कुछ तो गड़बड़ है दया…! मंत्रीमंडल विस्तार को दिल्ली दरबार में आखिर क्यों?
(मनोज इष्टवाल)
भाजपा के उत्तराखंड के सभी क्षत्रपों की दिल्ली दरबार की उपस्थिति बता रही है कि कुछ गुल अवश्य खिलने वाला है। जैसे सीआईडी सीरियल में एक डायलॉग है कुछ तो गड़बड़ है दया…!

कहीं न कहीं इतने दिन से सोशल मीडिया व कुछ न्यूज़ चैनलों में चल रही खबर का यह असर आज दिखने को मिल रहा है। आज उत्तराखण्ड भाजपा के सभी क्षत्रपों का जिस तरह दिल्ली में दरबार लगा है उससे पक्षी व विपक्षी सभी हैरान परेशान हैं। कुछ सांसद मंत्री व विधायक नदारद हैं तो लोगों की बेचैनी बढ़नी स्वाभाविक है।
जहां खबर है कि मुख्यमंन्त्री त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर दिल्ली में जमावड़ा लगाए हैं वहीं सूत्र कहते हैं कि इसके उलट कुछ और ही बात है जो छनकर बाहर आ रही है।
लोगों का मानना है कि अगर मंत्रीमंडल विस्तार की बात थी तो उसके लिए दिल्ली जाने की क्या आवश्यकता पड़ी। क्या भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी इतनी कमजोर है कि वह मंत्रिमंडल विस्तार नहीं कर पा रही है, या फिर मोदी-शाह व नड्डा ने कोई डंडा चलाया है जिस से इस तरह दिल्ली में हाजरी लग रही है।
बहरहाल कुछ दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री प्रदेश भाजपा में अस्थिरता की बात कह चुके हैं। यह अस्थिरता उन्हें त्रिवेंद्र सरकार को बचाने के समर्थन में दिखाई दी या फिर उसे हटाने के। यह स्पष्ट कह पाना मुश्किल है।
आज जिस तरह उत्तराखंड के सभी भाजपाई नेता दिल्ली में जमें हुए हैं उसके दो अर्थ लगाए जा रहे हैं। पहला या तो मंत्रिमंडल विस्तार ही होगा या फिर 21 से 25 तारीख तक कुछ अहम फैसला।