कोया उत्पादन के लिए 50 करोड़ का प्राविधान- सुबोध उनियाल

देहरादून (हि. डिस्कवर)
प्रदेश के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में किसान भवन में किसान भवन में रेशम विभाग की समीक्षा बैठक की।
उन्होंने रेशम उत्पादन को प्रभावी ढंग से स्वरोजगार से जोड़ते हुए इसमें रोजगार की अवसर सृजित करने के निर्देश दिये वर्तमान में रेशम उत्पादन से लगे 10 हजार 500 लाभार्थी परिवारों की संख्या को बढ़ाकर 20 हजार परिवारों तक पहूॅंचाने के लिए ठोस कार्ययोजन बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने रेशम उत्पादन को कुटीर-उद्योग के रूप में विकासित करने की सम्भावनायें तलाशने के भी निर्देश दिये, तथा रेशम उत्पादन के लिए उपयोगी शाँल एवं मणिपुरी बांज के वृक्षों से रेशम उत्पादन को व्यवस्थित ढंग से प्रबन्धन हेतु वन विभाग से इकरारनामा करने की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने इस सम्बन्ध में वन मंत्री से भी बातचीत का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से कोया उत्पादन गतिविधियों के उत्पादन के विस्तार हेतु 50 करोड़ रूपये की धनराशि का प्राविधान हुआ है, जिसमें से 10 करोड़ की धनराशि प्राप्त हो गई है, जिसमें कोटाबाग ईकाई में अनुसूचित जनजाति परिवारों के सशक्तिकरण हेतु प्राप्त 3 करोड़ 73 लाख, रिन्यूवेशन आॅफ ग्रेनेज  हेतु 4 करोड़ 41 लाख ट्राईबल सबप्लान में कोटाबाग (ऊधमसिंह नगर) के 600 किसानों को शहतूत पौधा लगाने और अवस्थापना सुविधाओं के विकास, पहाड़ी क्षेत्रों में ओकटसर विकास परियोजनाओं के तहत 16 लाख रूपये की धनराशि केन्द्र सरकार द्वारा जारी की जा चुकी है। उन्होंने सरकार के प्रदेश में अवस्थित 71 फार्मस में रिक्त इंचार्ज के पद तुरन्त भरने के निर्देश दिये। कृषि मंत्री ने रेशम उत्पादन की लागत घटाने के लिए सोलर पावर प्लांट अवस्थपित करने के निर्देश दिये तथा किसानों को अधिक से अधिक प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिये। उन्होंने वेस्ट के रूप में बचे पत्तियों को मुर्गियों के चारे के रूप में व्यवसायिक उपयोग करने के निर्देश दिये।
समीक्षा के दौरान पूर्व निदेशक रेशम एस0एन0शर्मा ने बताया कि जिला योजना में 2016-17 में 231.366 मिट्रिक टन रेशम कोय का उत्पादन किया गया जिसका 2017-18 में  290 मिट्रिक टन लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि जैविक रेशम विकास कार्यक्रम में वर्ष 2017-18 में विभागीय उद्यानों तथा निजी लाभार्थियों के माध्यम से 20 मिट्रिक टन जैविक उर्वरक का उत्पादन/उपयोग का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 में 2.0 लाख डी0एफ0एल्स(रोग मुक्त) रेशम कीटाण्डों पर सहायता उपलब्ध कराई गई है। जिस पर कृषि मंत्री ने इस वर्ष यह लक्ष्य 6 लाख तक पहुँचाने के निर्देश दिये। उनका कहना था कि इस उद्योग में निर्बल आय  वर्ग के कृषक खेतिहर मजदूर तथा एस0सी0एस0टी0 के परिवार, सीमान्त कृषक जुडे़ हुए हैं। उन्होंने योजना का लक्ष्य बढ़़ाकर इससे जुड़े हुए परिवारों को अधिक से अधिक  लाभ दिलाने के निर्देश दिये।
उन्होंने केन्द्रीय बीज बोर्ड तथा केन्द्रीय रेशम बोर्ड के वैज्ञानिकों से रेशम उत्पादन को बढ़ाने के लिए आवश्यक सुझाव मांगे तथा उनको कार्य योजना में शामिल करते हुए ठोस प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश अधीनस्थ अधिकारियों को दिये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव डाॅ0 रणवीर सिंह, संयुक्त निदेशक ए0के0यादव, उपनिदेशक अरविन्द ललोरिया, केन्द्रीय रेशम बोर्ड वैज्ञानिक दिनेश चन्द्र जोशी, केन्द्रीय बीज बोर्ड के वैज्ञानिक ए0ए0सिद्धिकी अनुभाग अधिकारी राजेन्द्र झिंकवाण, सहित समस्त जनपदों के सहायक निदेशक मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *