जीएसटी घोटाला …सरकार के लिए नई चुनौती!
(ऊषानेगी)
सीबीआई द्वारा रिश्वत मांगने और हवाला के माध्यम से लेन -देन के मामले में सीजीएसटी व एक्साइज कमिश्नर संसारचंद [आईआरएस 1986 बैच ]सहित नौ लोगों को उनकी एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार किया है |यदि हम सीबीआई की बातों पर यकीन करें तो उनके अनुसार जीएस टी कमिश्नर संसारचंद अपने चंद विश्वासपात्रों के साथ मिलकर न केवल रिश्वतखोरी का रैकेट चला रहे थे अपितु घूस से मिली रकम का हवाला कारोबार के जरिये वारा -न्यारा भी कर रहे थे |संसारचंद घूस का पैसा हवाला के जरिये दिल्ली से भेजता था |वहाँ हवाला कारोबारी उसे व्हाइट मनी में बदलकर संसारचंद की पत्नी अविनाश कौर को पहुँचाने का काम भी करते थे |
शहर के कारोबारियों से जो पैसा लिया जाता था, उसे कोडवर्ड में ‘प्रोटेक्शन मनी ‘का नाम दिया गया था |छापे न मरने परकिस से कितनी घूस लेनी है ,इसकी जिम्मेदारी तीनों सुपरिटेंडेंट [अमन शाह, अजय श्रीवास्तव और आरएसचन्देल ]अफसरों का था |बड़ी टैक्स चोरी के एवज में बड़ी घूस ली जाती थी और छोटी -छोटी टैक्स चोरी के एवज में मंहगे आई -फोन,स्मार्ट टीवी -फ्रिज आदि लिए जाते थे
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जी एस टी लागू होने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ यह सबसे बड़ी कार्यवाही मानी जा रही है |सीबीआई ने अपनी एफआरआई में पम्मी जैन की भूमिका का भी उल्लेख किया है |कन्नौज के उद्योगपति और सपा एमएलसी पुष्पराज उर्फ़ पम्मी जैन ,सुपरिंटेंडेंट अमन शाह के माध्यम से संसारचंद को नकद घूस देता था |कहा जाता है कि जिले में चुनाव की कमान उन्हीं के कंधे पर होती है |पुष्पराज का कन्नौज, मुम्बई सहित कई अन्य बड़े शहरों और राज्यों में इत्र का कारोबार फैला हुआ है |कन्नौज में भी उनके दो कोल्ड स्टोरेज भी हैं |ये घूसखोर अफसर या नेता केवल काले धन के सौदागर ही नहीं हैं बल्कि टैक्स चोरी सहित कई अन्य गैर क़ानूनी कामों को बदावा देने वाले
ऐसे तत्व हैं जो एक तरह से देश को खोखला करने का कम कर रहे हैं |सरकार को चाहिए की ऐसे लोगों को बेनकाब करने के लिए ठोस कार्यवाही करे |यदि आवश्यकता पड़े तो उनकी सेवा शर्तों में भी बदलाव करे या फिर उनके अधिकारों में कटौती करे |अच्छा हो कि सरकार प्रशासनिक सुधारों को गति प्रदान करे और इस दिशा में कानूनों को कठोरतापूर्वक लागू करे ताकि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो |कम से कम अपराधी को कानून का डर व भय बना रहे |