चान्शल घाटी के टिकुला थाच में आकाशीय बिजली गिरने से तीन की मौत! सात गम्भीर रूप से घायल!
चान्शल घाटी के टिकुला थाच में आकाशीय बिजली गिरने से तीन की मौत! सात गम्भीर रूप से घायल!
बलावट (आराकोट) 27 मई (हि. डिस्कवर) मनोज इष्टवाल की रिपोर्ट..
हिमाचल व उत्तराखंड की सीमा पर स्थित चांशल की चोटी पर उतराखंड क्षेत्र में टिकुला थाच जो (सरू झील से भी 10 किलोमीटर दूर है ) पर्यटको के कैंप पर आसमानी बिजली गिरने से तीन लोगो की मौत व सात लोगों के घायल होने से पूरे इलाके में कोहराम मच गया. यह हादसा तब घटित हुआ जबकि बंगाण के बलावट गाँव में चान्शल ट्रेक ऑफ़ द इयर 2017 को लेकर पर्यटन विभाग की बैठक चल रही थी.
(हिमाचल की ओर से चान्शल में भीड़ व आकाशीय बिजली से मरे तीन लोग)
मृतको में बलावट गॉव के अमर सिंह पुत्र दलेव सिंह उम्र 56 बर्ष, लकेश (लोकेश) पुत्र रतन सिंह उम्र 28 बर्ष व खखवाड़ी (मौन्डा) गाँव मोर सिंह पुत्र अमर सिंह उम्र 48 बर्ष तहसील पुरोला बताए जा रहे है । जिला प्रशासन विगत दिवस से ही आपदा प्रबन्धन के कार्य पर लग गया था लेकिन घटना स्थल बलावट व मौन्डा गाँव से लगभग 18 किमी. दूर होने के कारण त्वरित राहत संभव नहीं हो पाई क्योंकि यह घटना विगत दिवस शांय 5 से सवा पांच बजे की बताई जा रही है. ऐसे में मौसम के खराब होने व 18 किमी. पैदल दूरी होने के कारण भी ग्रामीणों को घटना की जानकारी देरी से मिली. जिसके कारण आपदा प्रबन्धन के कार्य समय पर नहीं हो पाए.
(घटना स्थल व पुरोला अस्पताल में घायल का इलाज करते डाक्टर)
सूत्रों के अनुसार राहत व बचाव कार्य के लिए जिला प्रशासन की और से सुबह पांच बजे से कार्यवाही शुरू की गयी थी जिसमें हिमाचल प्रदेश के रोहडू से 10 सदस्यीय टीम जिसमें पुलिस डाक्टर वहां के डीसी व उप डीसी शामिल हैं सुबह पांच बजे ही घटना स्थल के लिए रवाना हो गयी थी जो 10 बजे प्रात: घटना स्थल पर जा पहुंची. वहीँ जिला प्रशासन की और से केदारनाथ से मौक पर हेलिकॉप्टर रवाना कर दिए गए हैं, जोकि आठ बजे प्रात: चान्शल पहुँच गया था. सिंगल इंजन हैलीकाप्टर होने के कारण वह मात्र 3 घायलों को पुरोला अस्पताल पहुंचा सका है.
सूत्रों की मानें तो दुबारा जब हैलीकाप्तर चान्शल अन्य घायलों को लेने गया तब घटना से क्रोधित ग्रामीणों ने पायलट से तीन लाशों को ले जाने की बात कही लेकिन क्षुब्ध पायलट हैलीकाप्टर खाली ही लेकर वापस केदारनाथ लौट गया.पुन: डेढ़ बजे से जिला प्रशासन की पहल पर काफी मशक्कत के बाद एक हैलीकाप्टर आया जिसमें जिला प्रशासन के किसी अधिकारी के साथ जाने की खबर है लेकिन भयंकर तूफ़ान व काले बादलों के कारण कुछ भी न दिखाई देने के कारण हैलीकाप्टर वापस लौट आया.
सूत्र कहते हैं कि दो लाशें गाँव लाई जा सकी हैं जबकि एक खबर लिखे जाने तक अभी भी घटना स्थल पर ही पड़ी हुई है. मात्र तीन घायलों का इलाज पुरोला अस्पताल में जारी है.
जहाँ एक और हिमाचल के चिड़गांव से एस एच ओ मुनीष शर्मा के नेतृत्व में पुलिस दल चांशल घाटी के लिए रवाना हुआ वहीँ जिला प्रशासन उत्तरकाशी उत्तराखंड से राजस्व विभाग के तहसीलदार, कानूनगो, पटवारी, रेंज अफसर, एसडीआरएफ व पुलिस /होमगार्ड के जवान, मोरी से दो डाक्टर सहित बन विभाग व जिला प्रशासन के लगभग 20 कर्मी सुबह 5 बजे घटना स्थल के लिए निकले. यह टीम अलग अलग समय पर 5 से 9 बजे चान्शल बुग्याल के लिए निकली,
ज्ञात हो कि पर्यटन विभाग द्वारा इसी बर्ष चान्शल को ट्रेक ऑफ़ द इयर 2017 के लिए नामित किया गया था जिसकी पहली बैठक विगत शुक्रवार को बलावट गाँव में संयुक्त सचिव (पर्यटन) रौन्कली, अनु सचिव (पर्यटन) देवेन्द्र चौहान, डिप्टी डायरेक्टर (पर्यटन)पूनम चंद, जिला पर्यटन अधिकारी कुशल सिंह नेगी, एसडीएम (उत्तरकाशी) शैलेन्द्र नेगी, खंड विकास अधिकारी, फारेस्ट रेंजर आराकोट, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग के सानिध्य में क्षेत्रीय ग्रामीणों के साथ चल रही थी. बैठक समाप्त होने के कुछ ही समय पश्चात यह घटना हुई.
सूत्रों के अनुसार लगभग 10 सदस्यीय टीम चान्शल बुग्याल घूमने के लिए गयी थी लेकिन मौसम के अचानक खराब होने व आकाशीय बिजली के इनके तम्बू के गिरने से यह घटना घटित हुई.