कश्मीरी युवाओं के पास दो ही रास्ते! एक तरफ टूरिज्म तो दूसरी तरफ टेररिज्म- प्रधानमन्त्री

कश्मीरी युवाओं के पास दो ही रास्ते! एक तरफ टूरिज्म तो दूसरी तरफ टेररिज्म- प्रधानमन्त्री!
एक पत्थरों से अपनी जिन्दगी संवार रहे हैं एक पत्थर फैंककर जिन्दगी मिटा रहे हैं!

प्रधानमंत्री ने रविवार के दिन जम्मू-कश्मीर को एशिया की सबसे लंबी सुरंग के रूप में तोहफा दिया। उन्होंने जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर 9.2 किलोमीटर लंबी चनैनी-नाशरी टनल का उद्घाटन किया।पीएम मोदी ने ऊधमपुर के बट्टल बालियां लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सुरंग जम्मू कश्मीर के लिए विकास की लंबी छलांग है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां जो भी लोग उपस्थित हैं वो सबलोग मिलकर इसका उद्घाटन कीजिए। पीएम ने कहा हिमालय की गोद में सुरंग बनाकर हमने पर्यावरण की रक्षा का काम किया है।पीएम ने कहा कि इस सुरंग में जम्मू-कश्मीर के युवाओं के पसीने की महक है। इस सुरंग की चर्चा पूरे विश्व में होगी।

मोदी ने कश्मीरी युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पत्थर की ताकत क्या होती है। एक तरफ कुछ नौजवान पत्थर मारने में लगे हैं और कुछ ने पत्थर काट कर यह सुरंग बना दी। ये कश्मीर घाटी की भाग्य रेखा होगी। यह सुरंग कश्मीर के लिए नए रोजगार के मार्ग खोलेगा। पीएम ने कहा कि 40 साल से कश्मीर में आतंकवाद से धरती लहूलुहान हुई है। कश्मीर के युवाओं के पास दो रास्ते हैं एक ओर टूरिज्म है दूसरी तरफ टेररिज्म है। पीएम ने कहा कि नौजवानों को टूरिज्म की ताकत समझनी होगी।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) का भी जिक्र किया। मोदी ने कहा कि विकास का सपना देखने का अधिकार सभी के पास है। पीओके के लोगों को भी विकास के बारे अपनी राय रखने का अधिकार है। पीएम मोदी सार्वजनिक तौर पर अपने भाषण में दो बार पीओके का जिक्र कर चुके हैं। इससे पहले स्वंतत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्रचारी से पीएम मोदी ने पीओके का जिक्र किया था।

एशिया की सबसे लंबी सुरंग
टनल की कुल लंबाई नौ किलोमीटर है, जो कि एशिया में सबसे लंबा टनल है।
अगर कोई दुर्घटना होती है तो टनल के साथ एस्केप टनल बनाया गया है। इस टनल से ही यात्रियों को बाहर निकला जाएगा।
टनल में आयल टैंकर या फिर गैस टैंकर को चलने की इजाजत नहीं होगी।
टनल के बीच एसओएस बनाए गए हैं। इनमें कोई भी समस्या आने पर यात्री तुरंत यहां बटन दबाकर कंट्रोल रूम को सूचित कर सकता है।
टनल पूरी तरह से मानव रहित होगा और इसका पूरा संचालन कंट्रोल रूम से होगा।
पर्यावरण को विशेष ध्यान रखा गया है। टनल के बाहर केवल स्वच्छ हवा ही जाएगी ताकि पर्यावरण प्रदूषित न हो।
टनल के आने और जाने का एक ही रास्ता है।
बारह हजार टन स्टील और पैंसठ लाख सीमेंट की बोरियां इस्तेमाल हुई हैं।
 

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