जायका भू-स्खलन सहित विभिन्न तकनीक को उत्तराखंड के साथ साझा करेगा!
जापान/देहरादून 5 सितम्बर (हि.डिस्कवर)
जापान इन्टरनेशल काॅपरेशन एजेंसी(जायका) के आमंत्रण पर जापान पहुचे प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत ने जायका के वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक कर भू-स्खलन के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारिया प्राप्त की। जापान दौरे के पहले दिन ही वन एवं पर्यावरण मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत के साथ गये उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमण्डल ने जायका की सीनियर वाइस प्रेजीडेंट सुजुकी नोरिको के नेतृत्व में जायका के प्रतिनिधिमण्डल से जापान में भू-स्खलन एवं उसके ट्रीटमेंट की तकनीक को लेकर विस्तृत वार्ता की।

स्मरण रहे कि जापान भी उत्तराखण्ड की भाँति वन क्षेत्र को लेकर समानता रखता है और वहाँ भी अधिकांश प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र में आता है। पहाड़ी क्षेत्रों में व्यापक भू-स्खलन के बाद उसके ट्रीटमेंट के लिए ही जायका की स्थापना की गई थी। जायका ने भू-स्खलन प्रभावी क्षेत्रों का व्यापक ट्रीटमेंट करते हुए पूरी दुनिया के सामने अपनी तकनीक की मिशाल पेश की। जायका ने उत्तराखण्ड के साथ अपनी तकनीक को साझा करने पर भी सहमति जताई।
डाॅ0 रावत ने जापान की फारेस्ट्री एजेंसी के महानिदेशक ओकी से भी मुलाकात कर भू-स्खलन को रोकने की तकनीक के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की। उत्तराखण्ड की ओर से वन मंत्री के साथ मुख्य सचिव एस0 रामास्वामी, पीसीसीएफ(मानव संशाधन) मोनिश मलिक, जायका के मुख्य परियोजना अधिकारी अनूप मलिक एवं उप निदेशक राजाजी पार्क किशन चन्द आदि शामिल हैं।