जौनपुर क्षेत्र के लिए एक मिशाल है पंवार का “नारायणी उद्यान”!

जौनपुर क्षेत्र के लिए एक मिशाल है पंवार का “नारायणी उद्यान”!
इंद्र सिंह नेगी की कलम से-
यों तो सम्पूर्ण उत्तराखंड में कई उद्यानपति हैं जो हर बर्ष लाखों रुपये के फल सब्जी बेचा करते हैं लेकिन जौनपुर के पाब गाँव निवासी कुंदन सिंह पंवार जिस कम उंचाई में अपने उद्यानों में सेब उगा रहे हैं वह सबसे अनूठी प्रयोगधर्मिता कही जा सकती है.

पंवार जी के पाव-जयद्वार मार्ग से सटे समीयाणी स्थित “नारायणी उद्यान”  को देखते ही आपके मुंह से वाह शब्द निकल पड़ेगा क्योंकि इस सौंधी माटी से उठने वाली खून पसीने की खुशबू आपको इस उद्यान में पल्लवित पुष्पित व फल्वित हर पेड़ की प्रत्येक टहनी में महसूस होंती है.

आड़ू की प्रजाति में नेक्टीन, खुम्बानी, नाशपाती, सेब में अन्ना , कीवी , आम में आम्रपाली,पलम में सेंटारोजा, कागजी अखरोट,नींबू आदि यहां मौजूद है । सबसे दिलचस्प बात यह है कि दो विपरीत जलवायु की फल प्रजाति आम व सेब अड़ोस-पड़ोस में है, पालीहाउस में अखरोट, खुम्बानी, आड़ू व सेब की पौध है लेकिन सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है । पंवार जी ने बताया कि 40-45 पेटी आड़ू वो केम्पटी व मसूरी के बाजार में भेज चुके है जो 2000-2500 की दर से बिकी, इसके अतिरिक्त खुम्बानी भी बाजार पहुंच चुकी है, ये अगेती प्रजाति है, जब बाजार में दूसरी प्रजाति के फल नहीं होते तो अगेती के अच्छे दाम मिल जाते है । हालांकि इस बार सेब व नाशपाती बहुत कम है फिर भी पौधों की बिक्री आदि से घाटा पाटा जा सकता है ।
पंवार जी उच्च शिक्षित है व श्रम विभाग में सेवा करते थे लेकिन नौकरी रास नहीं आई व छोड़कर आ गए , पहले विकासनगर में स्थित कुंजा ग्राट में आम व लीची का बगीचा स्थापित किया तथा कुछ साल पूर्व अपने मूल गांव पाब के निकट लगभग सूखी धार पर इस प्रयोग को करने में जुट गए । इन्हे समय-समय पर उद्यान पण्डित सहित अनेको सम्मान से सम्मानित किया गया, बिगत में आप राज्य सरकार में उद्यान सलाहकार भी रहे, आपकी प्रेरणा से क्षेत्र के अनेक लोग इस दिशा में बड़ रहे है । शाम को हम दोनों विकासनगर लौट आये । सलाम आपको व आपके पुरूषार्थ को !

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