कामगारों की पेंशन में वृद्धि! उपनल से हटकर एक और आउटसोर्सिंग एजेंसी की कवायद शुरू!
देहरादून २४ अक्टूबर (हि. डिस्कवर)
प्रदेश के श्रम, सेवायोजन, प्रशिक्षण, वन एवं वन्य जीव, पर्यावरण एवं ठोस, अपशिष्ट निवारण, आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में विधान सभा स्थित सभाकक्ष में उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की बैठक हुई।

बैठक में मजदूरों के हितों के लिए अनेक कल्याणकारी योजना के सम्बन्ध में निर्णय लिये गये। 60 वर्ष के आयु पूर्ण कर चुके कामगारों को 1000 रूपये की जगह 1500 रूपये प्रतिमाह की पेंशन दी जायेगी। कामगारों को भवन खरीद एवं निर्माण के लिए 50 हजार रूपये से बढ़कार 1 लाख रूपये के ऋण रियायती दर पर दी जायेगी। लकवा, कुष्ठ रोग, दुर्घटना के कारणों से अपंगता पर 1000 हजार रूपये की जगह 1500 रूपये की पेंशन दी जायेगी।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण पर केन्द्रांश के अतिरिक्त जो भी राशि लाभार्थी द्वारा दी जाती थी उसे अब बोर्ड द्वारा देने का निर्णय लिया गया है। पैरामेडिकल, नर्सिंग, मेडिकल के पढ़ाई करने वाले मजदूरों के बच्चों की आधी फीस दी जायेगी। खेल में प्रोत्साहन हेतु राज्य स्तर पर चयन होने पर 1000 रूपये और राष्ट्रीय स्तर पर चयन होने पर 5000 रूपये प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। राज्य स्तरीय महाराणा प्रताप स्पोटर्स काॅलेज में चयन पर 2500 रूपये प्रतिमाह एवं राष्ट्रीय स्पोट्र्स काॅलेज पटियाला में चयन हेतु 10 हजार रूपये प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
ऐसे मजदूर जिनका 1966 कर्मकार अधिनियम के तहत पंजीकरण है उनको यह सुविधा दी जायेगी। राज्य में इनकी संख्या लगभग 2 लाख 6 हजार है।
सरकारी भवन, सड़क मनरेगा, सिंचाई नहर, हाईड्रोप्रोजेक्ट, आॅल वेदर रोड़, रेलवे, पीडब्ल्यूडी एवं अन्य निर्माण में जो मजदूर 90 दिन कार्य करते हैं उनका पंजीकरण होगा तथा इन परियोजनाओं पर खर्च होने वाली 1 प्रतिशत की धनराशि इस बोर्ड को मिलेगी। बैठक में प्रभारी सचिव हरवंश सिंह चुग, अपर सचिव वित्त अर्जुन सिंह, अपर सचिव विधि महेश कौशिबा, श्रमायुक्त आनन्द श्रीवास्तव, बोर्ड के सदस्य मानसिंह, विजय नागर, शशि बाला, शैलेश गुसांई इत्यादि मौजूद थे।
वहीँ दूसरी ओर उपनल के अतिरिक्त एक अन्य आउटसोर्सिंग एजेंसी बनाने के लिए डाॅ0 हरक सिंह रावत ने विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में बैठक ली। सैनिक कल्याण के तहत अब तक उपनल द्वारा सैनिक एवं आश्रितों के आउटसोर्सिंग, के रूप मंे रोजगार देता था। इसलिए इसके अतिरिक्त अन्य आउटसोर्सिंग के गठन, इसके कारर्पोरेशन के स्वरूप पर चर्चा की गई। इसका नोडल विभाग सेवायोजन विभाग होगा। सेवायोजना विभाग के अधीन यह एजेंसी कार्य करेगी। इसका उद्देश्य बेरोजगारों को रोजगार देना है। सेवायोजन विभाग को गतिशिल बनाना है। इस एजेंसी में सेवायोजना विभाग के अधिकारी पदेन रूप में कार्य करेंगे। इस खाके का एक स्पष्ट रूप बनाकर कैबिनेट में लाने का निर्णय लिया गया।