जनवरी में होगा कट्टारमल मंदिर में "सूर्य उत्सव"- सतपाल महाराज
देहरादून (हि. डिस्कवर)
कुमाऊँ दौरे से लौटे पर्यटन एवं संस्कृति मन्त्री सतपाल महाराज ने जहाँ पर्यटन मानचित्र में कुमाऊँ मंडल के कई पर्यटन स्थलों को शामिल करने की बात कही वहीँ उन्होंने स्पष्ट किया कि कुमाऊँ मंडल में 8 धामों की स्थापना की जायेगी. उन्होंने कट्टारमल मंदिर को कोणार्क मंदिर की तरह हि अद्भुत बताते हुए कहा है कि दोनों हि मन्दिरों के गुम्बंद नहीं हैं.
वहीँ उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि यह अद्भुत है कि कट्टारमल मंदिर जो एक रात में बनाया गया है उसका गुम्बंद नीचे ही रखा हुआ है व मंदिर में पूजा पद्धति ना के बराबर है क्योंकि उसमें कई मूर्तियाँ खंडित हैं. उन्होंने बताया कि हर बर्ष 15 जनवरी को ऐसा दिन आता है जब छोटे मन्दिर के छिद्र से गुजरती सूर्य की किरणे मुख्य मंदिर पर स्थित सूर्य की मूर्ती व उसके साथ घोड़ों पर पड़ती है और पूरा मंदिर प्रकाश से नहा जाता है. इसे वे सूर्य के साथ घोड़ों से जोड़कर सप्तकिरण का रूप देते हैं. उन्होंने इस मंदिर को इजिप्ट के सूर्य देवता से जोड़ते हुए कहा कि हम सप्त सिंघव क्षेत्र के वासी हैं जहाँ सात नदियाँ आज भी धाराप्रवाह बहती हैं.
सतपाल महाराज ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश की नई पर्यटन नीति के मसौदे को अंतिम रूप देने की कवायद शुरू हो गयी है. पर्यटन विभाग इस समबन्ध में होटल ब्यवसायी, बस टैक्सी ओपरेटर, एडवेंचर स्पोर्ट्स वालों की सलाह भी ली जा रही है. उन्होंने बताया कि कुमाऊँ में 1500 ई.पूर्व की ताम्रमूर्ती है तो वहीँ दूसरी ओर लखुउडियार में लगभग 5000 बर्ष पूर्व के भीत्तिचित्र हैं जिन्हें हम बहुत गंभीरता से संग्रहित करने की कार्ययोजना पर अमल कर रहे हैं ताकि हमारी पुरातन संस्क्रृति की ये अनमोल धरोहरें ज़िंदा रह सकें!
उन्होंने जागेश्वर व वृद्ध जागेश्वर मंदिर में हुए विभिन्न घोटालों की जांच भी बिठा दी है साथ ही पंडित गोबिंद बल्लभ पन्त राजकीय संग्राहलय के क्षतिग्रस्त भवन को पुनर्निर्माण कर उसे स्थापित करने का भी आदेश जारी किया है ताकि उसमें पुरानी मुद्राएँ, पांडुलिपियाँ, मूर्तियाँ इत्यादि सुरक्षित रह सकें जो कि हमारी धरोहरों में शामिल हैं.
उन्होंने कहा है कि आगामी 14-15 जनवरी को पर्यटन व संस्कृति विभाग की ओर से कट्टारमल मंदिर में “सूर्य उत्सव” नामक विशाल मेले का आयोजन किया जाएगा जिसमें प्रदेश हि नहीं देश भर से बुद्धिजीवी, मीडियाकर्मी, धार्मिक व्यक्तित्व सहित कई लोगों के आने की सम्भावना है.