेकिन हमें इस बात का फक्र होना चाहिए कि लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी की असली पूँजी क्या है जिसे अरबों खरबों की दौलत नहीं से खरीदा नहीं जा सकता. वह कल से लेकर अब तक मैक्स हॉस्पिटल में जुटा हुजूम..! सोशल साइट्स अखबारों टीवी चैनल्स पर खबरों से पता लगता है कि ऐसा नायक सिर्फ एक सदी नहीं कई सदियों तक अजर रहता है. सच कहें तो यह डाक्टरों की मेहनत दवा और हम सबकी वह दुआ है जो उनके स्वास्थ्य में निरंतर सुधार ला रहा है.
जिस व्यक्ति के लिए पूरे प्रदेश की सरकार के मंत्री व विपक्ष अस्पताल में हाजिर होकर हाल चाल पूछने आया हो भला उस व्यक्ति की मौत इतनी सस्ती कैसे हो सकती है जितनी हमने बना दी. मुझे फक्र इस बात का है कि प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऐन ऐसे मौके पर अपना राजधर्म निभाया और फ़ौरन कदम उठाते हुए लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को मैक्स हॉस्पिटल शिफ्ट करने के निर्देश जारी कर दिए. क्योंकि जैसे ही सीएम आई पहुँचते ही नेगी जी को दुबारा दिल का दौरा पड़ा उनकी स्थिति बेहद नाजुक हो गयी थी. ऐसे में लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के परिवार की स्थिति अकर्मण्य जैसी थी. श्रीमती उषा नेगी जहाँ नेगी जी की दशा देखकर खुद ब्लड प्रेशर की शिकार थी वहीँ जवान बहु जो स्वयं प्रिगनेंट हो वह करे भी तो करे क्या! जबकि पुत्र कविलाश हर की दून ट्रेकिंग पर गया हुआ था.
बस कुछ युवा कंधे उन नौनिहालों के जरुर थे जो अक्सर लोकगायक नेगी जी के कार्यकर्मों में शिरकत करते दिखाई देते हैं. जिनका लोकसंस्कृति का ग्रुप “मौल्यार” देहरादून ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में लोक संस्कृति के रंगों की अलख जगाता रहता है. सीएमआई में लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी की धर्मपत्नी के साथ पहुंचे सोहन चौहान ने जब स्थिति बिगडती देखी तब मैक्स हॉस्पिटल में उन्होंने मौल्यार की टीम के सभी युवाओं जिनमें अब्बू रावत, शैलेन्द्र पटवाल, गोबिंद नेगी, चन्द्रशेखर चौहान इत्यादि को बुला लिया वहीँ खबर लगते ही साहित्यकार मदन डुकलान, समाजसेवी कविन्द्र इष्टवाल, लोकगायक प्रीतम भरतवाण, रंगकर्मी हेमंत बुटोला, अजय जोशी, फिल्म निर्देशक अनुज जोशी सहित सैकड़ों लोग वहां पहुँच गए! सुबह पहुँचने वाले लोक कलाकारों में किशन महिपाल, संगीता ढौंडियाल, अनिल बिष्ट, उफतारा के कांता प्रसाद व चन्द्रवीर गायत्री, संगीतकार राजेन्द्र चौहान व सुप्रसिद्ध गायिका कल्पना चौहान,हास्य कलाकार घना नन्द, रजनीकांत सेमवाल, हंस फाउंडेशन की श्रीमती बिधु शर्मा वरिष्ठ पत्रकार गणेश खुगशाल गणी, राजीव नयन बहुगुणा, त्रिभुवन उनियाल, मनु पंवार, साहित्यकार नन्द किशोर हटवाल, संजय नौडियाल, रजनीश सेमवाल, समाजसेविका गीता गैरोला, डॉ. नूतन गैरोला डिमरी सहित कई अन्य सुप्रसिद्ध गणमान्य भी उपस्थित थे. वहीँ ख़ुशी की बात यह है कि हमारे जन नायक नरेंद्र सिंह नेगी के स्वास्थ्य में आज दोपहर तक लगभग 30 फीसदी का इजाफा हुआ है अब वह बात कर रहे हैं एवं पूरे होश में हैं. डाक्टरों का कहना है कि अभी उन्हें आराम की सख्त जरुरत है.
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