उत्तराखण्डी समाज ने मनाई सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर इगास। भैलौ मंडाण में झूमे लोग।
देहरादून 6 नवम्बर 2019 (हि. डिस्कवर)।
निओ विजन, बद्री केदार सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थान व गढभोज के आमन्त्रण पर उत्तराखण्डी समाज ने “इगास का भैलौ मंडाण” का आयोजन किया जिसमें उत्तराखण्ड की लोकसंस्कृति की वानगी दिखाई दी।

देहरादून के परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल मैदान में हुएस आयोजन में बड़ी संख्या में उत्तराखंड के जनमानस ने पहुंचकर अपनी लोक परम्पराओं व लोकत्यौहारों की आवाज बुलंद कर इगास के भैलौ मंडाण में अपनी भागीदारी निभाई।
टिहरी क्षेत्र के आगराखाल से भैलौ के लिए भेमल की लड़की व रस्सी मंगवाई गयी जिससे भैलौ का निर्माण किया गया। यहीं से दो जोड़ी ढोल दमाऊ भी मंगवाए गए जिनको बजाकर अपनी लोकपरम्पराओं की खुशियां मंडाण के रूप में पंडो नृत्य कर लोगों ने जश्न मनाया।

निओ विजन के गजेंद्र रमोला ने बताया कि उनका मकसद अपनी लोकपरम्पराओं को प्रदेश में भी जीवित रखने को लेकर हमेशा तटस्थ रहना है। यहां आए दिन अन्य त्यौहार जैसे छट व करवाचौथ से हमारा समाज जुड़ रहा है लेकिन हम अपने लोकत्यौहारों से अपने समाज को नहीं जोड़ पा रहे हैं उसकी पीड़ा हमें बहुत सालती है।

बद्री केदार सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थान के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल ने बताया कि यह आश्चर्यजनक लेकिन सुखद लगा जब हमारे एक व्यवसायी मित्र हिमांशु अग्रवाल ने मुझे कहा कि आप लोग सिर्फ दूसरों के लोक त्यौहारों का विरोध करो लेकिन अपनी लोकपरम्पराओं का कहीं प्रदर्शन मत करना। यह बात दिल में खटकी और गजेंद्र रमोला व गढभोज के लक्ष्मण सिंह रावत के साथ मिलकर हमने मात्र तीन दिन में इस आयोजन की पृष्ठभूमि तैयार कर यह तय कर लिया कि इगास का भैलौ कार्यक्रम आयोजित करना है।

उन्होंने कहा कि आगराखाल टिहरी से भैला, अरसे, पकोड़े व ढोल दमाऊं मंगवाए गए और देखते ही देखते जश्न की तैयारी शूरु हो गयी। जन सहयोग की बात आई तो हिन्दू धर्म संस्कृति के ध्वज वाहक स्वामी दर्शन भारती, विचार एक सोच के सम्पादक राकेश बिजल्वाण, पत्रकार आशीष नेगी, पुष्कर नेगी, सतीश इष्टवाल, बद्री केदार सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थान के सचिव सुमित इष्टवाल इत्यादि ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए यथासंभव सहायता की।

मनोज इष्टवाल ने कहा कि अगले बर्ष इसका हम वृहद आयोजन करेंगे व प्रदेश भर से लगभग 1000 भैला व 50 जोड़ी ढोल मँगाकर अपनी लोक संस्कृति का आगाज करेंगे ताकि सरकार को यह सोचने के लिए मजबूर होना पड़े कि जिस प्रदेश की हम रोजी रोटी खाते हैं उसके सांस्कृतिक व सामाजिक पक्ष को हम बाय पास न कर सकें।

कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए स्वामी दर्शन भारती, वरिष्ठ पत्रकार दिनेश कण्डवाल, मदन मोहन लखेड़ा, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, जीतमणि पैन्यूली, संजय भट्ट, आलोक शर्मा, संदीप गुसाई, प्रियांक वशिष्ठ के अलावा सामाजिक क्षेत्र में कल्याण सिंह रावत “मैती”, राकेश बिजल्वाण, रामेश्वर बहुगुणा, रोहित नौटयाल, बिशम्बर नाथ बजाज, ए पी जुयाल, श्रीमती रेणु नेगी, बद्रीश छाबड़ा, मीनू इष्टवाल, किरण बिडालिया, सतीश इष्टवाल, नरेश सिंह, सुमित इष्टवाल, श्रीमती ज्योत्सना असवाल इत्यादि मौजूद रहे।