‘जल संचय, संरक्षण-संवर्द्धन अभियान‘‘ एवं विश्व बैंक सहायतित उत्तराखण्ड अर्द्धनगरीय क्षेत्रों के लिए पेयजल कार्यक्रम का शुभारम्भ।

देहरादून 9 मई2018 (हि. डिस्कवर)

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आईआरटीडी सभागार में राज्य में ‘‘जल संचय, संरक्षण-संवर्द्धन अभियान‘‘ एवं विश्व बैंक सहायतित उत्तराखण्ड अर्द्धनगरीय क्षेत्रों के लिए पेयजल कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री ने पेयजल योजनाओं के स्रोत संवर्द्धन, वर्षा जल संरक्षण कार्यक्रम एवं नमामि गंगे की बेबसाईट का भी शुभारम्भ किया। उन्होंने विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए स्वच्छता विषय पर पठन सामग्री का विमोचन भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण की जागरूकता हेतु ’जल चेतना रथ’ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना  किया। ‘‘जल संचय, संरक्षण-संवर्द्धन अभियान‘‘  राज्य में 09 मई से 30 जून 2018 तक चलाया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संकट की चुनौती से लड़ने के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है। आने वाले समय में जल संकट विश्व के समक्ष एक गम्भीर समस्या होगी। जल के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए हमें अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक सोच के साथ कार्य करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए राज्यों को आपस में मिलकर संयुक्त रूप से विचार करने की जरूरत है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने दिल्ली में हिमाचल, हरियाणा, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्रियों से वार्ता भी की है। उन्होंने कहा कि टिहरी के जलाशय के कारण गंगा का जल स्तर सही बना हुआ है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए वाॅटर काॅपर्स बनना चाहिए। विभिन्न माध्यमों से वर्षा जल का संग्रहण करना आवश्यक है, ताकि पीने के पानी एवं सिंचाई के लिए पानी की पूर्ति हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है पिछले एक साल में देहरादून में तीन झील बनाने का निर्णय लिया गया जिसमें सूर्यधार का टेंडर हो गया है, सौंग के लिए बजट का प्रावधान कर लिया गया है जबकि मलढ़ूंग की डीपीआर तैयार हो रही है। पिथौरागढ़, अल्मोड़ा एवं पौड़ी में भी झील बनाने का निर्णय लिया है। इन झीलों के माध्यम से जल संरक्षण भी होगा और ईको सिस्टम भी ठीक होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए लक्ष्य पहले से निर्धारित होना चाहिए। पिछले वर्ष 25 मई से जल संरक्षण को जो अभियान चलाया गया, उससे 40 करोड़ लीटर पानी का संरक्षण हुआ है। इस वर्ष 70 करोड़ लीटर जल संरक्षण का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार ने रिस्पना नदी एवं कुमांऊ की लाइफ लाइन कोसी को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा है। इनके पुनर्जीवीकरण का कार्य मिशन मोड पर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष लगभग 200 करोड़ रूपये जल संग्रहण एवं उससे सम्बन्धित योजनाओं पर खर्च किये जायेंगे। सरकारी आवासों से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की शुरूआत की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण कर ईको सिस्टम में योगदान के लिए उत्तराखण्ड की देश में विशिष्ट पहचान हो इसके लिए हमें सबको मिलकर प्रयास करने होंगे।
पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि वैश्विक स्तर पर लगातार पेयजल की कमी की समस्या बढ़ती जा रही है। उत्तराखण्ड में भी पेयजल की कमी का प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि पेयजल की समस्या के निदान के लिए विश्व बैंक पोषित अर्द्धनगरीय क्षेत्र के रूप में प्रदेश के 07 जनपदों के चिन्ह्ति 35 अर्द्धनगरीय क्षेत्रों के लिए मानक के अनुरूप पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया है। वर्ष 2022 तक हर घर में शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिये योजनायें बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विकास की दौड़ के कारण पर्यावरण को जो क्षति पहुंच रही इससे भविष्य में गहरे जल संकट की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। जल संरक्षण के लिए हमें सुनियोजित तरीके से उपाय तलाशने होंगे। उन्होंने कहा कि वर्षा जल संरक्षण के लिए प्रदेश में जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जल संरक्षण से संबंधित रेखीय विभागों के माध्यम से विभिन्न कार्य किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड में जल संरक्षण के लिए इस वर्ष 15 प्रोजेक्ट लिये गये हैं। वर्षा जल संरक्षण व संवर्द्धन का कार्य विभिन्न बड़े सरकारी आवासों से किये जा रहे हैं। नमामि गंगे योजना के तहत गंगा को गंगोत्री से उतराखण्ड की अन्तिम सीमा तक स्वच्छ रखने का राज्य सरकार का लक्ष्य है। गंगा किनारे उत्तराखण्ड में जो 132 गांव आते हैं, उन्हें गंगा गांव की श्रेणी दी गई है। गंगा की स्वच्छता एवं निर्मलता के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे।
इस अवसर पर सचिव पेयजल अरविन्द सिंह ह्यांकी, विश्व बैंक से सुश्री स्मिता मिश्रा, निदेशक स्वजल डाॅ.राघव लंगर, पेयजल के एमडी भजन सिंह, सीजीएम जल संस्थान एस.के गुप्ता आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *