खुशखबरी…मुख्यमंत्री ने लिया ऐतिहासिक निर्णय। गैरसैण ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित।
गैरसैंण 4 मार्च 2020 (हि. डिस्कवर)।
सचमुच यह प्रदेश के लिए बड़ी खबर है। एक ऐसी खबर जिसका इंतज़ार उत्तराखंड 20 साल से कर रहा था। बजट सत्र में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का ऐलान कर दिया। जिसके बाद पूरे प्रदेश में खुशी की लहर दौड़ उठी।

इसे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की वाकपटुता कहा जाय या फिर एक खास रणनीति व कूटनीति। बहरहाल जो भी रहा हो इस फैसले ने पार्टी के भीतर व पार्टी के बाहर सभी दलों के राजनेताओं का मुंह सिल दिया है। उन्होंने न सिर्फ गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने की घोषणा की अपितु इसे शहीदों व राज्य आंदोलनकारियों से जोड़कर झंडे-डंडे लेकर राजधानी की मांग को गर्म कर रहे राजनीतिक दलों में भी आज मुंह मीठा करने करवाने का काम किया है।
पहाड़ की राजनीति में कुछ समय से मुख्यमंत्री हाशिये पर खिसकते नजर आ रहे थे लेकिन उनके इस दांव ने उन्हें सचमुच फिलहाल हीरो बना दिया है। ग्रीष्म कालीन राजधानी की घोषणा के बाद अभी और कितने समय तक इसके प्रारूप का इंतजार करना पड़ेगा यह तो वक्त तय करेगा लेकिन इस घोषणा से पूरे पहाड़ी जिलों में खुशी की लहर है।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा उत्तराखंड पर्वतीय राज्य है, पहाड़ में राजधानी यहां के लोगों का सपना रहा है, इसके लिए संघर्ष भी किया है। इन्हीं जनभावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया है। इस घोषणा को मैं राज्य निर्माण के लिए कुर्बान हुए तमाम शहीदों और आंदोलनकारियों को समर्पित करता हूं।
ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा के तुरंत बाद जहां एक ओर विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को मिष्ठान खिला शुभकामनाएं दी वहीं मौजूद मीडियाकर्मियों के अलावा वहां पहुंचे मंत्री विधायक व आम लोगों द्वारा भी मुख्यमंत्री को उनके इस फैसले के लिए शुभकामनाएं दी।