केंद्रीय गृह मंत्रालय की सात सदस्यीय टीम आराकोट पहुंची आपदा नुकसान का जायजा लेने।

आराकोट (उत्तरकाशी) 29अगस्त 2019 (हि. डिस्कवर)

केंद्रीय गृह मंत्रालय भारत सरकार की सात सदस्यीय टीम गुरुवार को आराकोट पहुंची। सात सदस्यीय दल में संयुक्त सचिव आपदा प्रबंधन गृह मंत्रालय भारत सरकार संजीव कुमार जिंदल,निदेशक वित्त मंत्रालय थागलेमिलन, निदेशक कृषि सहकारिता कृषक कल्याण विपुल कुमार श्रीवास्तव,अधीक्षण अभियन्ता जल शक्ति मंत्रालय, केन्द्रीय जल आयोग सुधीर कुमार, निदेशक ग्रामीण विकास मंत्रालय चन्द्रशेखर, निदेशक ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार सुनील जैन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार खेड़ा शामिल हैं।

केंद्रीय दल ने बीते 18 अगस्त को उत्तरकाशी जिले के सुदूरवर्ती तहसील मोरी के आराकोट बंगाण, मलाना, मोलडी, में अतिव्रिष्टि से हुए भारी नुकसान का स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया तथा केंद्र से हर संभव मदद का भरोसा क्षेत्रवासियों को दिया।उसके उपरांत केन्द्रीय टीम ने जिला स्तरीय अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक लेते हुए दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की जानकारी ली।

जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने अतिव्रिष्टि से हुई परिसंपत्तियों के नुकसान का ब्यौरा केंद्रीय टीम को दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि अतिव्रिष्टि से 95 हेक्टेयर भूस्खलन व 175 हेक्टेयर मलबा आने से कुल 270 हेक्टेयर कृषि भूमि क्षतिग्रस्त हुई है। जिसमें 47 हेक्टेयर क़ृषि फसल व 128 हेक्टेयर वागवानी (बगीचों)की क्षति हुईं हैं। 9 करोड़ 84 लाख का नुकसान हुआ है।

वही स्वास्थ्य विभाग ने आपदा पीड़ित 1897 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया व आवश्यक दवाई इत्यादि वितरित की। जबकि आपदा से 27 लोग गम्भीर घायल भी हुए 7 गंभीर घायलों को हैली से हायर सेंटर देहरादून भेजा गया और 20 को एम्बुलेंस, व 108 से सड़क मार्ग द्वारा हायर सेंटर भेजा गया। वहीं आपदा से एलोपैथिक चिकित्सालय टिकोची व उप केंद्र चिंवा क्षतिग्रस्त हुआ है,1 करोड़ 90 लाख की परिसंपत्ति का नुकसान हुआ है।जल संस्थान की 29 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई है 2 करोड़ 13 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। इसी तरह विद्युत विभाग के हाईटेशन पोल सहित 610 पोल, 8 ट्रांसफार्मर 34 किमी विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। करीब 2 करोड़ 68 लाख की क्षति हुई है।

आराकोट चिंवा सड़क मार्ग के साथ ही आंतरिक सड़क मार्ग व छोटे- बड़े पुल भी क्षतिग्रस्त हुए है। क़रीब 22 करोड़ की क्षति हुई है। उन्होंने बताया कि किराणु, दुचाणु को जोड़ने वाला मोटर पुल लगभग 50 मीटर व जाकटा में 42 मीटर स्पान के स्टील गार्डर पुल क्षतिग्रस्त हुए है। वहीं टिकोची में करीब 50 मीटर स्पान का झूला पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। इसी तरह चिंवा, भटाड़ी,एराला,मलाना, उपला मलाना, बरनाली मेंआरसीसी के छोटे ब्रिज क्षतिग्रस्त हुए है। वहीं शिक्षा आदि विभागों की परिसंपत्तियों का भी भारी क्षति हुई है।

जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा से 197 छोटे बड़े पशु हानि हुई है तथा मानव क्षति 16 की म्रत्यु व 27 घायल हुए थे। करीब 1454 प्रभावित लोगों को हैली व मजदूरों के माध्यम से जरूरी सामान व रसद दी गई।

पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट,उप जिलाधिकारी अनुराग आर्य,आकाश जोशी,ईई धीरेंद्र सिंह,अधिशासी निदेशक पीयूष रौतेला,मुख्य अभियंता लोनिवि एजाज अहमद, अधीक्षण अभियंता जल संस्थान आर .एस रोहिला, आपदा रिस्पांस स्पेशलिस्ट वीवी गणनायक, भूवैज्ञानिक डॉ के.एस. सजवाण, परियोजना निदेशक आर. एस रावत,जिला विकास अधिकारी संजय सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी गोपाल मटूड़ा,मुख्य कृषि अधिकारी महिदर सिंह तोमर,अर्थ एवं संख्या अधिकारी वीरेंद्र पुरी,जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल, जिला समन्वयक शार्दुल गुसाईं सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।

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