उत्तराखण्ड में मीजिल्स रूबैला टीकाकरण अभियान की समीक्षा!

उत्तराखण्ड में मीजिल्स रूबैला टीकाकरण अभियान की समीक्षा!
देहरादून  2 नवम्बर 2017 (हि. डिस्कवर)
उत्तराखण्ड में मीजिल्स रूबैला टीकाकरण अभियान की समीक्षा मिशन निदेशक, एन0एच0एम0 श्री चन्द्रेश कुमार द्वारा की गयी। समीक्षा उपरान्त मीडिया को जारी प्रैस विज्ञप्ति में बताया गया है कि यह अभियान राज्य के सभी जनपदों में पूर्व निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार संचालित हो रहा है और विगत दो दिनों के अन्तर्गत 3.69 लाख बच्चों को एम0आर0 का टीका लगाया जा चुका है।
ज्ञातव्य है कि उत्तराखण्ड में मीजिल्स रूबैला का टीकाकरण अभियान 30 अक्टूबर से प्रारम्भ हो चुका है और एक माह तक चलने वाले इस अभियान में राज्य के 09 माह से 15 वर्ष आयु के लगभग 29 लाख बच्चों को टीका लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित है। मिशन निदेशक ने जनपदों से प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया कि राज्य के कुछ जनपदों में टीकाकरण के बाद बच्चों के अस्वस्थ होने की सूचना प्राप्त हुई है, लेकिन प्राथमिक उपचार के बाद सभी बच्चें स्वस्थ है। चन्द्रेश कुमार द्वारा मीजिल्स रूबैला के बारे में कतिपय भ्रामक सूचनाओं के प्रकाशन पर अंकुश लगाए जाने के बारे में सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह संबंधित जिलाधिकारियों के माध्यम से मीडिया के साथ निरन्तर समन्वय रखे और उन्हें मीजिल्स रूबैला टीका के सुरक्षित होने तथा किसी भी प्रकार के कुप्रभाव नहीं होने की तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराए।
मीजिल्स रूबैला टीका अभी तक देश के विभिन्न राज्यों के लगभग 06 करोड़ बच्चों को लगाया जा चुका है और किसी भी राज्य से टीके के कुप्रभाव की जानकारी नहीं हुई है। चिकित्सकों के अनुसार यह टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है, बच्चों में टीकाकरण का डर और मनोवैज्ञानिक दवाब के कारण ही अस्वस्थता की स्थिति देखी जा सकती है, लेकिन यह स्थिति सभी बच्चों में नहीं होती है।
मीजिल्स रोग के उन्मूलन तथा रूबैला बीमारी पर नियंत्रण हेतु मीजिल्स रूबैला का यह टीका आवश्यक है, जिसे भारत सरकार, विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं यूनिसेफ के सहयोग से उत्तराखण्ड में संचालित किया जा रहा है। इस राज्य व्यापी अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करने हेतु विभिन्न विभागों के लगभग 62 हजार कार्मिक तैनाती किए गए है। टीकाकरण स्वास्थ्य विभाग के प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा किया जा रहा है।

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