जब मुन्ना सिंह चौहान ने खुलेमन से की सतपाल महाराज की तारीफ!
जब मुन्ना सिंह चौहान ने खुलेमन से की सतपाल महाराज की तारीफ!
(मनोज इष्टवाल)
विगत 3 मई को रामताल गार्डन (चौलीथात) में आयोजित शहीद केसरी चंद के मेले में उत्तराखंड के प्रखर भाजपा नेता व वर्तमान में विकास नगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने मंच से अपने संबोधन में भाजपा के कद्दावर नेता व वर्तमान पर्यटन व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज की दिल खोलकर प्रशंसा करते हुए कहा कि महाराज के लाखों करोड़ों अनुयायी पूरी देश दुनिया में हैं. इस बार प्रदेश को एक ऐसा नेता मिला है जिसका विजन पर्यटन में उत्तराखंड की सम्पूर्ण दुनिया में पहचान करवाएगा.
(Photo- Praveen Bhatt)
मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि सतपाल महाराज ने चार धाम यात्रा के अलावा भी साल भर पर्यटन के लिए कई विकल्प तलाशे हैं. इस से पूर्व केसरीचंद मेला समिति ने अपने प्रपोजल में महासू देवता मंदिर हनोल को पांचवे तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने के लिए विधायक मुन्ना सिंह चौहान के माध्यम से एक पत्र मुख्यमंत्री को प्रेषित किया है जिसमें कालसी में यमुना तट पर हरिद्वार ऋषिकेश की तर्ज पर घाटों का निर्माण करने की बात कही गयी है ताकि यमुना आरती की जा सके. साथ ही जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर में दो ऐसे आवासीय विद्यालय खोलने की बात भी कही जो एक चकराता तहसील में हो तो दूसरा त्यूनी तहसील में हो ताकि पूरे जनजातीय छात्र-छात्राएं इस से लाभान्वित हो सके.
(Photo- Praveen Bhatt)
विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने जब बताया कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा जौनसार बावर क्षेत्र को रामायण व महाभारत सर्किट के रूप में पर्यटन व धर्म संस्कृति से जोड़कर देखा गया है व उस पर उन्होंने उनसे भी राय मांगी है तब पूरा मेला तालियों से गूँज उठा. मुन्ना सिंह चौहान ने युवाओं से अपील की है कि वे शिक्षित हों लेकिन अपनी लोक संस्कृति में ह्रास न आने दें वरना वह दिन दूर नहीं कि हम अपना वजूद खो देंगे. और अगर वजूद गया तो हमारी गिनती भी उसी भीड़ में होगी जिनके पास संस्कृति के रूप में कुछ नहीं बचा है.
(Photo- Praveen Bhatt)
उन्होंने कहा कि इस जनजातीय क्षेत्र में ऐसा कुछ तो जरुर है जिसमें महाभारत व रामायण काल के प्रमाण मिलते हैं वरना जगत ग्राम (अश्वमेघ यज्ञ), कट्टापत्थर (भीम द्वारा कीचक वध), हथियारी (पांडवों द्वारा अज्ञातवास के दौरान हथियार छुपाने का स्थान) गौथान (राजा बिराट की गौ शाला), बैराटगढ़ (राजा बिराट का किला) लाखामंडल (पांडवों के लिए तैयार किया गया लाख का किला) इत्यादि इस क्षेत्र में नहीं होते! उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही इस बिषय में पर्यटन धर्मस्व व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के साथ मंत्रणा करेंगे ताकि इस जनजातीय क्षेत्र को बारहों माह पर्यटन व धर्म संस्कृति का लाभ मिल सके.