उत्तराखण्ड के चार जनपदों में दुग्ध उत्पादन घटने से मंत्री खफा।

देहरादून  03  फरवरी,  2018 (हि. डिस्कवर)
प्रदेश के सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 धन सिंह रावत ने विधान सभा सभाकक्ष में दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक लेते हुए कहा कि प्रत्येक जनपद अपने दुग्ध उत्पादन क्षमता में वृद्धि करें। उन्होंने माकेर्टिग व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये। मंत्री ने एक माह का समय, सुधार के लिए देते हुए पुनः समीक्षा के लिए 3 मार्च को बैठक बुलाने का निर्देश दिया।
मंत्री ने समीक्षा में टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी एवं चमोली में दुग्ध उत्पादन की खराब स्थिति पर नाराजगी प्रकट की। नैनीताल जनपद के अच्छे प्रदर्शन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि खराब जनपद वाले जिलों में व्यापक शोध अध्ययन किया जाये। संयुक्त निदेशक और उपनिदेशक के अधीन दो-दो जनपद सुधार कार्य के लिए दिये जायें। हरिद्वार, उधमसिंह नगर, और देहरादून को एक लाख लीटर दुग्ध उत्पाद का लक्ष्य दिया जाये।
       मंत्री ने कहा कि मार्केटिंग व्यवस्था में जहाँ सुधार की आवश्यकता है। वहाॅ सुधार किया जाये। अच्छे लोगों की नियुक्ति की जाये। गड़बड़ी करने वालों पर कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा होटल ऐसोशिएशन, कर्मचारी ऐशोसिएशन और डिस्ट्रीब्यूटर, आवासीय विद्यालय के साथ मीटिंग की जाय।
मंत्री ने 2022 तक आर्गेनिक स्टेट और कृषकों की आय दो-गुनी करने पर विशेष बल दिया।
       इस अवसर पर अध्यक्ष राज्य सहकारी बैंक दान सिंह रावत, डेरी विभाग के निदेशक संजय कुमार, संयुक्त निदेशक जयदीप अरोड़ा, उप निदेशक संजय उपाध्याय, सहायक निदेशक अनुराग मिश्रा सहित डेरी विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

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