जनपद उत्तरकाशी में दुर्गम से सुगम की पात्रता सूची में शिक्षिका श्रीमती उत्तरा बहुगुणा 59 वें नम्बर पर है !- शिक्षा सचिव

देहरादून 29 जून 2018 (हि. डिस्कवर)
शिक्षा सचिव शिक्षा सचिव डॉ. भूपेन्द्र कौर औलख  का यह बयान कहीं गले की हड्डी न बन जाय कि जनपद उत्तरकाशी में दुर्गम से सुगम की पात्रता सूची में शिक्षिका श्रीमती उत्तरा बहुगुणा 59 वें नवम्बर पर है ! क्योंकि पूर्व में ऐसे कई मामले खुल सकते हैं  दुर्गम  सुगम में बिना पात्रता सूची के अपनी सेवाएँ देते  रहे हैं! एक ओर शिक्षा सचिव का कहना है कि अब ट्रांसफर एक्ट प्रभावी हो गया है लेकिन एक्ट प्रभावी होने से कुछ अंतराल पूर्व ऐसे कई स्थानान्तरण विभागीय स्तर पर हो चुके हैं जिनका पात्रता सूची से कोई लेना देना नहीं है! आखिर कई बर्षों से  की यह अध्यापिका लगातार अपने स्थानान्तरण की गुहार लगाए हुए विभाग से जाने कितना पत्राचार कर चुकी थी अब जबकि वह सेवानिवृत्ति के बेहद करीब है व विभागीय मानकों में मात्र 10 प्रतिशत ही दुर्गम से सुगम में लाये जा सकते हैं ऐसे में यह तय है कि इस सूची अनुसार उनका नम्बर अपनी सेवानिवृत्ति के बर्ष में ही आयेगा!

गौरतलब है कि विगत 5 बर्षों में ऐसे कई स्थानान्तरण न सिर्फ दुर्गम से सुगम में जनपदवार हुए हैं अब जबकि अंतर्जनपदीय भी कई स्थानान्तरण मंत्रियों, विधयाकों व रसूकदारों द्वारा बिशेष अनुकम्पा के आधार पर करवाए गए हैं! हाल ही में भले ही स्थानान्तरण एक्ट प्रभावी किया गया हो लेकिन यह अचानक ही प्रभावी तो हुआ नहीं है फिर हाल के कुछ महीनों पूर्व  ऐसे कई स्थानान्तरण विभाग द्वारा किस आधार पर किये गए यह सवालिया निशान लगाता है!
दूसरी ओर शिक्षा सचिव डॉ. औलख ने बताया कि प्रकरण के बाद भी मुख्यमंत्री जी ने श्रीमती बहुगुणा के आवेदन पर नियमानुसार समुचित कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है। इसमें श्रीमती बहुगुणा की पारिवारिक परिस्थितियों का भी ध्यान रखा जाएगा। यह देखा जाएगा कि स्थानांतरण एक्ट के अंतर्गत क्या किया जा सकता है। 
यह तथ्य समूची शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान भी खडा कर देता है कि  शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा प्रकरण पर आखिर क्यों विभाग को बैकफुट पर आकर ऐसा वखतब्य देना पड़ रहा है! इस से साफ़ जाहिर है कि विभाग अब अपनी किरकिरी होते देखना नहीं चाहता! भले ही वह यह कह रहा हो कि उनका स्थानान्तरण जनपद में ही दुर्गम से सुगम में किया जा सकता है लेकिन यह भी सत्य है कि इस मामले ने शिक्षा विभाग की स्थानान्तरण प्रणाली को सवालों के घेरे में ला खड़ा कर दिया है! और अगर विभाग वास्तव में पात्रता के हिसाब से स्थानान्तरण करता है तब शिक्षा निदेशालय में ऐसे अधिकारी कैसे बड़े पदों पर विराजमान हैं जो अपने से कई सीनियर व पात्रता में उनसे कई पीछे होते हुए भी मुख्य पदों पर कब्जा जमाये बैठे हैं!

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