एक दिन में एक करोड़ लीटर पाणी बचा सकते हैं उत्तराखंडवासी- मुख्यमंत्री

देहरादून 31 मई (हि. डिस्कवर)
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित नवसृजित डोईवाला तहसील के स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रूप में प्रतिभाग किया। अधिवक्ता संघ को धन्यवाद देते हुए मुख्यमंत्री  ने कहा कि राज्य में सरकार को अभी ढाई महीने हुए है तथा केन्द्र में सरकार ने 3 वर्ष पूरे किए है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  ने जिस प्रकार 3 वर्ष पूरे किए है वह दुनिया के लिए आंखे खोलने वाला है। प्रधानमंत्री  की राजनयिक सफलता आज राजनीतिक के अतिरिक्त आर्थिक मंच पर भी है। प्रधानमंत्री जी विश्व में जहां भी जाते है वहां भारत अपनी पहचान छोड़ता है। विश्व पटल पर भारत उभर रहा है। आर्थिक मंच पर भारत आज बहुत आगे निकल चुका है। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच वर्षो में भारत मजबूत अर्थव्यवस्था बन कर उभरेगा। जीएसटी लागू होने से अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि हम भ्रष्टाचार तथा जातिवाद से मुक्त हो जाते है तो उत्तराखण्ड एक विकसित राज्य बन जाएगा। उत्तराखण्ड देवभूमि है, यहां संसाधनों की कोई कमी नही है। समाज के सभी वर्गो के सहयोग से भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि हम ईमानदारी व सच्ची सोच के साथ कार्य करे तो उसका परिणाम सदैव अच्छा ही होगा। भ्रष्टाचार के विरूद्ध हमारी नीति जीरो टोलरेंस की है। परन्तु भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ाई में जन भागीदारी आवश्यक है। इसके लिए हम सब को एक होना होगा। उन्होने कहा कि हमारी जिम्मेदारी अपने प्रदेश व जनता की प्रति है न कि कुछ व्यक्तियों के प्रति। हम भ्रष्टाचार की लड़ाई में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही करने से हिचकिचाएगें नही।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि हमारे राज्य में 20 लाख टाॅयलेटस है। राज्य की 1.10 करोड़ की आबादी है। प्रति व्यक्ति द्वारा शौचालय प्रयोग के दौरान एक दिन में लगभग 7 से 10 लीटर पानी का उपयोग किया जाता है। यदि प्रत्येक व्यक्ति एक लीटर पानी भी रोज बचाता है तो सम्पूर्ण राज्य में हम लगभग 1 करोड़ लीटर पानी बचा सकते है।यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता से अपील की इसके लिए हमें अपने टाॅयलेट के सिस्टर्न में एक लीटर की प्लास्टिक की बोतल में आधा रेत व आधा पानी भरकर रखना होगा। इस प्रकार यदि एक परिवार प्रतिदिन 15 बार सिस्टर्न चलाता है तो प्रतिदिन 15 लीटर पानी की बचत होगी। ऐसा करने से सिस्टर्न की कार्यकुशलता पर कोई प्रभाव नहीं पडे़गा, किन्तु प्रदेश भर में एक वर्ष में लगभग 547.50 करोड़ लीटर पानी की बचत होगी। उन्होंने कहा कि हमें इस उपाय को अपने घरों के अतिरिक्त कार्यालयों तथा होटलो में भी अपनाना होगा।  इस अभियान में आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। उत्तराखण्ड का यह अभियान पूरे देश में पहुचना चाहिए।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि बार ऐसोसिएशन द्वारा रजिस्ट्रार की मांग का मूल्यांकन करके इस पर विचार किया जाएगा।
इस अवसर पर बार ऐसोसिएशन के सभी वरिष्ठ अधिवक्ता उपस्थित थे।

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