झंडा जी की ध्वजा गिरकर टूटी। 344 बर्ष के इतिहास में पहली अनहोनी घटना।
देहरादून 13 मार्च 2020 (हि. डिस्कवर)
यह सब इतनी तेजी से हुआ कि कोई समझ ही नहीं पाया। हजारों की तादाद में इकट्ठा जनसमुदाय झंडारोहण के दर्शन के लिए झंडा साहेब प्रांगण में इकट्ठा था। चारों तरफ वाहे गुरु के नारे थे। झंडा साहिब अभी पूरी तरह से सीधे भी नहीं किये थे कि धड़ाम से गिर गए। जिसकी चपेट में दर्जनों लोग आये व घायल हो गए। कुछ घायलों की स्थिति नाजुक है।
इस बार ध्वज दंड की ऊंचाई 105 फीट थी जो अब तक का सबसे ऊंचा ध्वज दंड माना गया है। आरोहण के समय कैंचियों से ध्वज दंड के फिसल से यह घटना घटित मानी जा रही है। दुर्घटना में गंभीर हालात में घायलों की संख्या 7 मानी जा रही है।जबकि अन्य का इलाज दरबार साहिब में ही तैनात डॉक्टरों की देख रेख में चल रहा है। सातों गम्भीर महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती किये गए हैं।

झंडा साहिब के लगभग 344 बर्ष के इतिहास में यह पहला अवसर था जब झंडारोहण की ध्वजा जमीन पर गिरकर टूटी हो। श्रद्धालुओं ने इसे किसी अनहोनी की आशंका बताते हुए अशुभ माना है।
कुछ लोगों का मानना है कि होली के पाँचवें दिन झंडा साहिब में झंडारोहण होता था। इस बार होली के तीसरे दिन ही झंडा चढ़ाया जाना प्रारम्भ किया गया जिसके अशुभ संकेत हैं।इस बार झन्डा आरोहण के समय गोल्डन ईगल का न दिखाई देना भी लोगों में चर्चा का बिषय बना हुआ है।
कुछ राजनैतिक व्यक्तित्व के लोगों का मानना है जिस तरह वर्तमान में झंडा साहिब की परिसम्पत्ति मिलीभगत से खुर्द-बुर्द की जा रही है उसी का यह नतीजा सामने आया है।
विश्वास व अंधविश्वासों के बीच इस घटना के बाद अफवाहों का बाजार गर्म है। लोगों का मानना है कि यह एक बड़ा अपशकुन है जो प्रदेश के भले के संकेत नहीं है।
नोट:-यह एक अंधविश्वास भी हो सकता है कृपया अफवाहों पर न जाएं।
It’s time to big change. Shri guru Ram Rai ji maharaj Will give their blessings to all.