‘‘ग्राम समृद्धि एवं स्वच्छता पखवाड़ा‘‘ को हरी झंडी..! नदी अभियान से जुडी ईशा फाउंडेशन!

देहरादून/हरिद्वार  1 अक्टूबर (हि.डिस्कवर)

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को रेडिएंट पब्लिक स्कूल प्रांगण में 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर 2017 तक आयोजित ‘‘ग्राम समृद्धि एवं स्वच्छता पखवाड़ा‘‘ का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री  ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भूमिहीन लोगों को भवन निर्माण हेतु भूमि के पट्टे भी वितरित किये।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री  कहा कि इस स्वच्छता कार्यक्रम को मात्र 15 दिन का कार्यक्रम न समझा जाए। यह कार्यक्रम लगातार तब तक जारी रहेगा, जब तक हमें हमारा लक्ष्य नहीं मिल जाता। हमें स्वच्छता अभियान को अपनी दैनिक आदतों में शामिल करना है। जब तक हम लोग इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा नहीं बनाते तब तक लक्ष्य की प्राप्ति संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नये भारत के निर्माण के लिये बहुत से संकल्प लिये हैं। 1 मई, 2018 तक हर गाँव तक बिजली पहुंचाना, स्वच्छ भारत एवं वर्ष 2022 तक सबके पास घर की उपलब्धता जैसे कई संकल्प प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिये गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपनी नदियों को पुनर्जीवित करने एवं पर्यावरण को बचाने के लिये प्रत्येक व्यक्ति के योगदान की आवश्यकता है। स्वच्छ भारत के अंतर्गत राज्य सरकार अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिये हर संभव प्रयास कर रही है। परन्तु इसमें जनसहभागिता की आवश्यकता है। हम अपने लक्ष्यों को तब तक पूरा नहीं कर सकते जब तक स्वच्छता को अपनी आदत न बना लें। हमें स्वच्छता को कर्तव्य समझकर आत्मसात् करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपनी बेटियों को बचाने के लिये एक और संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि जब भी कहीं कोई बेटी जनम ले, उस परिवार को बधाई देने अवश्य जाएं, साथ ही नामकरण के दिन उस घर के आँगन में एक पौधा अवश्य लगाएं। इससे हमारी बेटियाँ और पर्यावरण दोनों की रक्षा हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने ग्राम समृद्धि एवं स्वच्छता पखवाड़ा विकास रथ को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्राम्य विकास विभाग की ओर से लगाए गए स्टाॅल्स, जिनमें स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की प्रदर्शनी एवं सरकारी एवं गैर सरकारी विभागों और संस्थाओं द्वारा दी जा रही सेवाओं की जानकारी उपलब्ध करायी गयी थी। मुख्यमंत्री ने आमजन को आवश्यक जानकारियाँ उपलब्ध कराने के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की ‘लाभार्थी पुस्तिका‘, ग्राम्य विकास विभाग की ‘ग्राम समृद्धि स्वच्छता पखवाड़ा‘, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की ‘मास्टर परिपत्र‘, ग्राम्य विकास विभाग की राज्य महात्मा गांधी नरेगा प्रकोष्ठ की ‘उन्नति, मनरेगा न्यूज लैटर‘ एवं ‘विकास योजनाएं एवं कार्यक्रम‘ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्कूल प्रांगण में पौधारोपण भी किया।इस अवसर पर विधायक मुन्ना सिंह चौहान, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्रीमती मनीषा पंवार एवं अपर सचिव ग्राम्य विकास एच.सी. सेमवाल भी उपस्थित थे।
वहीँ दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने  हरिद्वार के वी0वाई0पी0 घाट में नदी अभियान के समर्थन में ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरु वासुदेव जग्गी द्वारा आयोजित नदी अभियान रैली के हरिद्वार पहुंचने पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। प्रदेशवासियों एवं उत्तराखंड सरकार की ओर से सदगुरु का उत्तराखंड में स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री  ने कहा कि आज पूरा देश एवं पूरी दुनिया पानी को लेकर चिंतित है। ‘‘जल ही जीवन है‘‘ को जन-जन के मन में पहुंचाने के लिए पिछले 2-3 सालों से एक अभियान चलाया जा रहा है। हमने एक लक्ष्य रखा है कि हमने नदियों को बचाना है, और जो नदियां लगभग मृत हो चुकी हैं, उन नदियों को पुनर्जीवित करना है। उन्होंने कहा कि अब इस अभियान में हमारे संत भी जुड़ गए हैं, अब जब तक हम अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच जाते यह अभियान नहीं रुकेगा। मैं आपको बताना चाहता हूं कि हमारी सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। हमने अपने अधिकारियों को नदियों को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य दिया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि हम गंगा की निर्मलता और पवित्रता की बात करते हैं। बिना जनसहभागिता के नदियों को पुनर्जीवित करना संभव नहीं। राइन नदी को 5 देशों ने मिलकर 27 वर्षों में पुनर्जीवित किया। देश की नदियों को पुनर्जीवित करना 2, 3 या 5 वर्षों का कार्य नहीं है। इसमें भी समय लगेगा, इसलिये हमें आज से ही इसके लिये संकल्प लेना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें नदियों को बचाने और वृक्षों को लगाने के लिए प्रयास करने होंगे। हमें इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा। इसके साथ मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण के लिये जनता का आह्वान करते हुए कहा कि हम जीरो बजट में प्रतिदिन प्रदेश में एक करोड़ लीटर पानी बचा सकते हैं। टाॅयलेट के सिस्टर्न में एक लीटर की बोतल डालकर हम प्रत्येक बार एक लीटर पानी बचा सकते हैं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि देश की समृद्धि का मार्ग नदियों के पुनर्जीवन से ही खुलेगा। हमें अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण करके और नदियों को पुनर्जीवित करके देश को मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि किसान इसमें शामिल होकर औषधीय पौध या फलदार वृक्षारोपण कर लाभ कमा सकते हैं। उनके द्वारा उत्पादित फसलों को पतंजलि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी।
इस अवसर पर सद्गुरु वासुदेव जग्गी ने कहा कि नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए अब तक किसी भी प्रकार की कोई नीति तैयार नहीं की गई है। आज नदियों के संरक्षण के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत का 25 फीसदी हिस्सा रेगिस्तान बनता जा रहा है और 15 सालों के बाद हमें हमारी जरूरत का सिर्फ आधा पानी ही मिल पाएगा। गंगा, कृष्णा, नर्मदा, कावेरी जैसी हमारी कई महान नदियां बहुत तेजी से सूख रही हैं। अगर हम अभी कदम नहीं उठाते तो हम अपनी विरासत में अगली पीढ़ी को सिर्फ संघर्ष और अभाव ही दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि यह अभियान रैली 16 राज्यों से होकर गुजर रही है। जहां लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए देश के कई शहरों और कस्बों में 124 से भी अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। रैली में उमड़ते विशाल जनसमूह और जनसमर्थन को देखते हुए यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि अपनी सूखती नदियों के पुनर्जीवन के लिए एक सकारात्मक नीति बनाने का समय आ गया है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री  ने ग्राम विकास विभाग द्वारा आयोजित ‘‘ग्राम समृद्धि एवं स्वच्छता पखवाड़ा‘‘ का ध्वजारोहण कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द मुनि, स्वामी हरिचेतनानंद एवं पटना के प्रमुख जत्थेदार इकबाल सिंह भी उपस्थित थे।

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