और… अमेरिकन्स के बैंड के साथ गूंजा “धरती हमरा गढ़वालैs की कतगा रौंतेली स्वाणीचा!” नेगी दा की प्रस्तुती पर झूमे अमेरिकन व दर्शक!

(मनोज इष्टवाल)

अमेरिकन बैंड….! द ब्लू ग्रास जर्नीमैन अर्थात दुसरे शब्दों में कहें तो इस बैंड के मेंडोलियन वादक पैट्रिक फिटिसमोंस, स्लाइड गिटारिस्ट विल्ली कार्डिनी, बासवादक जीन लुई डेविस, बैंजो वादक शान निकलीं, वायलन वादक कॉलेमन स्मिथ, सेलोवादक एंड्रू कॉनली व गिटारिस्ट ग्ले बेकर इत्यादि की टीम! जो सात समुदर पार मेरिकी धरती से उत्तराखंड की पावन धरती पर अमेरिकी लोकगीतों का मजमा लगाने चौरासी कुटिया ऋषिकेश में धमाल मचाने पहुंची थी, के साथ उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने अपनी आवाज में जुगलबंदी कर कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए!

ज्ञात हो कि बीटल्स के नाम से सुबिख्यात चौरासी कुटिया में विश्व के विभिन्न देशों के विश्व प्रसिद्ध लोककलाकार आते हैं और विगत बर्ष बड़ी धूमधाम से उत्तराखंड के पर्यटन विभाग व वन विभाग ने मिलकर यहाँ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बीटल्स फेस्टिवल भी मनाया है!

ऐसा ही एक ख्यातिप्राप्त अमेरिकन बैंड समूह अपनी प्रस्तुती के लिए चौरासी कुटिया पहुंचा जिन्होंने इच्छा जाहिर की कि वे यहाँ के सुप्रसिद्ध लोकगायक के साथ अपना संगीत साझा करना चाहते हैं! ऐसे में लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ही एक मात्र ऐसा विकल्प नजर आया जो इस अवसर पर प्रदर्शन के लिए उपयुक्त माना गया! लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के साथ हुडके पर संगत करने सुप्रसिद्ध हुडका व मोछंग वादक राम चरण जुयाल भी उपस्थित रहे! यह पहला अवसर था जब किसी अन्तर्राष्ट्रीय विदेशी बैंड ने किसी उत्तराखंडी लोकगायक के साथ अपने संगीत में जुगलबंदी की हो!

लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने इस बैंड के साथ “धरती हमरा गढ़वालै की, कतगा रौंतेली स्वाणी चा!” गीत पर जुगलबंदी की! इस जुगलबंदी में यह साफ़ लग रहा था कि अमेरिकन बैंड की लोकसंस्कृति में गायक परिपाटी थोड़ा सा हटकर है क्योंकि अस्थाई व अन्तराओं के अंतराल में बजने वाला डबल ट्रैक म्यूजिक वे सिंगल बजा कर इन्तजार करते रहे कि लोकगायक नेगी जी अपनी अगली पंक्ति गायें जिसे भांपते हुए नेगी जी ने उत्साह बढाते हुए सांकेतिक भाषा में ही समझा दिया कि यहाँ सिंगल नहीं डबल ट्रैक म्यूजिक की आवश्यकता है!

यह सचमुच बड़ा मौका था जब अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज तक गढ़वाल की आवाज, गढ़वाल के सुर ऐसे गीत के साथ गए जो उत्तराखंड का गुणगान करते नजर आते हैं! यह दुर्लभ इसलिए भी है कि इस बैंड के साथ बजी यह कम्पोजीशन अब न सिर्फ उत्तराखंडी रिकॉर्ड रह गया है बल्कि अब यह आवाज अन्तर्राष्ट्रीय हो गयी है! यह स्पष्ट है कि इस गीत के प्रत्येक बोल को यह बैंड अनुवाद करवाएगा और इसका अर्थ समझेगा! यह सुखद होगा कि जब वह इसके अनुवाद को जानेंगे तो स्वाभाविक तौर पर गीतकार व गायक के उन शब्दों का पीछा भी करेंगे जो उसने अपनी थाती-माती के जयगान में लिखे व गाये!

शुक्रिया नेगी जी…! यह क्षण सिर्फ आपके लिए नहीं बल्कि हर उत्तराखंडी के लिए दुर्लभ है क्योंकि यह गीत कम और हमारी थाती माटी में मिश्रित उन सभी उपादानों का बहुमूल्य अमृत घोल है जो जब आपके कंठ से उतरकर अन्य के कानों के रास्ते दिल तक पहुंचता है तो इस धरा का व्यक्तित्व स्वाभाविक तौर पर हिमालय सा ऊँचा दिखने लगता है!

ज्ञात होकि उपरोक्त कार्यक्रम अमेरिकन एम्बेसी के सौजन्य से चौरासी कुटिया में आयोजित किया गया था!

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