जब घुघुती के उत्कंठ सुर सुनाई दिए प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के उस सम्मान समारोह में।

*सारेगामा लिटिल चैम्प रही वसुंधरा रतूड़ी को मिला “पर्वत गौरव सम्मान।

(मनोज इष्टवाल)
उसका जन्म लेबनान में हुआ, न्यूयॉर्क, अमेरिका सहित कई देशों में बचपन गुजरा और जब 2006 में भारत आकर दिल्ली पब्लिक स्कूल बसंत कुंज में तीसरी कक्षा में प्रवेश लिया तब ब्रेल लिपि की पढ़ाई में नेशनल इंस्टिट्यूट फ़ॉर द ब्लाइंड आर के पुरम की सहायता से शुरू की और अगले साल ही जीटीवी के शो “सारेगामा लिटिल चैम्प” में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरना शुरु किया। इस आवाज़ के मुरीद सुप्रसिद्ध बॉलीवुड सिंगर सोनू निगम भी हुए । जनवरी 2008 में इस आवाज के मुरीद सारे देश के संगीत प्रेमी हुए और वसुंधरा सारेगामा लिटल चैम्प बनी।


वसुंधरा रतूड़ी वर्तमान में बी ए संगीत की पढ़ाई कर रही है। लेकिन उसके गले से निकलने स्वर कोमलता मन मंत्र मुग्ध कर देते हैं। वसुंधरा रतूड़ी के पिता विदेश मंत्रालय में कार्यरत हैं व प्रेस क्लब ऑफ इंडिया दिल्ली में 14वें राष्ट्रीय उत्तरायणी सम्मान समारोह 2019 में पर्वतीय लोक विकास समिति, उत्तराखण्ड पत्रकार फोरम व हिम उत्तरायणी संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित हिमालय गौरव, पर्वत गौरव व दिल्ली गौरव सम्मान में सपत्नी अपनी पुत्री को मिलने वाले पर्वत गौरव सम्मान लेने पहुंचे थे। वसुंधरा रतूड़ी को यह सम्मान उनकी संगीत व गायन विधा के लिए उन्हें रियल एडमिरल पीवीएसएम, एवीएसएम ओम प्रकाश सिंह राणा, महानिदेशक इंडियन कॉस्ट गार्ड राजेन्द्र सिंह तोमर (बिष्ट), इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन भारत सरकार के चेयरमैन के जी सुरेश, जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के डॉ. गिरीश चन्द्र जोशी व घनानंद उपाध्यक्ष सँस्कृति विभाग उत्तराखण्ड सरकार के कर कमलों से “पर्वत गौरव सम्मान” से नवाजा गया। वसुंधरा के बारे में आपको जानकारी दे दें कि विदेश में रहने के वावजूद भी उन्होंने मात्र दो बर्ष की आयु में अपनी दादी से अपनी मातृभाषा गढवाळी बोलनी सीख ली थी व वह अच्छी गढवाळी बोल लेती हैं। इस सम्मान समारोह में जब पहाड़ की इस बेटी ने “घुघुती घुर्राण लगी मेरा मैताकि, बौडी-बौडी ऐज्ञे ऋतु ऋतु चैताकी।” गाकर सुनाया तो सारा हॉल तालियों से गूंज उठा। हमें ऐसी बेटी पर नाज है और साथ ही नाज है उन लोगों पर जो ऐसे गरिमामय पलों को संजोने के लिए सम्मान की गरिमा का भी ख्याल रखते हैं कि सम्मान देने वाले हाथ आख़िर हों कौन।

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