ओलों की मार से बंगाण-आराकोट की 19 ग्रामसभाओं के 100 से अधिक बागानों का करोड़ों का सेब नष्ट!
(मनोज इष्टवाल)

मानसून क्या आया क़यामत बन गया और इस क़यामत का शिकार बना उत्तराखंड जनपद के उत्तरकाशी जिले का वह सीमान्त क्षेत्र जो हिमाचल से राज की सीमा बांटता है! टोंस नदी पार आराकोट-बंगाण के कास्तकारों के लिए यह बारिश कहर बनकर आई व पूरे साल भर की मेहनत को पल भर में बर्बाद करके चली गयी!

बंगाण क्षेत्र के किरोली-लुवासु से लेकर कोटिगाड-आराकोट तक लगभग 19 ग्रामसभाओं के 100 से अधिक सेब बागानों की लाखों पेटी सेब को ओलों की मार ने झटके में तबाह कर दिया! यह नुकसान करोड़ों का बताया जा रहा है!

ग्राम प्रधान कुकरेडा चतर सिंह रावत, राधेश व चमन (किरोली), बिपेंद्र व रमेश (टिगराणा/सुनारा), कुशाल सिंह (किराणु), लाइकराम (दुचाणु) व रणजीत चौहान झोटाडी सहित दर्जनों लोगों ने इस बर्बादी को अपनी आँखों के सामने होते देखा है! ग्राम प्रधान चतर सिंह रावत बताते हैं कि वे तब अपने बागीचों में ही थे जब बड़े बड़े ओले बिलकुल तोड़ने को तैयार सेबों को बर्बाद कर रहे थे! उन्होंने उसका वीडिओ भी बनाया व बताया कि इस बारिश ने यहाँ के कास्तकारों को करोड़ों का नुकसान पहुंचा दिया है अब इसकी भरपाई कैसे होगी ये कहना सम्भव नहीं है!
ग्रामीणों का कहना है कि वह इस बाबत जिलाधिकारी के माध्यम से अपनी बात सरकार तक पहुंचाएंगे ताकि ऐसे कास्तकारों को फसली नुकसान की कुछ तो राहत मिल सके!
उत्तरकाशी के किरोली के बागानों में भयंकर बारिश व ओले से सेब की फसल को भारी नुकसान। हजारों पेटी सेब/लुबासु व लाखों का नुकसान।
Posted by Manoj Istwal on Thursday, 4 July 2019