जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती व उमर अब्दुल्ला हिरासत में।
(मनोज इष्टवाल)
अभी यह किसी की समझ में भी नहीं आ रहा था कि जम्मू-कश्मीर में क्या होने वाला है कि राज्यसभा में अनुच्छेद 370 व 35ए रखने से पूर्व ही जम्मू कश्मीर में अपने भाषणों से अराजकता फैला रहे जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को नजरबंद कर दिया गया व विगत सोमवार को हिरासत में ले लिया गया। यह कार्रवाई केंद्र सरकार द्वारा धारा 370 के प्रावधानों को खत्म करने के कुछ घंटे बाद की गयी है।

संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और स्थानीय नेताओं सज्जाद लोन और इमरान अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह बदलाव गृहमंत्री अमित शाह के राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के लिए विधेयक पेश करने के बाद आया, जिस पर बाद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर कर आदेश को प्रभावी बना दिया। विधेयक का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को पुनर्गठित कर दो केंद्रशासित प्रदेशों (यूटी) में विभाजित करना था। इसका मतलब जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा और लद्दाख बिना विधानसभा वाला।
मुफ्ती और अब्दुल्ला के साथ जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेताओं सज्जाद लोन और इमरान अंसारी को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। मुख्यधारा के ये राजनीतिक नेता अनुच्छेद 370 में किसी तरह के बदलाव और राज्य के विभाजन के विरोध में थे।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार ने इन विनाशकारी फैसलों के छल और छद्म तरीके से हाल के सप्ताहों में जमीन तैयार की। सरकार ने एकतरफा फैसला किया, भरोसे पर पूरी तरह धोखा दिया है। लंबी और मुश्किल लड़ाई आगे है, हम इसके लिए तैयार हैं।
वहीं दूसरी ओर धारा 370 को खत्म करने के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि आज का दिन भारतीय लोकतंत्र का स्याह दिन है. धारा 370 (Article 370) निरस्त करने का भारत सरकार का एकतरफा फैसला गैर कानूनी, असंवैधानिक है। जम्मू-कश्मीर में भारत संचालन बल बन जाएगा। अनुच्छेद 370 पर उठाया गया कदम उपमहाद्वीप के लिए विनाशकारी परिणाम लेकर आएगा, वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को आतंकित कर इस क्षेत्र पर अधिकार चाहते हैं। भारत कश्मीर के साथ किये गए वादों को पूरा करने में नाकाम रहा है।
ज्ञात हो कि राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 में संशोधन के तहत उसके कई उपबंधों को हटाने का आदेश जारी करने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में ऐक्शन शुरू हो गया है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अब जम्मू-कश्मीर के कई अन्य स्थानीय और दिग्गज नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सेना के अधिकारी के हवाले से जानकारी दी गयी है कि सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की और उन्हें राज्य में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी। बहरहाल आर्टिकल 370 व 35ए के लागू होने के बावजूद भी आज सबकी नजर लोकसभा की कार्यवाही पर जमीं हुई हैं। लोगों का मानना है कि गृह मंत्री अमित शाह आज भी अपने पिटारे से कुछ नया निकालने की फिराक में होंगे। फिलहाल देश भर में जश्न का माहौल बना हुआ है।