जड़ी-बूटियों की पहचान ना होने के कारण उनका संरक्षण नहीं हो पा रहा है।-राज्यपाल।
राजभवन देहरादून 04 अगस्त, 2019 (हि. डिस्कवर)

राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा कि जड़ी-बूटियों को उत्तराखण्ड के काश्तकारों, युवाओं और महिलाओं की आमदनी का माध्यम बनाना होगा। जड़ी-बूटी, योग एवं आयुर्वेद आधारित स्वरोजगार के कार्यक्रम, राज्य में पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकने में प्रमुख भूमिका निभा सकते हंै। उत्तराखण्ड राज्य के लिए जड़ी-बूटियों का महत्व बहुत अधिक है। प्रकृति ने उत्तराखण्ड को बहुमूल्य जड़ी-बूटियों का खजाना दिया है। राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने यह विचार रविवार को हरिद्वार में पंतजलि योगपीठ द्वारा आयोजित जड़ी-बूटी दिवस कार्यक्रम में व्यक्त किये।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि जड़ी-बूटी की कृषि से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है। इन जड़ी-बूटियों की वैज्ञानिक कृषि और प्रबंधन की व्यवस्था कर, इसे एक लाभदायक आर्थिक गतिविधि का रूप दिया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि जड़ी-बूटियों की पहचान ना होने के कारण उनका संरक्षण नहीं हो पा रहा है। वनों और वनस्पतियों का अत्यधिक दोहन भी जड़ी-बूटियों के क्षय का कारण बन रहा है। उन्होंने कहा कि आमजन को जड़ी-बूटियों की पहचान तथा उनके महत्व के प्रति जागरूक किया जाय। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है। यह हमारे ऋषि-मुनियों की साधना, तप एवं अनुभव का परिणाम है। आयुर्वेद तथा योग मानव जीवन में आरोग्य का आधार हैं। आयुर्वेद एक प्रगतिशील विज्ञान है और इसके द्वारा जगत में जन स्वास्थ्य का संरक्षण भली भांति किया जा सकता है।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि स्वामी रामदेव जी और आचार्य बालकृष्ण ने योग और आयुर्वेद को विश्व स्तर पर ख्याति दिलाई है।
ज्ञात्वय है कि पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण का जन्मदिवस रविवार को जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर पतंजलि आयुर्वेद काॅलेज एवं हाॅस्पिटल द्वारा एक अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन भी किया जा रहा है। संगोष्ठी में आॅटो इम्यून बीमारियों पर चर्चा होगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डा0 हरक सिंह रावत, स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण, उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा0 अभिमन्यु, इफको कंपनी के वित्त प्रबन्धक योगेन्द्र कुमार, नेपाल के केबिनेट मंत्री किरण गुरंग, जिलाधिकारी श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी, एसएसपी सेंथिल अबुदई,कवि हरिओम पंवार, चिकित्सक, वैज्ञानिक, अध्यापक, विद्याथी एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।