केदारनाथ धाम में ’स्मृति पर्यटन’ को विकसित करने के कॉन्सैप्ट पर विस्तृत चर्चा!सतपाल महाराज ने की संस्कृति राज्य मंत्री (स्तंत्र प्रभार) से भेंट!

देहरादून   11  जून,  2019 (हि.डिस्कवर)

प्रदेश के सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, लघु-सिंचाई, वर्षा जल संग्रहण, जलागम प्रबन्धन, भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाएं, पर्यटन, तीर्थाटन, धार्मिक मेले एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने नई दिल्ली में केन्द्रीय पर्यटन, संस्कृति राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल से शिष्टाचार भेंट की।

इस दौरान वर्ष 2013 में आयी भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद तेजी से उबर रहे केदारनाथ धाम में ’स्मृति पर्यटन’ को विकसित करने के कॉन्सैप्ट पर विस्तृत चर्चा हुई। महाराज द्वारा चारधाम यात्रा तथा बद्रीनाथ एवं केदारनाथ में किये गये विकास कार्यों सम्बन्धी जानकारी भी केन्द्रीय मंत्री को उपलब्ध करायी गयी। इसके अतिरिक्त दोनों मंत्रियों के मध्य महाभारत सर्किट तथा अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर भी चर्चा हुई।
उन्होनें कहा कि राज्य सरकार की योजना स्मृति पर्यटन की अवधारणा के अन्तर्गत केदारनाथ में वर्चुअल रियलिटी पर आधारित थीम पार्क तथा वैज्ञानिक एवं वास्तविक मॉडलों से सजा हुआ एक सगं्रहालय निर्मित करने की है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय मंत्री द्वारा इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की गयी।
हाल ही में स्वयं बद्रीनाथ तथा केदारनाथ धाम की यात्रा पर गये पर्यटन मंत्री ने दर्शन के लिए लम्बी लाईन में खड़े श्रद्धालुओं के लिए पीने के पानी, शौचालय तथा धूप से बचने के लिए शेड की आवश्यकता को जरूरी समझते हुए इस पर आवश्यक कार्यवाही करने का अनुरोध भी केन्द्र सरकार से किया। उन्होनें बताय कि इस पर राज्य सरकार से प्रस्ताव मांगा गया है।
पर्यटन मंत्री, सतपाल महाराज ने बताया कि आपदा के पश्चात मास्टर प्लान के तहत केदारनाथ में युद्ध स्तर पर अवस्थापना कार्य किये गये हैं। इसी की परिणति है कि 2013 से 2019 के दौरान यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में निरन्तर इजाफा हुआ है। वर्ष 2018 में चारधाम यात्रा (बद्रीनाथ,केदारनाथ,गंगोत्री तथा यमुनोत्री) हेतु 26,22,325 श्रद्धालु आये। जिसमें से 7,31,991 श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किये। इस वर्ष भी केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि से अबतक लगभग चार लाख यात्री केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं। केदारनाथ धाम के प्रति पर्यटकों में निरन्तर बढ़ रहे आर्कषण को देखते हुये भविष्य में और अधिक पर्यटकों को इस ओर आकर्षित करने के दृष्टिगत ’स्मृति पर्यटन’ की अवधारणा पर आधारित पर्यटन को विकसित किया जा सकता है। इस दौरान महानिदेशक पर्यटन, मीनाक्षी शर्मा तथा उत्तराखण्ड की संयुक्त निदेशक पर्यटन पूनम चंद भी उपस्थित रही।

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