उरी "द सर्जिकल स्ट्राइक" क्या सचमुच पटकथा लेखक ने इतनी खूबसूरत पटकथा को अंजाम दिया!
(मनोज इष्टवाल)
फिल्म रिलीज होने को ही थी कि सर्जिकल स्ट्राइक पुस्तक के लेखक व पत्रकार नितिन ए. गोखले कोर्ट पहुँच गए और बोले- मेरी बिना इजाजत के सारी पटकथा चोरी कर दी गयी है! यह केस उन्होंने फिल्म निर्माता रोनी स्क्रूवाला व फिल्म के लेखक व निर्देशक आदित्य धर पर दर्ज करवाया!बहरहाल ले देकर यह मामला निबटा जैसा कि मीडिया खबरों में सुनने को मिला! और हम एक बेहतरीन फिल्म को सांस रोके ठीक उसी तरह मिनट टू मिनट देखते रहे जैसे सर्जिकल स्ट्राइक पर देश के प्रधानमन्त्री, राष्ट्रपति, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री व सेना के तीनों अंगों की नजर गढ़ी हुई थी!

आदित्य धर की पटकथा लेखन व रिसर्च ने साबित कर दिया है कि वह न सिर्फ एक निर्देशक नहीं हैं बल्कि पटकथा भी कमाल की लिखते हैं! फिल्म में विक्की कौशल, मोहित रैना, परेश रावल और यामी गौतम जैसे स्टार्स हैं!जितने भी लोग सिनेमा घर में थे सब हर दृश्य का बेहद संजीदगी से लुत्फ़ उठा रहे थे और बाद में इंडियन आर्मी ज़िंदाबाद! भारत माता की जय..! के नारे लगाते हुए फक्र से बाहर निकले! बाहर निकलते हुए भी सब फिल्म सम्बन्धी चर्चा में ही मशगूल दिखाई दे रहे थे!ज्ञात होकि “सेक्युरिंग इंडिया – द मोदी वे, पठानकोट, सर्जिकल स्ट्राइक एंड मोर” पुस्तक के लेखक एवं पत्रकार नितिन ए गोखले ने फिल्म के निर्माता रॉनी स्क्रूवाला और निर्देशक आदित्य धर के खिलाफ कॉपीराइट उल्लंघन के आरोप में शिकायत दर्ज करायी है। जिसके जवाब में फिल्म निर्माता स्क्रूवाला व निर्देशक आदित्य धर के वकील ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौरव राव से कहा कि तथ्यों और विचारों पर कोई कॉपीराइट नहीं होता। घटना के बाद सार्वजनिक रूप से काफी सूचनाएं उपलब्ध थीं। किताब और फिल्म के बीच महज समानताओं को कॉपीराइट उल्लंघन के तौर पर नहीं बताया जा सकता है। इस पर दिल्ली की एक अदालत ने फिल्म ‘उरी : द सर्जिकल स्ट्राइक’ के निर्माताओं और इस घटना पर आधारित किताब के लेखक को शुक्रवार को कहा कि वे कॉपीराइट मुद्दे को सौहार्दपूर्वक सुलझाने की संभावना तलाशें। और अंत में आपसी समझौते के बाद एक बेहतरीन फिल्म देशवासियों तक पहुंची! यकीन मानिए ऐसी फ़िल्में बननी जरुरी हैं इस से न सिर्फ फ़ौज का मनोबल बढ़ता है बल्कि फ़ौज के प्रति हर भारतीय का जूनून और जज्वा गर्व के साथ कायम रहता है! सच में सटीक पटकथा और डायलॉग ने साबित कर दिया मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि यह पटकथा लगभग 10 बार रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय के एक्सपर्ट की टेबल से गुजरकर फाइनल हुई होगी! और अगर ऐसा ही हुआ है तो ऐसे सेंसटिव मसलों को ऐतिहात के तौर पर इसी तरह देखा भी जाना चाहिए नकि किसी जाति-धर्म के मसलों की प्रवाह न करते हुए बेवजह का धार्मिक उन्माद फैलाकर व्यवसाय करना! आपदा के नाम पर बनी फिल्म “केदारनाथ” इसका बड़ा उदाहरण है! मेरा मानना है केदारनाथ जैसे बिषय पर बन रही फिल्म की पटकथा भी पहले उत्तराखंड प्रदेश सरकार को दिखा देनी या देख लेनी चाहिए थी ताकि एक स्वच्छ साफ़ फिल्म दर्शक देख पाते! इस फिल्म ने साबित कर दिया की गीतों का अब जमाना लद गया है! गीत रोमांस वगैरह की अब इतनी गुंजाइश नहीं है! उरी “द सर्जिकल स्ट्राइक” देखकर लगा कि हम हॉलीवुड जैसी स्क्रिप्ट व फिल्मांकन कर अपने सिनेमा उद्योग को ऊँचाइयाँ दे सकते हैं!छोटी बच्ची का किरदार निभा रही बिटिया की डायलॉग डिलीवरी तक हैरान करने वाली थी! उसकी कमाल की अभिनय क्षमता ने प्रभावित किया! विक्की कौशल व परेश रावल ने अपने अपने अभिनय के साथ इन्साफ किया! सचमुच कमाल की फिल्म देखी बर्षों बाद! पूरी टीम को शुभकामनाएं..!