गरुड़चट्टी..! प्रधानमन्त्री का ड्रीम प्रोजेक्ट!
(उषा नेगी)
वर्ष 2013 की आपदा के बाद से वीरान पड़ी गरुडचट्टी एक बार फिर से आबाद होने वाली है |आपदा के पांच साल बाद फिर से लोगों में एक बार फिर नई आशा व विश्वास ने जन्म लिया है |इस सब को मूर्त रूप देने के लिए रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं |रामबाड़ा से केदारनाथ तक बन रहे पैदल मार्ग से गरुडचट्टी को जोड़ा जा रहा है |प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में यह पैदल मार्ग भी शामिल है |प्रधानमन्त्री ने केदारपुरी में नई केदारपुरी के शिलान्यास के अवसर पर यह कहा था कि उन्होंने स्वयं नब्बे के दशक में यहाँ विश्राम किया था |
(गरुड़चट्टी का आपदा से पूर्व का फोटो)
करीब पांच वर्ष पूर्व केदारनाथ आपदा में रामबाड़ा से केदारनाथ तक का पैदल मार्ग पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था |ऐसे में रामबाड़ा से दूसरी पहाड़ी पर लिनचोली होते हुए केदारनाथ तक नया पैदल मार्ग बनाया गया लेकिन नये मार्ग के बनने से गरुडचट्टी बिल्कुल अलग पड़ गयी थी | इतनी बड़ी आपदा के बाद भी गरुडचट्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था और वह बिल्कुल सुरक्षित थी | गत 20 अक्तूबर को केदारनाथ पहुंचने पर प्रधानमन्त्री न मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत रामबाड़ा से केदारनाथ तक गरुडचट्टी होते हुए नया पैदल
मार्ग बनाने की नींव रखी |इसके बाद स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से सर्वे कार्य में जुट गया और उसका आगणन भी तैयार कर लिया गया |आठ किमी लंबे इस मार्ग को बनाने में लगभग 17 करोड़ रूपये खर्च होंगे और सरकार द्वारा पूरी कोशिस की जाएगी कि मई 2018 में यह पूर्ण हो जाए|
हांलाकि ,आने वाले समय में इस पुरे क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ने से निर्माण कार्य में कई परेशानीयों का सामना करना पड़ सकता है |लेकिन सरकार ने इस चुनौती को पूरा करने के लिए कमर कस ली है |रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि हमारी टीम कड़ाके की ठंड में भी पूरी मेहनत से इस कार्य को समय पर पूरा कर लेगी |उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमन्त्री का ड्रीम प्रोजक्ट एक बार फिर से वीरान पड़ी गरुडचट्टी को फिर से आबाद करने में सफल होगा |