जहरीखाल सकमुंड़ा में अभिनेत्री उर्वशी रौतेला का प्याऊ! पहाड़ प्रेम की बिलक्षण अभिनेत्री..!
(मनोज इष्टवाल)

वह जब बचपन में कोटद्वार से अपने पैत्रिक गाँव जाया करती थी तब पीने के पानी के लिए उसे भी गाँव की लड़कियों के साथ आधा से एक किमी. दूर जल स्रोत पर पानी भरने जाना पड़ता था! तब वह शायद यही सोचती रही होंगी कि काश…मैं इस प्रदेश की पेयजल मंत्री होती तो गाँव-गाँव पानी जरुर पहुंचाती क्योंकि मिस यूनिवर्स व 2012 की आईएमसी मिस इंडिया रह चुकी सुप्रसिद्ध अभिनेत्री उर्वशी रौतेला जब विगत दिनों अपने पैत्रिक गाँव पौड़ी गढ़वाल के विकास खंड जहरीखाल के सकमुंडा गाँव में अपने दादा बलवंत सिंह रौतेला को समर्पित पेयजल प्याऊ का लोकार्पण किया तब उन्होंने छूटते ही कहा कि उत्तराखंड प्रदेश के लगभग 23 हर जल स्रोत सूख गए हैं या फिर सूखने के कगार पर हैं! जिसका सीधा सा मतलब है कि उन्हें पहाड़ की पेयजल समस्या का बचपन से ही अच्छा ज्ञान रहा है!
जयहरीखाल के ग्राम सकमुंडा में उर्वशी रौतेला फाउंडेशन द्वारा निर्मित ‘प्याऊ ‘ को मिस यूनिवर्स इंडिया व सुप्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री उर्वशी रौतेला द्वारा 25 मार्च को लोकार्पण कर क्षेत्रीय जनता को समर्पित किया गया प्याऊ यकीनन पहाड़ के हिसाब से यहाँ के रैबासियों के लिए अमृत बांटने जैसा है, यूँ भी उर्वशी इंद्र की अप्सरा ही लगती हैं जिन्होंने समुद्र मंथन के बाद अमृत पान किया।

प्याऊ लोकार्पण के उर्वशी रौतेला ने चिंता जताते हुए कहा था कि वर्तमान पहाड़ों में 23 हजार से ज्यादा पेयजल स्त्रोत सूखने की कगार में पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा था कि जल संवर्द्धन व वृक्षारोपण दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं, इसलिए हम सभी को व्यक्तिगत रूप से पौधों के रोपण की जिम्मेदारी लेनी होगी। पौधरोपण से पेयजल समस्या पर काफी काबू पाया जा सकता है। उर्वशी ने सकमुंडा ग्राम में पौधरोपण भी किया।
बर्षों बाद उर्वशी अपने पिता मनवर सिंह रौतेला व माँ मीरा रौतेला के साथ जब गाँव पहुंची तब वहां उत्सव जैसा माहौल था सभी नाते रिश्तेदार से लेकर लैंसडाउन, जहरीखाल व आस-पास के क्षेत्रों के लोग उर्वशी को देखने यहाँ पहुंचे थे! युवाओं में उर्वशी के साथ सेल्फी लेने का क्रेज बहुतायत देखा गया उर्वशी ने इस दौरान किसी को निराश भी नहीं किया!
आपको बता दें कि 25 मार्च 1994 में जन्मी उर्वशी सन 2012 की आईएमसी मिस इंडिया चुनी गयी ! उनकी ख़ूबसूरती पर मन्त्रमुग्ध बॉलीवुड ने उनके लिए द्वार क्या खोले कि वह चंद बर्षों में ही अभिनय के चरम पर पहुंचकर सुपर स्टार बन गयी! यह बहुत कम होता है कि एक मिडिल क्लास लड़की मात्र अपनी प्रतिभा से बॉलीवुड जैसी जगह पर अपने बल पर अपने आप को स्थापित कर जाय! सच कहूँ तो जितना बचपन में मैंने उर्वशी की माँ श्रीमती मीरा रौतेला को जाना है मुझे यही लगता है कि उर्वशी को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए उनकी माँ कहीं न कहीं जिम्मेदार हैं! उर्वशी ने अपना फ़िल्मी कैरियर बर्ष 2013 में “सिंह द ग्रेट” हिंदी फिल्म से किया उसके पश्चात 2015 में “मि. ऐरावत” (कन्नड़), व “भाग जॉनी” (हिंदी), 2016 में “सनम रे” (हिंदी) व “ग्रेट ग्रैंड मस्ती” (हिंदी), 2017 में “काबिल” (हिंदी) व “पोरोवाशिनी” (बंगाली), 2018 में हेट स्टोरी -4 (हिंदी) व वर्तमान यानी 2019 में “पागलपन्ती” फिल्म प्रमुख हैं!
मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के साथ-साथ अपने बिजी सेडयूल के बाबजूद उर्वशी रौतेला का अपने गाँव आना और वहां के लोगों के लिए पेयजल सुविधा मुहैय्या करवाना महज एक इत्तेफाक नहीं है बल्कि यह एक ऐसा प्रेम है जो बचपन से उनका अपने गाँव के प्रति रहा है! वर्तमान में जहाँ उत्तराखंड में पलायन की बाढ़ आई हुई है वहीँ उर्वशी का यूँ गाँव को अपनी जड़ों से जोड़े रखना सचमुच काबिलेतारीफ है! यह आश्चर्यजनक है कि उर्वशी के सपनों का गाँव सकमुंडा आज भी उनके सपनों ख़्वाबों-ख्यालों में जीता जागता है! उर्वशी आपको सलूट..!