जहरीली शराब कांड का माफिया अजय सोनकर उर्फ घोंचू गिरफ्तार।
देहरादून 23 सितंबर 2019 ( हि. डिस्कवर)
आखिर लुकाछुपी का खेल तब खत्म हुआ जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा सख्त आदेश जारी किए गए। एक ओर घोंचू को भाजपा पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया और दूसरी ओर अपने आकाओं की शरण में छुपा घोंचू के आखिर कोई काम नहीं आया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन उसे कहाँ से गिरफ्तार किया गया यह साफ नहीं हो पाया है।

ज्ञात हो कि पूर्व में कांग्रेस पार्टी से पार्षद रहे और वर्तमान में बीजेपी पार्टी के कार्यकर्ता व स्थानीय नेता के रूप में पहचान रखने वाले अजय सोनकर उर्फ घोंचू पर आधा दर्जन से ज्यादा नामजद संगीन मामले पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हैं फिर भी वह सफेदपोशों की बदौलत बचता रहा। अब जबकि पथरिया पीर में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गयी तब शराब माफिया के रूप में घोंचू पर जैसे ही अंगुली उठी उसके आकाओं द्वारा उसे भूमिगत कर दिया गया। जहरीली शराब के गंभीर मामले पर भी उसका नाम मुख्य रूप से सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन घोंचू गैंगस्टर लगाने की कार्रवाई भी करने कर उसके सारे केस ओपन करने की सोच रही है लेकिन इससे पहले कई पार्टी नेताओं व विधायकों के सम्पर्क में रहा घोंचू पर पुलिस हाथ डालने से कतरा रही थी जिसके कारण दिखावे की गिरफ्तारी के रूप में पुलिस एक अन्य आरोपी गौरव को गिरफ्तार कर उसे मुख्य आरोपी के रूप में पेश कर रही थी।
यहां पुलिस इसी पशोपेश में थी कि घोंचू को राजनीतिक संरक्षण देने वाले स्वयं भाजपा के कई नेता बताए का रहे हैं अतः वह बहुत ऐतिहात के साथ फूंक फूंककर कदम बढ़ाना चाहती थी और जैसे ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने शनिवार के मुम्बई दौरे से लौटने के बाद इस मामले में सख्ती से पुलिस महकमे को आदेश जारी किए तो पुलिस की बांछें खिल गयी क्योंकि अब घोंचू को गिरफ्तार करने में उनके आड़े जो भी नेता आता उन्हें भी वे धर दबोचने में कोई कोताही नहीं बरतते।
वहीं, इस मामले में जानकारी देते हुए राज्य में अपराध व कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद पुलिस ने भी किसी राजनीतिक दबाव में न आते हुए मुख्य आरोपी अजय सोनकर उर्फ घोंचू की गिरफ्तारी के कड़े आदेश दिए थे। पुलिस को इस बात के लिए भी निर्देशित किया गया था कि अगर जल्द ही घोंचू की गिरफ्तारी नहीं होती तो ऐसे में उसके घर की कुर्की की जाएगी। पुलिस की सख्ती काम आई और घोंचू को बचाने में जुटे नेताओं ने जैसे ही अपने हाथ खींचें पुलिस को उसे गिरफ्तार करने में ज्यादा समय नहीं लगा।
अब पार्टी के उन नेताओं में हड़कंप मचा हुआ है कि कहीं पुलिस के थर्ड डिग्री टॉर्चर के बाद घोंचू ने जुबान खोल दी तो हो न जो उनका राजनीतिज्ञ कैरियर बर्बाद न हो जाय। बहरहाल यह पब्लिक है सब जानती है कि किन की शह पर यह शातिर आज तक अपने काले कारनामों को अंजाम देता रहा है।