गढ़वाली संस्कृति का जयघोष होगा न्यूजीलैंड में! फोटो जर्नलिस्ट मुकेश खुगशाल करेंगे शिरकत ..

गढ़वाली संस्कृति का जयघोष होगा न्यूजीलैंड में! फोटो जर्नलिस्ट मुकेश खुगशाल करेंगे शिरकत ..
देहरादून 30 मार्च (हि.डिस्कवर)
न्यूजीलैंड के आकलैंड में आगामी 16 अप्रैल को उत्तराखंड असोशियशन ऑफ़ न्यूजीलैंड “बडूली-2017” कार्यक्रम आयोजित कर रहा है जिसमें उत्तराखंड की खुद को बिसराने के लिए उत्तराखंडी जनमानस की बडुली (हिचकी) बंद करने के लिए   संगीतकार वीरेन्द्र राही, गायक व संगीतकार राकेश भारद्वाज,  तबला वादक  सुभाष पांडे, गायक मंगलेश डंगवाल, हास्य कलाकार कृष्णा बगोट,  पंकज नाथ, दीपक महर व प्रसिद्ध फोटोग्राफर मुकेश खुगशाल ओकलैंड जा रहे हैं
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फोटो जर्नलिस्ट व डाकुमेंटरी फिल्म निर्माता मुकेश खुगशाल उत्तराखंड के ऐसे बिरले फोटोग्राफर हैं जिनकी फोटोज सन 2015 में पेरिस में आयोजित “वर्ल्ड ग्लोबल लैंडस्केप-2015” में शामिल हुई और पुरस्कार की श्रेणी में अबल रही.

विकास खंड कल्जीखाल पौड़ी गढ़वाल के ग्राम लयड़ा के मुकेश खुगशाल यूँ तो बचपन से ही दिल्ली रहे लेकिन विगत कई बर्षों से उनका अपने गॉव व पहाड़ से ऐसा नाता जुड़ गया है कि वे गाहे-बगाहे अपनी थाती माटी की खुशबु सूंघने घर पहुँच ही जाते हैं. मुकेश का कहना है कि उन्हें पहाड़ में जो शुकून प्राप्त होता है वह विश्व भर में कहीं हो ऐसा उनका अनुभव नहीं है. उन्हें बड़ी पीड़ा है कि हम अपने खेत खलिहानों और गॉव से पलायन कर शहरों की आवोहवा में जीने को मजबूर हैं. वह पलायन पहाड़ के लिए अभिशाप मानते हैं एवं कहते हैं कि राज्य बनने के बाद विस्फोटक तरीके से हुए पलायन के लिए अब तक की राज्य सरकारें जिम्मेवार हैं जिनके पास पहाड़ के लिए ऐसी कोई नीति है ही नहीं जो पहाड़ की जवानी के कदम पहाड़ में ही रोक सके.

मुकेश की फोटोग्राफी के कायल नेशनल ज्योग्राफी सोसाइटीज के सम्पादक डेविड पॉल भी हैं व वे उनके कुछ विलक्षण फोटो लैंडस्केप के मुरीद भी हुए. मुकेश की  अब तक  फोटो प्रदर्शनी “नंदा”- मसूरी माउंटेन सोसाइटी फेस्टिवल-2015″ , विरासत अट देहरादून-2015, कलर्स ऑफ़ उत्तराखंड-2014-15, सेड्स ऑफ़ डेल्ही- इंडिया हेबिटेट सेंटर, डेल्ही आजकल- इंडिया हेबिटेट सेंटर इत्यादि लग चुकी हैं जिनमे उनके कार्य को बिशेष रूप से प्रशंशा मिली है.
मुकेश कहते हैं कि उनका मकसद सिर्फ फोटो खींचकर या उन्हें बेचकर पैंसा कमाना ही नहीं है बल्कि उनका मुख्य मकसद अपने फोटोज में उत्तराखंड के लोक समाज, लोक संस्कृति, प्रकृति व उसमें ब्याप्त हर उस निर्जीव और सजीव वस्तु को उकेरकर सामने रखना है जिसमें उसकी मातृभूमि की खुशबु आये. वे ऐसे जुनूनी फोटोग्राफर हैं कि उन्हें पता लगना चाहिए कि कब कहाँ उनके प्रदेश में कुछ नया हो रहा है, और वे कैमरा लटकाकर तुरंत निकल लेते हैं. मुकेश खुगशाल के निर्देशन में हाल ही में लोकगायक स्व.चन्द्रसिंह राही का एक गीत का फिल्मांकन हुआ जिसमे राही के पुत्र राकेश भारद्वाज ने अभिनय संगीत व स्वर दिया काफी चर्चित रहा.
 

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